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9 साल पहले अदालत तीन आरोपियों को भगौडा घोषित कर चुकी है
यूनुस अलवी
मेवात: करीब 14 साल पहले एक नाबालिग लडकी के साथ गैंग रेप करने के आरोपियों को अदालत द्वारा 9 साल पहले भगौडा घोषित किये जाने के बावजूद भी आरोपी पुलिस कि पकड से बहार हैं। आरोपी कि पत्नि फिलहाल गांव कि महिला सरपंच है।
पीडित लडकी के परिवार वालों ने बताया कि गत 23 फरवारी को (संजीदा बदला नाम) शाम के समय पशुओं को ठंड से बचाने के लिये दूसरे घर में बांधने के लिये गई हुई थी। अचानक उनके गांव बडेड के जमशेद, आसीन और अहमद ने उसको जबरजस्ती बंधक बनाकर सरसों के खेतों में ले गये और उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिये थाने मे शिकायत दी लेकिन पुलिस ने राजनेतिक पहुंच के चलते आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कि बजाऐ उनको थाने से भगा दिया।
पीडित परिवार ने 5 मार्च 2003 को अदालत का दरवाजा खटखटाया। लंबी अदालती प्रक्रिया के बाद तीनों आरोपियों को अदालत ने 3 अप्रैल 2008 को भगौडा घोषित कर दिया लेकिन पिछले 9 साल से पुलिस ने आरोपियों को पकडना तो दूर उनके गांव दबिश तक नहीं दी है। पीडित परिवार के लोगों ने बताया कि जिस वक्त संजीदा के साथ दुष्कर्म किया गया था उस समय उसकी आयू केवल 15 साल थी लेकिन पुलिस आरोपियों को 14 साल बाद भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
वही मेवात पुलिस कप्तान कुलदीप सिंह का कहना है कि मामले तहकीकात करने के लिये पीडित परिवार को मंगलवार को बुलाया है। जानकारी लेने के बाद आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाऐगा।