गुरुग्राम में मास्क लगाकर ही बाहर निकलें : उपायुक्त ने शहरवासियों को दी सलाह

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– बच्चों , बुजुर्गों तथा सांस संबंधी बिमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को वायु प्रदूषण से खतरा 
– वायु गुणवत्ता में अगले 2-3 दिनों में सुधार होने की आशा

गुरूग्राम, 5 नवंबर। गुरूग्राम जिला तथा दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब होने की सूरत में लागू किए गए ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) की स्टेज-4 के तहत गुरूग्राम जिला प्रशासन ने बच्चों , वरिष्ठ नागरिकों तथा सांस लेने संबंधी बिमारियों से पीड़ित व्यक्तियों से अपील की है कि वे जरूरी काम होने पर ही घर से निकले और जब बाहर जाएं तो मास्क पहनकर जाएं।

यह अपील उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने शनिवार को लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मीडिया के माध्यम से जिलावासियों से की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर गिरने से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ( सीएक्यूएम) ने ग्रेप की स्टेज-4 लागू कर दी है। इसके तहत दिल्ली तथा साथ लगते एनसीआर के जिलों में बीएस-6 वाले वाहनों को ही चलाने की अनुमति दी गई है। यह वाहनों की आरसी देखकर चैक किया जाएगा। उन्होंने आशा जताई कि अगले 2-3 दिनों में वायु गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि ग्रेप -4 के तहत आदेशों में सीएक्यूएम ने बच्चों को प्रदूषण के प्रभाव से बचाने के लिए स्कूलों को बंद करने तथा कार्यालयों में आधे स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने का निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ा है। उपायुक्त ने बताया कि इस संबंध में सरकार के उच्च अधिकारियों से मंत्रणा की गई है। अभी सप्ताह अंत होने की वजह से इस बारे में निर्णय नही लिया गया है। रविवार शाम तक वायु गुणवत्ता की स्थिति पर निगरानी रखी जाएगी और उसी अनुसार दोबारा से इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि गुरूग्राम जिला में ग्रेप के चौथे चरण के अनुसार प्रतिबंधों को लागू करने और उन पर निगरानी रखने के लिए अलग-2 विभागों की 41 टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा, समीर एप के माध्यम से भी जिला प्रशासन को निर्माण गतिविधियों आदि के बारे में शिकायतें मिल रही हैं , जिन पर कार्यवाही करते हुए मौके पर जाकर निर्माण की गतिविधियां बंद भी करवाई गई हैं। उन्होंने बताया कि इस चरण में दिल्ली में जाने वाले भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। इसके लिए गुरूग्राम जिला में केएमपी के पास ही नाके लगाए गए हैं। केवल आवश्यक सामग्री और आवश्यक सेवाओं से संबंधित ही भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति है।

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