पीएम नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी @narendramodi ने आज गुरुद्वारा लखपत साहिब में गुरु नानक देव जी के गुरुपुरब समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरुद्वारा लखपत साहिब समय की हर गति का साक्षी रहा है। एक समय ये स्थान दूसरे देशों में जाने के लिए, व्यापार के लिए एक प्रमुख केंद्र होता था. प्राचीन लेखन शैली से यहां की दीवारों पर गुरूवाणी अंकित की गई। उन्होंने कहा कि आज जब मैं इस पवित्र स्थान से जुड़ रहा हूँ, तो मुझे याद आ रहा है कि अतीत में लखपत साहिब ने कैसे कैसे झंझावातों को देखा है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को तब यूनेस्को ने सम्मानित भी किया था. 2001 के भूकम्प के बाद मुझे गुरु कृपा से इस पवित्र स्थान की सेवा करने का सौभाग्य मिला था। उन्होंने कहा कि मुझे याद है, तब देश के अलग-अलग हिस्सों से आए शिल्पियों ने इस स्थान के मौलिक गौरव को संरक्षित किया.
पीएम मोदी ने कहा कि गुरु नानकदेव जी का संदेश पूरी दुनिया तक नई ऊर्जा के साथ पहुंचे, इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए गए। दशकों से जिस करतारपुर साहिब कॉरिडोर की प्रतीक्षा थी, 2019 में हमारी सरकार ने ही उसके निर्माण का काम पूरा किया। इसमें से एक पेशकब्ज या छोटी तलवार भी है, जिस पर फारसी में गुरु हरगोबिंद जी का नाम लिखा है। यानि ये वापस लाने का सौभाग्य भी हमारी ही सरकार को मिला।
श्री मोदी ने कहा कि अभी हाल ही में हम अफगानिस्तान से स-सम्मान गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को भारत लाने में सफल रहे हैं। गुरु कृपा का इससे बड़ा अनुभव किसी के लिए और क्या हो सकता है? कुछ महीने पहले जब मैं अमेरिका गया था, तो वहां अमेरिका ने भारत को 150 से ज्यादा ऐतिहासिक वस्तुएं लौटाईं।गुरुद्वारा लखपत साहिब गुरुद्वारा लखपत साहिब गुरुद्वारा लखपत साहिब गुरुद्वारा लखपत साहिब गुरुद्वारा लखपत साहिब
उनका कहना था कि मुझे याद है कि जाम नगर में 2 साल पहले जो 700 बेड का आधुनिक अस्पताल बनाया गया है, वो भी गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम पर है। ये गुजरात के लिए हमेशा गौरव की बात रही है कि खालसा पंथ की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले पंज प्यारों में से चौथे गुरसिख, भाई मोकहम सिंह जी गुजरात के ही थे।
उन्होंने कहा कि देवभूमि द्वारका में उनकी स्मृति में गुरुद्वारा बेट द्वारका भाई मोहकम सिंह का निर्माण हुआ है। गुरु नानक देव जी और उनके बाद हमारे अलग-अलग गुरुओं ने भारत की चेतना को तो प्रज्वलित तो रखा ही, भारत को भी सुरक्षित रखने का मार्ग बनाया।
दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहब में उन्होंने दुखी लोगों का रोग निवारण कर मानवता का जो रास्ता दिखाया था, वो आज भी हर सिख और हर भारतवासी के लिए प्रेरणा है। इसी तरह गुरु अरजन देव जी ने पूरे देश के संतों के सद्विचारों को पिरोया और पूरे देश को भी एकता के सूत्र में जोड़ दिया।गुरु हरकिशन जी ने आस्था को भारत की पहचान के साथ जोड़ा।
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प्रधान मंत्री ने कोरोना काल में गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से लोगों की की गई सेवा को भी याद किया . उन्होंने कहा कि कोरोना के कठिन समय में हमारे गुरुद्वारों ने जिस तरह सेवा की जिम्मेदारी उठाई, वो गुरु साहब की कृपा और उनके आदर्शों का ही प्रतीक है।हमारे गुरुओं का योगदान केवल समाज और आध्यात्म तक ही सीमित नहीं है। बल्कि हमारा राष्ट्र, राष्ट्र का चिंतन, राष्ट्र की आस्था और अखंडता अगर आज सुरक्षित है, तो उसके भी मूल में सिख गुरुओं की महान तपस्या है।