16 नवंबर से शुरू हो रहा है सत्र
जीएसटी के तीन विधेयकों सहित नौ नये विधेयक होंगे पेश
नई दिल्ली : संसद का शीत कालीन सत्र आगामी 16 नवंबर से शुरू हो रहा है. सत्र से पूर्व ही प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचार विरोधी मुहीम से विपक्ष को सांप सूंघ गया है. इसलिए सम्भावना है कि आरम्भ में 500 व 1000 के नोट का मामला ही छाया रहेगा. सरकार जीएसटी से जुड़े तीन विधेयकों और किराये की कोख के नियमन संबंधी विधेयक सहित नौ नये विधेयक पेश करेगी. आशंका है कि हंगामेंदार होने वाली संसद की यह बैठक सरकार व विपक्ष की तकरार की भेंट चढ़ सकती है.
उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र में जीएसटी से जुड़े तीन विधेयकों में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व के नुकसान का मुआवजा विधेयक पेश किये जायेंगे.
किराये की कोख सम्बन्धी विधेयक
पिछले दिनों बेहद चर्चा में रहे किराये की कोख सम्बन्धी विधेयक भी पेश किया जाने की सम्भावना है. इसमें किराये की कोख संबंधी राष्ट्रीय बोर्ड, किराये की कोख संबंधी राज्य स्तरीय बोर्ड और किराये की कोख की प्रक्रिया एवं चलन के नियमन के लिए उपयुक्त प्राधिकार की नियुक्ति और इससे जुड़े मामले शामिल हैं. इसी सत्र में भारतीय प्रबंध संस्थान विधेयक 2016 भी पेश किया जा सकता है. इसमें भारतीय प्रबंध संस्थाओं को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने व आईआईएम से पास होने वाले छात्रों को डिग्री प्रदान करने संबंधी मार्ग प्रशस्त होगा.
तलाक संशोधन विधेयक 2016
इसके अलावा तलाक संशोधन विधेयक 2016 भी पेश किया जाने की चर्चा है. इसके अलावा सांख्यिकी एकत्रीकरण संशोधन विधेयक 2016 भी पेश किया जायेगा जिसके तहत केंद्रीय सूची में आने वाले सांख्यिकी मामलों के संबंध में कानून का दायरा जम्मू कश्मीर तक बढ़ाने का प्रावधान है. संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश संशोधन विधेयक 2016 पेश किया जायेगा जिसमें असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु और त्रिपुरा में अनुसूचित जनजाति की सूची को संशोधित किया जायेगा।
नौसेना अधिकरण विधेयक 2016
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किये जाने वाले नये विधेयकों में नौसेना अधिकरण विधेयक 2016 भी शामिल है। वित्तीय कार्यो में सत्र के दौरान 2016-17 के लिए दूसरी अनुदान की अनुपूरक मांग (सामान्य) और 2013-14 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांग संबंधी प्रस्ताव पेश किया जायेगा और इस पर चर्चा एवं मतविभाजन होने के आसार हैं.
अनुदान की अनुपूरक मांग
इसके अलावा 2016-17 के लिए दूसरी अनुदान की अनुपूरक मांग (रेलवे) और 2013-14 के लिए रेलवे के अनुदान की अतिरिक्त मांग का प्रस्ताव पेश होगा और इस पर चर्चा एवं मतविभाजन होगा. सत्र के दौरान सदन में पेश कुछ अन्य विधेयकों को भी रखा जायेगा जिन पर संयुक्त समिति और स्थायी समिति में विचार किया जा सकता है.