गुरुग्राम में बनेगा टॉवर ऑफ जस्टिस : न्यायाधीश एच एस ठाकुर

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7 एकड़ भूमि पर लगभग 133 करोड़ रूपए की लागत

आर एस चौहान 

गुरुग्राम। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायधीश ए के मित्तल तथा सूर्यकांत शर्मा 21 जनवरी शनिवार को गुरुग्राम में टॉवर ऑफ जस्टिस के निर्माण के लिए भूमि पूजन में शामिल होंगे और उसके बाद सोहना में नए जुडिशियल काम्पलैक्स की आधारशिला रखेंगे। गुरुग्राम में भूमि पूजन प्रात: 9 बजे होगा।
इस संबंध में जानकारी गुरुग्राम के जिला एवं सत्र न्यायधीश हरनाम सिंह ठाकुर ने आज अपने कार्यालय में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि गुरुग्र्राम में टॉवर ऑफ जस्टिस के निर्माण के लिए फरवरी 2014 में आधारशिला रखी गई थी लेकिन उसके बाद इस पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। उन्होंने आते ही इस मामले को राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों तथा जिला प्रशासन के साथ उठाया, जिसके बाद अब इस परियोजना पर निर्माण कार्य शनिवार से शुरू होगा।

 

7 एकड़ भूमि पर लगभग 133 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाला गुरुग्राम का टॉवर ऑफ जस्टिस उत्तर भारत का सबसे बड़ा न्यायिक परिसर होगा जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होगी। इसमें 55 न्यायालय कक्ष बनाए जाएंगे और यह परियोजना 3 साल में पूरी होगी। उन्होंने बताया कि इस परिसर में लोगों को बैंक, डाकघर, एटीएम, जिला बार लाईबे्ररी, कैंटीन, मीटिंग हॉल, जिला न्यायवादी का कार्यालय, कांफ्रेंस हॉल, मीडिएशन कक्ष आदि की सुविधा होगी और यह परिसर सैंट्रली वातानुकुलित होगा। इसमें दो टॉवर होंगे, जिनमें से 8 मंजिल का और दूसरा 7 मंजिल का होगा। प्रत्येक मंजिल पर 10-10 न्यायालय कक्ष बनेंगे और तीसरी मंजिल पर जन सुविधाएं, मीटिंग हॉल, कांफ्रेंस हॉल आदि बनाए जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में श्री ठाकुर ने बताया कि इस नए न्यायिक परिसर में लिफ्ट का प्रावधान होगा और प्रत्येक फ्लोर के साथ अधिवक्ताओं के चैम्बर जुड़े होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस नए परिसर में दिव्यांगो के हितो का भी ध्यान रखा जाएगा। एक अन्य सवाल के जवाब में श्री ठाकुर ने बताया कि नए परिसर में मल्टी लैवल पार्किंग भी बनाने की योजना है।
श्री ठाकुर ने बताया कि टॉवर ऑफ जस्टिस में जांच अधिकारी के लिए अलग कक्ष की व्यवस्था होगी और पुलिस के जांच अधिकारी न्यायालय में अपने कक्ष में बैठकर केस से संबंधित फाईलों का अध्ययन कर सके। एक सवाल के जवाब में श्री ठाकुर ने बताया कि जेल में बंद कैदियों तथा चिकित्सकों की सुविधा के लिए वीडियों कांफें्रस से ब्यान लेने के लिए भी इस न्यायालय परिसर में अलग कक्ष की व्यवस्था होगी ताकि चिकित्सकों को अपने ब्यान दर्ज करवाने के लिए न्यायालय में ना आना पड़े। वर्तमान में गुरुग्राम में 42 न्यायालय चल रहे हैं परंतु नया न्यायालय परिसर अगले 10 सालों की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है और इसमें सीसीटीवी कैमरें भी लगे होंगे।
एक सवाल के जवाब में श्री ठाकुर ने बताया कि गुरुग्राम में विभिन्न न्यायालयों द्वारा सुनाए जाने वाले फैसलें प्रतिदिन वैबसाईट पर अपलोड किए जाते हैं। साथ ही बताया कि न्यायालय में लगने वाली तारीखों की सूचना अधिवक्ताओं तथा संबंधित पक्षो को एसएमएस के माध्यम से दी जा रही है।
श्री ठाकुर ने यह भी बताया कि गुरुग्राम में वर्तमान में कुल 65 हजार मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। इनमें से लगभग 20 हजार मामले सैक्शन-138 अर्थात् बैंक चैक बाउंस के लंबित हैं जोकि हरियाणा में सर्वाधिक हंै। उन्होंने यह भी बताया कि गुरुग्राम में 10 साल से अधिक समय के केवल 45 तथा 5 साल से अधिक समय के लगभग एक हजार मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर सभी न्यायालयों का प्रयास रहता है कि मामलों का पांच साल में निपटारा हो जाए।
जिला एवं सत्र न्यायधीश ने बताया कि शनिवार को गुरुग्राम में टॉवर ऑफ जस्टिस के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने उपरांत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायधीश श्री ऐ के मित्तल तथा श्री सूर्यकांत शर्मा जिला के सोहना कस्बा में 22 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले नए न्यायिक परिसर की आधारशिला भी रखेंगे। यह परिसर लगभग 4.43 एकड़ भूमि पर बनेगा और इसमें वकीलों के चैम्बरों का भी प्रावधान किया जाएगा।

 

