अरावली ग्रीन वाल से मिलेगा हरियाली व जल संरक्षण को प्रोत्साहन : भूपेंद्र यादव

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– केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गांव टीकली से किया अरावली ग्रीन वाल परियोजना का शुभारंभ
– केंद्रीय मंत्री ने हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री कंवर पाल के साथ किया पौधरोपण व अमृत सरोवर में श्रमदान
– अरावली ग्रीन वाल परियोजना से गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ जिले में हरियाली को मिलेगा बढ़ावा व 75 तालाब होंगे विकसित

गुरुग्राम, 25 मार्च। विश्व वानिकी दिवस को लेकर जारी गतिविधियों के तहत अरावली पर्वत शृंखला में हरियाली व जल संरक्षण को प्रोत्साहन देने लिए केंद्र ने हरियाणा सरकार के सहयोग से अरावली ग्रीन वाल परियोजना आरंभ की है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को गुरुग्राम जिला के गांव टीकली से अरावली ग्रीन वाल परियोजना का शुभारंभ किया। हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री कंवर पाल भी शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए।

अरावली ग्रीन वाल परियोजना के शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय मंत्री व अन्य विशिष्ट जनों ने गांव टीकली में पौधरोपण किया और तालाब को विकसित बनाने के कार्य में श्रमदान किया। डीसी निशांत कुमार यादव ने विशिष्ट जनों का गुरुग्राम आगमन पर स्वागत किया। अरावली ग्रीन वाल कार्यक्रम के तहत हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह, रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ जिला के हरियाली को प्रोत्साहन के लिए पौधरोपण किया जाएगा और क्षेत्र में 75 जलाशयों को विकसित किया जाएगा।

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब पर्यावरण संरक्षण व आयुर्वेद को बढ़ावा, ग्रामीण भारत में संसाधनों में बढ़ोतरी के लिए गति शक्ति, किसानों को एफपीओ व महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सशक्त बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज अरावली ग्रीन वाल कार्यक्रम भी आरंभ किया गया है। जिसके लिए नेशनल वर्किंग प्लान की भी शुरुआत की गई है। अमृत काल में हर जगह खुशहाली व समृद्धि लाने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने अरावली पर्वत श्रृंखला में जंगल सफारी व ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने की योजना के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल की भी प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि अरावली पर्वत श्रृंखला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित आस-पास के क्षेत्र को सांस देने के साथ-साथ रेगिस्तान को भी बढ़ने से रोकती है। ऐसे में अरावली के संरक्षण को लेकर सामूहिक प्रयास में हम सभी को अपना योगदान करना चाहिए। अरावली ग्रीन वाल परियोजना के तहत भविष्य में गुरुग्राम व आस-पास के जिलों की सामाजिक, धार्मिक, शिक्षण व अन्य संस्थाएं मिलकर अरावली के विकास में कार्य करेंगे। जिससे क्षेत्र में इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही अपने गांव में सिंगल यूज प्लास्टिक से बनने वाले उत्पादों के उपयोग पर रोक लगाने के प्रति चेतना लानी होगी।

हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री कंवर पाल ने कहा कि हमारी सभ्यता, संस्कृति व प्रगति सब पर्यावरण पर निर्भर रहती है। समय के साथ-साथ हमने आॢथक विकास पर तो ध्यान दिया लेकिन प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों को लेकर विमुख हो गए। उन्होंने हरियाली के महत्व को समझाते हुए बताया कि जिंदगी के साथ और बाद तक पेड़ों का सदैव महत्व बना रहता है। ऐसे में जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों पर हमें पौधरोपण व बाद में उनकी देखभाल अवश्य करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पेस्टीसाइड के बढ़ते इस्तेमाल से वन्यजीवों के साथ-साथ इंसानों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। जिसके चलते अब हमें प्राकृतिक खेती की ओर से बढ़ने की आवश्यकता महसूस हो रही है। उन्होंने अरावली ग्रीन वाल परियोजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस परियोजना से हरियाली को बढ़ावा मिलने के साथ ही खुली हवा और भूजल का स्तर भी बढ़ेगा।

अरावली ग्रीन वाल परियोजना के शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव व प्रदेश के वन मंत्री कंवर पाल सहित अन्य विशिष्ट जनों का ग्रामीणों ने पगड़ी बांध कर स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में वनों के विकास को लेकर नेशनल वर्किंग प्लान का भी विमोचन किया। इस अवसर पर सोहना के विधायक संजय सिंह, हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, भारत सरकार में वन महानिदेशक सीपी गोयल, पीसीसीएफ जगदीश चंद्र, एपीसीसीएफ विवेक सक्सेना, गुरुग्राम की सीसीएफ वासवी त्यागी, डीएफओ राजीव तेजयान, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव व टीकली गांव की सरपंच पूजा देवी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।

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