प्रजातंत्र की कामयाबी की पहचान मताधिकार : डॉक्टर चौहान

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प्रजातांत्रिक व्यवस्था में सहभागिता हेतु मताधिकार का सदुपयोग करें मतदाता

करनाल। भारत के संविधान से प्राप्त मताधिकार का महत्व समझते हुए प्रत्येक पात्र नागरिक को अपना नाम मतदाता सूची में पंजीकृत करवाना चाहिए।साथ ही यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने इस अधिकार का भी प्रत्येक चुनाव के अवसर पर ज़िम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करे। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष और निदेशक डॉक्टर वीरेंद्र सिंह चौहान ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक विचार गोष्ठी में यह टिप्पणी की। डीएवी पीजी कॉलेज में आयोजित गोष्ठी में कालेज के प्रथम वर्ष के छात्र छात्राओं ने प्रतिभागिता की।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य आर पी सैनी ने की।
डॉक्टर वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारत के निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस पर मनाया जाता है। वर्ष 1950 में आज ही के दिन यानी संविधान लागू होने से ठीक एक दिन पहले निर्वाचन आयोग का गठन किया गया था जो इस देश में विधानसभाओं और संसद के निर्वाचन की प्रक्रिया का संचालन करता है।

उन्होंने कहा कि जब तक मतदाता अपना पंजीकरण नहीं करवाता या पंजीकृत मतदाता मतदान के दिन पोलिंग बूथ पर जाकर अपने अधिकार का सदुपयोग नहीं करता तब तक प्रजातांत्रिक व्यवस्था में उसकी सहभागिता का कोई अर्थ नहीं है।

उन्होंने कहा कि मतदान करके नागरिक न केवल सरकार चुन सकते हैं अपितु इसी मताधिकार के दम पर वह अगले चुनाव में पसंद न आने वाली सरकार को बदल भी सकते है।

डॉक्टर चौहान ने कहा कि मतदान के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिए आमजन को इसका महत्व बताया जाना ज़रूरी है और युवा मतदाता इस कार्य में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।

इस अवसर पर उन्होंने कृषि सुधार कानूनों को लेकर विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए सवालों के भी बेबाक़ी से जवाब दिए।

प्राचार्य सैनी ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को मताधिकार का महत्व समझाया और कहा कि किसी भी प्रजातंत्र की कामयाबी आंकने का एक पैमाना उसमें लोगों की हिस्सेदारी है। इस अवसर पर डॉक्टर आर पी सैनी प्रिंसिपल, डीएवी कॉलेज करनाल, डॉक्टर बलराम शर्मा , विपिन नवेत, सुगम शर्मा , अमरेश राणा, डॉक्टर रामा गर्ग आदि शिक्षक उपस्थित रहे तथा विद्यार्थी नीतीश, हेमंत, विनय, आर्यन, रूबी और शिवम आदि ने भी गोष्ठी में अपने विचार प्रकट किए।

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