टीबी अब नहीं रही है लाईलाज बीमारी : डा. पुष्पा बिश्रोई

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टीबी को लेकर आईएमए ने किया सेमीनार का आयोजन

गुडग़ांव : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की गुडग़ांव शाखा द्वारा मिनिस्ट्री ऑफ हैल्थ एंड फेमिली वेलफेयर के सहयोग से गत देर सायं सैक्टर 29 स्थित एक होटल में टीबी के ईलाज और बचाव पर सेमीनार का आयोजन किया गया, जिसमें आईएमए से जुड़े संस्था के चिकित्सकों ने बढ-चढकर भाग लिया। संस्था के अध्यक्ष डा. अनिल हंस ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ सिविल सर्जन डा. पुष्पा बिश्रोई ने करते हुए कहा कि टीबी अब लाईलाज बीमारी नहीं रही है। यदि चिकित्सकों की सलाह से नियमित रुप से दवाईयों का सेवन किया जाए तो इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।

 

उन्होंने बताया कि टीबी के मरीज की सूचना देने पर सरकार की ओर से 200 रुपए चिकित्सक को बतौर पुरुस्कार भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि टीबी से लड़ाई लडऩा जरुरी है। इस बीमारी से घबराने की जरुरत नहीं है। टीबी रोग विशेषज्ञ डा. विजय कुमार ने बताया कि टीबी की बीमारी में देश विश्व के अन्य देशों में सबसे आगे है। यानि कि प्रत्येक वर्ष टीबी की बीमारी से 2 लाख व्यक्तियों की असमय ही मृत्यु हो जाती है। मिनिस्ट्री ऑफ हैल्थ के अधिकारियों ने कई योजनाओं की जानकारी भी कार्यक्रम में दी।

 

उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में अक्ष्या प्रौजेक्ट की शुरुआत की गई थी, जिसमें शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी के पीडि़तों का पता लगाकर उनको उपचार दिया जाना निश्चित किया गया था। इन अधिकारियों का कहना है कि यदि इस बीमारी पर नियंत्रण पाना है तो टीबी के मरीजों तक चिकित्सकों को उनको उपचार देने के लिए पहुंचना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अक्ष्या सॉफ्टवेयर भी ईजाद किया है। इसके द्वारा टीबी के मरीजों से संपर्क रखा जाता है और उन्हें याद दिलाया जाता है कि उन्हें किस-किस समय दवाई का सेवन करना है।

 

डा. हंस ने बताया कि इस सेमीनार में संस्था के डा. सीएस पसरीचा, डा. रविंद्र गुप्ता, डा. रमेश सूटा, डा. बीके राजौरा, डा. अशोक तनेजा, डा. मुनीष प्रभाकर, डा. आरपी गुप्ता, डा. आरसी शर्मा, डा. योगेंद्र, डा. एनपीएस वर्मा, डा. एनके जैन, डा. असरुद्दीन, डा. नरेश शर्मा, डा. गौरव कुमार सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक सदस्य शामिल हुए।

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