सात राज्यों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मीडिया व संगत से रूबरू हुए डेरा प्रमुख
फिल्म हिंद का नापाक को जवाब-एमएसजी-2 के प्रचार का अनूठा प्रयोग
गुरुग्राम। फिल्मों के प्रचार के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक साथ सात राज्यों में लाखों वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के माध्यम से लोगों के बीच प्रचार किया गया है। सोमवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत गुरमीत डा. राम रहीम सिंह जी इंसा ने अपनी आने वाली फिल्म हिंद का नापाक को जवाब-एमएसजी-2 का इस तरह से प्रचार किया।
इस प्रचार के दौरान ही साध-संगत को आशीर्वाद देने के साथ मीडिया के सवालों के जवाब भी बेबाकी से दिए। साथ ही मैथेड ऑफ मेडिटेशन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे हर काम को आसान बनाया जा सकता है। 29 अक्टूबर-2016 को भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जीकल स्ट्राइक पर संत गुरमीत डा. राम रहीम सिंह जी इंसा ने इस फिल्म का निर्माण किया है। मात्र तीन महीने के भीतर बनी इस फिल्म का निर्माण करके कई रिकॉर्ड भी बनाए गए हैं।
खुद संत गुरमीत जी ने इस फिल्म के निर्माण के दौरान 47 किरदार निभाकर नया रिकॉर्ड बनाया, वहीं उनकी बेटी हनीप्रीत इंसा ने फिल्म के निर्माण में 21 भूमिकाएं निभाकर जैकी चेन का रिकॉर्ड तोड़ा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान फिल्म को लेकर मीडिया की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब में संत गुरमीत डा. राम रहीम सिंह जी इंसा ने कहा कि सर्जीकल स्ट्राइक करनी जरूरी हो गई थी। हर बार पाकिस्तान से आतंकी आकर हमारी सेना के जवानों का खूब बहा रहे थे। भारत ने फिर भी शंाति वार्ता का रास्ता अपनाया। हम वहां शांति का संदेश लेकर जाते रहे, लेकिन हमारे वापस आने से पहले ही पाकिस्तान पीठ में छुरा घोंपते हुए हमारे जवानों पर हमला कर रहा था। पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना जरूरी थी।
पुज्य गुरुजी ने यह भी कहा कि हमारी सेना द्वारा की गई सर्जीकल स्ट्राइक पर सवाल उठाना बेहद गलत बात है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी साख मजबूत हो रही है और हमारे ही देश में अपनी सेना के काम पर उंगली उठाकर उसका मनोबल गिराने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि आर्मी के काम पर उंगली न उठाएं। ऐेसे कार्यों के सबूत न मांगें। क्योंकि देशभक्ति का कोई सबूत नहीं होता। एेसा ही संदेश उनकी फिल्म के माध्यम से दिया जा रहा है।
अपनी बेटी को आर्मी अफसर बनाकर पाकिस्तान के खिलाफ लडऩे के पीछे का कारण संत गुरमीत जी ने बताया कि बेटियों को किसी भी सूरत में कमजोर नहीं समझा जाना चाहिए। वे अबला नहीं सबला हैं। बेटियां कहीं की भी हों, उन्हें जीवन में आगे बढऩे के मौके मिलने चाहिए। साथ ही चुनावों पर पूछे गए सवालों के जबाव में उन्होंने कहा कि चुनावों में पंजाब से बहुत सी पार्टियों के नेताओं ने उसने मुलाकात की है। उनका सबको आशीर्वाद है। बाकी का कार्यक्रम साध-संगत तय करेगी। हां यह जरूर है कि सबको मिलकर चलना चाहिए।