गुरुग्राम में अतंर्राष्ट्रीय आर्बिट्रेशन सेंटर बनेगा : जस्टिस ए के मित्तल

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यह सैंटर देश का पहला आर्बिट्रेशन सैंटर होगा

गुरुग्राम। गुरुग्राम में अतंर्राष्ट्रीय आर्बिट्रेशन सैंटर बनेगा, जहां पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विवादो को हल करने की प्रक्रिया शुरू करने की सुविधा उपलब्ध होगी। यह सैंटर देश का पहला आर्बिट्रेशन सैंटर होगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निकट होने की वजह से गुरुग्राम में मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए आर्बिट्रेशन की यह सुविधा ज्यादा कारगर सिद्ध हो सकती है।
इस बारे में जानकारी आज पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायधीश एवं गुरुग्राम सैशन डिविजन के निरीक्षक न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल ने मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए दी। उनके साथ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायधीश एवं बिल्डिंग कमेटी के चेयरमैन श्री सूर्यकांत भी थे। दोनो न्यायधीश आज गुरुग्राम में लगभग 7 एकड़ भूमि पर बनने वाले ‘टॉवर ऑफ जस्टिस’ के निर्माण के लिए किए गए भूमि पूजन में शामिल होने आए थे। एक सवाल के जवाब में श्री मित्तल ने कहा कि इसी टॉवर ऑफ जस्टिस में इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सैंटर की सुविधा प्रदान की योजना है।गुरुग्राम में अतंर्राष्ट्रीय आर्बिट्रेशन सेंटर बनेगा : जस्टिस ए के मित्तल 3

इसी संबंध में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि छोटे आर्बिट्रेशन सैंटर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चण्डीगढ़ तथा दिल्ली उच्च न्यायालय में भी चल रहें हैं परंतु गुरुग्राम में बनने वाला आर्बिट्रेशन सैंटर अतंर्राष्ट्रीय स्तर के समझौता संबंधी विवादों का समाधान करवाने के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाएगा। उस सैंटर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मल्टीनेशनल कंपनियों को आकर्षित करने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होगी। इससे पहले अपने संबोधन में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा था कि आर्बिट्रेशन विवादो को हल करने की प्रक्रिया वर्तमान में सिंगापुर और लंदन जैसे शहरों में होती है और ऐसे मामलों के लिए भारत को ऐच्छिक स्थान नही माना जाता। दिल्ली के निकट होने के कारण गुरुग्राम ऐसे मामलों के लिए भारत में पहली पसंद बन सकता है।
इससे पहले टॉवर ऑफ जस्टिस के निर्माण के लिए मंत्रोच्चारण के साथ भूमिपूजन किया गया। उसके बाद उपस्थित अधिवक्ताओं तथा न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति ऐ के मित्तल ने कहा कि गुरुग्राम में बनाए जाने वाले नए न्यायिक परिसर में महिलाओं व पुरु षों के लिए अलग-अलग बार रूम होंगे और पुलिस के जांच अधिकारियों के लिए भी अलग स्थान उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा, अन्य आधुनिक सुविधाएं इस परिसर में होंगी और लगभग 225 वाहनों की पार्किंग सुविधा भी होगी।

 

अधिवक्ताओं द्वारा उठाई गई टॉवर ऑफ जस्टिस के साथ लॉयर्स चैंबर की मांग को न्यायमूर्ति मित्तल ने जायज बताते हुए कहा कि इस भवन के साथ ही चैंबर बनाने के लिए जगह अलाट कर दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि यह नया न्यायिक परिसर अपने निर्धारित तीन वर्ष के कार्यकाल में बनकर तैयार होगा। इसकी आधारशिला वर्ष 2014 में तत्कालीन पंजाब एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश द्वारा रखी गई थी। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में वर्तमान न्यायिक परिसर सन् 1975 में 12 न्यायालयों के साथ शुरू किया गया था। वर्तमान में गुरुग्राम में 42 न्यायालय तीन अलग-अलग स्थानों पर चल रहे हैं जिससे अधिवक्ताओं और आम जनता को दिक्कत पेश आती है। टॉवर ऑफ जस्टिस में भविष्य की जरूरतों को देखते हुए 55 न्यायालय बनाएं जाएंगे।

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इससे पहले न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने संबोधित करते हुए कहा कि गुरुग्राम एक महानगर बनने की ओर अग्रसर है तथा यहां पर अत्याधुनिक न्यायिक परिसर की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि टॉवर ऑफ जस्टिस का निर्माण भ्भविष्य की जरूरतों के हिसाब से किया जाएगा ताकि अधिवक्ता अच्छे ढंग से अपने कौशल को प्रदर्शित कर सके और जनता को न्याय दिलवा सके।

 

उन्होंने बताया कि इस पर लगभग 180 करोड़ रूपए का खर्च आएगा। इसके निर्माण में राज्य सरकार द्वारा दिए गए सहयोग के लिए भी उन्होने सरकार का आभार व्यक्त किया। अधिवक्ताओं के चैंबर की मांग पर उन्होंने कहा कि इसका डिजाईन अच्छे आर्किटैक्ट से तैयार करवाकर जमा करवा दें, इन चैंबरों के लिए जगह उपलब्ध करवा दी जाएगी जहां पर अधिवक्ता अपने खर्चे पर साथ-साथ निर्माण शुरू करवा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अधिवक्ताओं की अन्य मांगे भी उन तक पहुंच चुकी हैं, जिनमें से ज्यादात्तर मान ली गई हैं।
इस अवसर पर गुुरुग्राम बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदेश यादव ने भी संबोधित किया और अधिवक्ताओं की मांगे दोनों न्यायधीशों के समक्ष रखी। दोनों न्यायधीशों को स्मृति चिन्ह् भेंट किए गए। जिला एवं सत्र न्यायधीश हरनाम सिंह ठाकुर ने आए हुए अतिथियों का आभार जताया और अंतर्राष्ट्रीय कवि दिनेश रघुवंशी ने शानदार मंच संचालन किया। कार्यक्रम में गुरुग्राम मण्डल के आयुक्त डा. डी सुरेश, पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार, उपायुक्त हरदीप सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं चीफ जुडिशियल मैजिस्ट्रेट अभिषेक फुटेला, गुरुग्राम उतरी के एसडीएम सुशील सारवान, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की बार काउंसिल के अध्यक्ष जयवीर सिंह यादव, गुरुग्राम बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रवीन यादव, सचिव विनोद कटारिया, संयुक्त सचिव राहुल शर्मा, अंतर्राष्ट्रीय कवि दिनेश रघुवंशी सहित जिला प्रशासन व न्यायपालिका के अधिकारीगण व अधिवक्ता उपस्थित थे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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