चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की सुचारू और समय पर प्रदायगी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दवाओं, मेडिकल कन्ज्यूमेबल्स, उपकरणों की खरीद और अस्पतालों के रख-रखाव के लिए धनराशि के प्रबंधन के सम्बंध में जिला अस्पतालों को और अधिक शक्तियां देने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस आशय के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है और खरीद समितियों के माध्यम से दवाओं, मेडिकल कन्ज्यूमेबल्स, उपकरणों की खरीद तथा अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए विभिन्न बजट शीर्षों के तहत उपलब्ध करवाई जाने वाली धनराशि के उपयोग के सम्बंध में संशोधित दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।
शक्तियों के संशोधन के बारे में जानकारी देते हुए श्री विज ने बताया कि धनराशि के उचित उपयोग के लिए सिविल सर्जन और डीएचएफडब्ल्यूएस जिम्मेदार होंगे। उन्होंने बताया कि जिन अधिकारियों को विभिन्न स्तरों पर शक्तियां सौंपी गई हैं, उन्हें खरीद समितियों की सिफारिशों पर ही धनराशि का उपयोग करना होगा।
सम्बंधित स्वास्थ्य कल्याण समितियों (एसकेएस) द्वारा पहले या बाद में, सभी प्रकार की खरीद की अभिपुष्टि की जाएगी। उन्होंने बताया कि 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य की खरीद को महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं या मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी) को भेजा जाएगा।
श्री विज ने बताया कि मांग आधारित खरीद पर खपत आधारित खरीद को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस सुविधा से हर समय बफर स्टॉक के रूप में एक महीने का स्टॉक रहेगा और इसे वेयरहाउस से खरीदा जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल पर आवश्यक दवा सूची में सभी मदों की प्रविष्टि अनिवार्य होगी और प्रतिस्पर्धी दरों पर गुणवत्तापरक दवाइयों और उपभोज्य वस्तुओं की खरीद के लिए प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 2 लाख रुपये तक के छोटे सिविल मरम्मत कार्य कोटेशन के साथ स्वास्थ्य कल्याण समिति के अध्यक्ष की स्वीकृति से करवाए जाएंगे। बड़ी मरम्मत, पुनरोद्धार और उन्नयन के सभी मामलों को हर छह महीने में सरकार को भेजा जाएगा।