सोहना के न्यायिक परिसर में 8 न्यायालय कक्ष बनाएं जाएंगे। वर्तमान में वहां पर तीन न्यायालय लगाए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गुरुग्राम जिला के कुछ हिस्से को सोहना न्यायालयों के साथ जोड़ा जाएगा जिस पर कार्यवाही चल रही है।  श्री ठाकुर ने एक सवाल के जवाब में बताया कि पटौदी में भी न्यायालय परिसर बनाने के लिए लगभग 6.5 एकड़ भूमि की पहचान की जा चुकी है। वहां पर फिलहाल 3 न्यायालय लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि फरूखनगर में भी न्यायालय खोलने की योजना है। एक प्रश्र का उत्तर देते हुए श्री ठाकुर ने बताया कि न्यायालय खोलने के लिए कम से कम एक हजार केस होने जरूरी हैं।
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गुरुग्राम, 19 जनवरी। गुरुग्राम में भारत का पहला इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सैंटर बनाने का प्रस्ताव है, जिसके निर्माण के बाद मल्टी नेशनल कंपनियां अपने विवाद सुलझाने के लिए सिंगापुर, दुबई या लंदन में जाने की बजाय गुरुग्राम आया करेंगी।
इस बारे में जानकारी आज गुरुग्राम के जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री हरनाम सिंह ठाकुर ने उनके कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए एक प्रश्र का उत्तर देते हुए दी। एक सवाल के जवाब में श्री ठाकुर ने बताया कि गुरुग्राम में इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सैंटर खोलने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा प्रस्ताव तैयार करके राज्य सरकार को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि न्यायालयों पर केसों का बोझ कम करने के लिए पहले केस आर्बिट्रेशन सैंटर में भेजे जाते हंै। आर्बिट्रेशन में सुनाए गए फैंसले को भी कंपनियां न्यायालय में चुनौती दे सकती हैं।

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गुरुग्राम, 19 जनवरी। गुरुग्राम जिला में 29 से 31 जनवरी तक पल्स पोलियों अभियान चलाया जाएगा जिसके लिए उपायुक्त हरदीप सिंह ने 5 वर्ष तक के बच्चों के अभिभावकों से अपील की है कि वे 29 जनवरी को बूथ पर अपने बच्चों को ले जाकर ‘दो बूंद सुरक्षा की’ पोलियो रोधक दवा अवश्य पिलवाएं।
पल्स पोलियों अभियान को जिला में सुचारू ढंग से चलाने के उद्देश्य से उपायुक्त हरदीप सिंह ने अपने कार्यालय में संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई जिसमें उन्होंने निर्माण स्थलों तथा श्रमिकों के बच्चों को पोलियो रोधक दवा पिलवाना सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। बैठक में बताया गया कि इस बार बायोवैलेंट पोलियो दवा पिलाई जाएगी। अभियान के पहले दिन 29 जनवरी रविवार को पोलियो बूथ पर दवा पिलाई जाएगी तथा 30 व 31 जनवरी को घर-घर जाकर बचे हुए बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। सिविल सर्जन डा. पुष्पा बिश्रोई ने कहा कि बूथ पर दवा पिलवाना बच्चे के लिए ज्यादा हितकर है क्योंकि बूथ पर दवा चिकित्सकों के सामने सही ढंग से पिलाई जाती है।
उन्होंने बताया कि 29 जनवरी से जिला में चलाए जाने वाले पोलियो उन्मूलन अभियान के लिए कुल 1260 बूथ बनाए गए है। इसके अलावा, घर-घर दवा पिलाने के लिए डाईट, आईटीआई, आरआर नर्सिंग स्कूल तथा अन्य सरकारी व निजी संस्थानों से विद्यार्थियों का सहयोग लिया जाएगा। ज्यादा भीड़भाड़ वाले स्थानो जैसे रेलवे स्टेशन, बस अड्डों आदि पर स्थाई बूथ बनाए जाएंगे। डा. बिश्रोई ने कहा कि जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सहयोग से स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों को भी पोलियो रोधक दवा पिलाने के अभियान में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, शिक्षा विभाग के सहयोग से बच्चो बुलाओ टोलियों का गठन किया जाएगा जो 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो बूथ पर लाने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करेंगे।
उपायुक्त ने कहा कि जिला नगर योजनाकार के माध्यम से सभी बिल्डरों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे अपने यहां कार्यरत श्रमिकों के पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो रोधक दवा जरूर पिलवाएं। इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी इस अभियान में सहयोग करेंगे और इस विभाग द्वारा गठित महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को ज्यादा से ज्यादा बच्चें पोलियो बूथ पर दवा पिलाने के लिए लाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
बैठक में बताया गया कि जिला में कुल 361158 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान के दौरान घर-घर दवा पिलाने वाली टीमें 777521 अनुमानित घरों में जाएंगी और बूथ पर दवा पीने से वंचित रहे बच्चो को दवा पिलाएंगी। एक अनुमान के अनुसार गुरुग्राम जिला में 233 निर्माण स्थल, 13 ईंट भ_े, 7 घुमंतु तथा 271 स्लम स्थल मिलाकर 524 स्थलों की पहचान की गई है जिनमें लगभग 109000 बच्चे हैं, जिन्हें पोलियो रोधक दवा पिलाने पर विशेष ध्यान रहेगा।
इस अवसर पर शीतला माता बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वत्सल वशिष्ट, पटौदी के एसडीएम रविंद्र यादव, उप सिविल सर्जन डा. नीलम थापर, जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव श्याम सुंदर भी उपस्थित थे।
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