मनोहर सरकार का हुड्डा पर बड़ा वार : हुड्डा के करीबियों के चार पेट्रोल पंप का सीएलयू कैंसिल

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 31 जनवरी तक मुख्यमंत्री ने मांगी एक्शन टेक्न रिपोर्ट

 हाई टेंशन तार के नीचे दिए गए थे पेट्रोल पंप को सीएलयू

आर एस चौहान 

गुरुग्राम :  बीजेपी की मनोहर लाल सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर बड़ा वार किया है। हुड्डा के कार्यकाल में नियमों को ताक पर रखकर जारी किए गए 4 पेट्रोल पंपों के सीएलयू रद्द करने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। सीएम ने 31 जनवरी तक अधिकारियों से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है। ये पेट्रोल पंप गुड़गांव में प्राइम लोकेशन पर हैं, लेकिन 220 केवी की हाई टेंशन तार के नीचे चल रहे हैं। ये हुड्डा के अति करीबियों के बताए जा रहे हैं।

 

ये पेट्रोल पंप शहर के सेक्टर-62 व 65 में मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने एक शिकायत के बाद इनकी जांच कराई। अपने 4 जनवरी के एक आदेश में सीएम ने कहा कि जब एचटी लाइन पेट्रोल पंपों के ऊपर से जा रही है तो कैसे पेट्रोल पंप लगाने के लिए परमिशन दे दी गई? पेट्रोल पंप चालू करने से पहले जरूरी औपचारिकताओं के दस्तावेज व एनओसी देने वाले विभागों के अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है।

 

ये पेट्रोल पंप होंगे बंद

1- पहला पट्रोल पंप सेक्टर-65 में पड़ता है, जो रेणुका के नाम से है। इस पंप के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पंप का अधिकतर क्षेत्र 220 केवी की एचटी लाइन के नीचे आता है। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पंप के काफी हिस्से में अवैध निर्माण है।

2- दूसरा पेट्रोल पंप रमिंदर सिंधु का है। यह भी सेक्टर-65 में स्थित है। इसके बारे में कहा है कि इसका काफी हिस्सा एचटी लाइन के नीचे है और इस पंप का टायॅलेट ब्लॉक अवैध तौर पर बना हुआ है।

3- तीसरा पेट्रोल पंप शालिनी कपांनल के नाम से है, जो सेक्टर-62 में स्थित है। इसके बारे में रिपोर्ट है कि इस पंप के काफी हिस्से के ऊपर से 220 केवी की एचटी लाइन गुजर रही है।

4- चौथा पेट्रोल पंप सेक्टर-62 में है, नवयुग फ्यूल के नाम के इस पंप के बारे में रिपोर्ट में लिखा है कि इस पंप के लिए सीएलयू 2 नवंबर 2010 को दिया गया, बिल्डिंग प्लान 5 अगस्त 2011 को पास हुआ। संशोधित बिल्डिंग प्लान पुन: 30 दिसंबर 2011 को पास किया गया। इस पंप को चालू करने के लिए 2 फरवरी 2013 को सर्टिफिकेट जारी किया गया। जबकि, मौके से 28 सितंबर 2010 को साइट रिपोर्ट भेजी गई, उस समय यहां से कोई एचटी लाइन नहीं जा रही थी। इस पंप के लिए साइट रिपोर्ट पहले भेज दी गई, जबकि सीएलयू बाद में दिया गया। इस पंप के बारे में कहा गया है कि इस पंप की ऑफिस बिल्डिंग जरूर 200 केवी की एचटी लाइन के नीचे आती है। इस पंप पर कुछ अवैध निर्माण भी हुआ है। ग्रीन बेल्ट में शॉप बनाने का भी सरकारी रिपोर्ट में जिक्र है।

 

जांच रिपोर्ट में ये खुलासे

इन पेट्रोल पंपों की जांच रिपोर्ट में एक कॉमन बात सामने आई है। वह यह है कि इन पंपों की साइट रिपोर्ट पहले भेज दी गई, जबकि इनको टाउन एवं कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट से सीएलयू बाद में दी गई है। ये चारों पेट्रोल पंप एसपीआर पर स्थित हैं, जिसे गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड भी कहा जाता है। गुड़गांव के डीटीपी (ई) की रिपोर्ट के मुताबिक यह चारों पेट्रोल पंप नगर निगम के क्षेत्र में आते हैं और इन पंपों पर हुए अवैध निर्माण के लिए आयुक्त, नगर निगम कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा फायर डिपार्टमेंट और एक्सपलोसिव डिर्पाटमेंट को भी कहा गया है कि इस मामले में तुरंत एक्शन लिया जाए, जब इन पंपों के ऊपर एचटी लाइन गुजर रही है तो इसको एनओसी कैसे दी गई? सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन चारों पंपों की एनओसी कैंसल की जाए और नियमों के मुताबिक ये पेट्रोल पंप चलना सुरक्षित नहीं है, इससे जान माल का भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए सरकार ने इनको बंद करने का आदेश देते हुए सीएम ने इस संबंध में 31 जनवरी तक एक्शन रिपोर्ट मांग ली है।

वर्जन

जिस फाइल का आप जिक्र कर रहे हैं, इसकी डिटेल आफिस में बैठकर ही बताई जा सकती है। रूटीन में इस तरह के मामले चलते रहते हैं। — अरूण कुमार गुप्ता, प्रिसिंपल सेक्रेटरी, टाउन एडं कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट।

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