कॉलेज की जमीन पर रेस्ट हाउस बनाने के प्रस्ताव का विरोध
यूनुस अलवी
मेवात: मेवात विकास सभा के महासचिव सलामुद्दीन ऐडवोकेट ने मेवात के डीसी मणिराम शर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुऐ कहा कि वह राजकीय कॉलेज नगीना को बरर्बाद करने पर तुले हुऐ हैं। मेवात विकास सभा की ओर से नगीना कॉलेज कि जमीन से छेडछाड ना करने को लेकर उन्होने मुख्यमंत्री के नाम शुक्रवार को नगीना में एसडीएम अनीस यादव को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर मेवात विकास सभा के प्रवक्ता आरिफ गोलवाल सहित कई सदस्य मौजूद थे।
सलामुद्दीन ऐडवोकेट ने बताया कि मेवात इलाके के करीब 450 गावों पर एक मात्र नगीना में राजकीय कॉलेज है। मेवात शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा का सबसे पिछड़ा जिला है। वर्ष 1970 में पूर्व सांसद खुरशीद अहमद ने एक संस्था के बेनर तले मेवात कॉलेज के नाम से नगीना में कॉलेज खोला था। इसके लियेे नगीना ग्राम पंचायत ने करीब 34 एकड जमीन दान में दी थी। वर्ष 1980 में पूर्व मंत्री ने इस कॉलेज को हरियाणा सरकार को सौंप दिया था और कुछ जमीन को पंचायत के नाम वापिस कर दिया था। कॉलेज कि 34 एकड जमीन में से बीडीपीओ, सीनियर सैकेंडरी स्कूल, आईटीआई परिषर और आईटीआई के स्टाफ के लिये काफी जमीन दे दी थी। फिलहाल करीब आठ एकड जमीन कॉलेज के पास बची है।
सलामुदीन का कहना है कि नगीना ग्रामपंचायत को वापिस दी गई करीब सात एकड जमीन का प्रस्ताव कॉलेज के नाम कर रखा है। उन्होने बताया कि जिला उपायुक्त मेवात के एकमात्र कॉलेज को भी कुछ लोगो के कहने पर बर्बाद करना चाहता है। पंचायत ने जो जमीन कॉलेज के नाम प्रस्ताव करा रखा है अब कॉलेज कि उस जगह में रेस्ट हाउस बनाकर बची जमीन को भी बर्बाद करना चाहते है।
मेवात विकास सभा ने इन शिक्षा केंद्रों को बचाने के लिए कॉलेज में रेस्ट हाउस ना बनने के लिए तहसीलदार नगीना एसडीएम फिरोजपुर झिरका को ज्ञापन देकर ये चेतावनी दी की अगर इन शिक्षा इदारों की जमीन के साथ छेड-छाड कि गई तो मेवाती चुप नहीं बैठेंगे। इस मोके पर सलामुद्दीन महासचिव मेवात विकास सभा ओर प्रवक्ता आरिफ गोरवाल सहित सभा के कई सदस्य मौजूद थे।