डीगरहेडी कि निर्भियाओं को अभी भी इंसाफ का इंतजार

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आठ में से केवल 4 ही आरोपी गिरफ्तार कर सकी है पुलिस

सीबीआई को जांच सौंपने के बाद नहीं पकडा गया कोई आरोपी

 
 

यूनुस अलवी

मेवात:मेवात जिला के खण्ड तावडू के गांव डीगरेहेडी में 24/25 अगस्त 2016 कि रात्री किये गये डबल मर्डर और डबल रेप के मामले में पीडित मेवात कि निर्भियाओं को भी दिल्ली कि निर्भिया कि तरह इंसाफ का इंतजार है। पीडित महिला और उनके परिजनों को अदालत से उम्मीद है कि इस जघन कांड को अंजाम देने वाले आरोपियों को भी दिल्ली कि निर्भिया कि तरह फांसी दी जाऐगी। वो दिगर बात है कि अभी तक आठ में से केवल चार ही आरोपीयों को पुलिस गिरफ्तार कर सकी है बाकी चार आरोपी अभी पुलिस कि पकड से बहार हैं। वैसे पिछले तीन महिने से इस मामले को सीबीआई जांच कर रही है और मामले कि सुनवाई मेवात में ना होकर पंचकूला सीबीआई अदालत में चल रहा है। फिलहाल मामले कि सुनवाई कि 11 मई कि तारीख तय कि हुई है।
 
   गौरतलब है कि 24/25 अगस्त 2016 कि रात्री आधा दर्जन से अधिक हथियारबंद बदमाशों ने गांव डीगरहेडी में इंब्राहीम और रशीदन दंपति की तेजधार हथियारों से हत्या कर दी थी तथा जफरू, आईशा, नावेद और प्रवेज को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसके अलावा एक नाबालिग लडकी सहित दो बहनो के साथ दरिंदों ने उनके माता-पिता के सामने गैगरप ही नहीं किया बल्कि उनके मामा-मामी कि सामने ही हत्या कर फरार हो गये थे। पुलिस ने पीडित लोगों कि शिकायत पर सात नामजद सहित कुल आठ लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। करीब एक महिना तक चले धरना प्रदर्शन और पंचायतों के दवाब में पुलिस ने केवल संदीप, कमरजीत, अमरजीत और राहुल सहित चार ही आरोपी गिरफ्तार किये थे। पीडित और मेवात के लोगों पर पुलिस से इंसाफ कि उम्मीद ना होने कि वजह से सरकार पर दवाब बनाकर जांच के लिये सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने इस मामले कि जनवरी 2017 में जांच शुरू कर दी थी। सीबीआई ने हाई कोर्ट के आदेश पर मामला मेवात अदालत से सीबीआई कोर्ट पंचकूला ट्रांस्फर करा लिया था। पिछले तीन महिने से पंचकूला सीबीआई अदालत ही मामले कि सुनवाई कर रही है। पुलिस द्वारा पकडे गये चार आरोपियों के बाद सीबीआई ने अभी तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। वहीं अभी तक सीबीआई इस मामले में चार्जशीट ही दाखिल कर सकी है।

 

क्या कहते हैं पीडितों के वकील ?

 
वरिष्ट ऐडवोकेट नूरदीन नूर का कहना है कि अभी वे सीबीआई कि चार्जशीट का इंतजार कर रहे हैं। अगर सीबीआई उनके खिलाफ जाति है या फिर आरोपियों को बचाने का प्रयास करती है तो उसने पास कई विकल्प है जिसके माध्यम से वे इंसाफ लेकर रहेगें।  उन्होने बताया कि मामले कि सुनवाई की 11 मई तारीख लगी हुई है।
 

क्या कहती है पीडित लडकी ?

 
मां-बाप के सामने गैंगरेप किये जाने और उसके ही सामने मामा-मामी का कत्ल किये जाने का हेवानियत भरा दौर देख चुकी पीडिताओं का कहना है कि दिल्ली कि अदालत ने निर्भिया के आरोपियों को जो सजा दी है वे उससे खुश है वहीं उनको भी उम्मीद है कि उनके साथ और परिवार के साथ जो जघन अपराध किया गया है सभी आरोपी फांसी के हकदार है। उनका यह भी कहना है कि अभी चार आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं कि जा सकी है।
 
 

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