सीएम मनोहर लाल ने फरीदाबाद के छोटे उद्योगों को दी बड़ी राहत !

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हरियाणा औद्योगिक सर्वेक्षण- 2019 करवाने की घोषणा की

नॉन कन्फर्मिंग एरिया के 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में बसी एमएसएमई ईकाइयों को रेगुलर करने का ऐलान

चण्डीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने औद्योगिक नगरी फरीदाबाद के लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए नॉन कन्फर्मिंग एरिया के 70 प्रतिशत से अधिक भौगौलिक क्षेत्र में विकसित एमएसएमई ईकाइयों को रेगुलर किये जाने सहित अनेक घोषनाएं की। मुख्यमंत्री आज फरीदाबाद के सेक्टर-12 में अखिल भारतीय विनिर्माण प्रसंघ के समन्वय से हरियाणा चैपटर द्वारा आयोजित हरियाणा महाउद्योग संगम- 2019 में मुख्यातिथि के रुप में उपस्थित उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने हरियाणा औद्योगिक सर्वेक्षण- 2019 करवाने की घोषणा की। इसके अलावा फरीदाबाद के नॉन कन्फर्मिंग एरिया में 70 प्रतिशत से अधिक भौगौलिक क्षेत्र में विकसित ईकाइयों को नियमित किया जाएगा तथा 70 प्रतिशत से कम क्षेत्र की ईकाइयों को भी अलग प्रकार से सरकार का राहत प्रदान करने का प्रस्ताव है, जिसके तहत ऐसे क्षेत्रों के लोगों के रहन-सहन को बेहतर किया जाएगा, इसके लिए सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर ऐसे उद्यमियों को दूसरे स्थान पर जमीन भी मुहैया करवाई जाएगी और उस क्षेत्र को वाणिज्यिक क्षेत्र घोषित किया जाएगा, ऐसी वाणिज्यिक क्षेत्र से प्राप्त राजस्व हरियाणा सरकार और उद्यमी 50-50 प्रतिशत के अनुपात में लेंगें तथा उद्यमी अपने 50 प्रतिशत के इस राजस्व से दूसरी जगह जमीन खरीद सकते हैं और अपनी ईकाई स्थापित कर सकते हैं, इससे दूसरे क्षेत्र का भी विकास होगा।

उन्होंने बताया कि सरकार की नई उद्यम प्रोत्साहन नीति- 2015 के तहत औद्योगिक क्षेत्र में पिछड़े ग्रुप- सी व डी खंडों में अनेक रियायतें दी गई हैं, जिसमें 20 किलोवाट लॉड तक की ईकाईयों के लिए बिजली की दर 4.75 प्रति युनिट की गई है। इसके अलावा, नए स्थापित उद्योगों में हरियाणा के लोगों के लिए रोजगार देने के लिए 3 साल तक सरकार की ओर से 3 हजार रुपये महीना अर्थात 1 लाख 8 हजार रुपये उस उद्यमी को दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फरीदाबाद से उनका पुराना नाता है। फरीदाबाद का जिस ढंग से औद्योगिक विकास होना चाहिए था वह पिछली सरकारों ने नहीं किया। हम इस औद्योगिक नगरी को इसकी पुरानी पहचान पुन: दिलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पुराने फरीदाबाद के घर-घर में छोटी-छोटी ईकाइयां हैं। हरियाणा विधानसभा में इन ईकाइयों को राहत प्रदान करने के लिए बिल पारित किया गया था, परंतु केंद्रीय श्रम कानून में आवश्यक संशोधन के लिए मुख्यमंत्री की ओर से केंद्र सरकार को अर्ध सरकारी पत्र लिखा गया है, जिसमें बिजली के साथ स्थापित ईकाई पर फैक्टरी एक्ट लागू करने के लिए मजदूरों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20 करने और बिना बिजली वाली ईकाई में मजदूरों की संख्या 20 की बजाए 40 करने की अनुमति मांगी गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी ईकाइयों को सरकार की ओर से सीएलयू प्रदान करने में कोई आपत्ति नहीं होगी। प्रदूषण व श्रम तथा उद्योग विभाग से संबंधित कठिनाईयों को दूर करने का आश्वासन भी मुख्यमंत्री ने दिया। इसके अलावा, यहां पर सडक़, पानी, सीवरेज जैसी सुविधाएं भी पूरी की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं है। बिजली के अभाव में उद्योग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने फरीदाबाद के निकपुर गांव में 6 एकड़ में 66 केवी क्षमता का सब-स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की जो मार्च-2020 तक पूरा हो जाएगा। साथ ही उन्होंने सेक्टर-58 में 220 केवी क्षमता का सब-स्टेशन स्थापित करने की भी घोषणा की, जिसका कार्य एक साल में पूरा होना अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में पिछले 4 वर्षों में काफी सुधार हुआ है और प्रदेश के इतिहास में पहली बार प्रदेश की चारों बिजली निगमों की कंपनियां लाभ में आई हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के 7 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है, फरीदाबाद भी उन जिलों में शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल हरियाणा इन्वेस्टर सम्मिट- 2016 में हुए लगभग 350 एमओयू में से 35 प्रतिशत धरातल पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान छोटे-बड़े उद्योग मिलाकर अब तक चरणबद्ध तरीके से 25 हजार करोड़ का निवेश आया है तथा 58 हजार नए लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग स्थापित हुए हैं। इनमें से कुछ पुरानी ईकाइयों का विस्तार भी शामिल है, इससे 3 लाख 97 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि कुंडली-मानेसर-पलवल के इर्द-गिर्द पडऩे वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पडऩे वाले हरियाणा के जिलों में नए औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के मामले में हरियाणा देश में 14वें स्थान पर था जो आज उत्तरी भारत में पहले तथा देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह व उनकी टीम की सराहना की जिन्होंने एक मिशन के रुप में इस कार्य को पूरा किया। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 17 विभागों की सेवाएं एक ही छत के नीचे हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केंद्र, पंचकूला में उपलब्ध करवाई जा रही हैं और 45 दिन के अंदर-अंदर उद्योगों के लिए सभी प्रकार के लाइसेंस, सर्टिफिकेट व अन्य क्लीयरेंस पूरी की जाती हैं। अगर 45 दिन में नहीं होती हैं तो वह डीम्ड-टू-बी-क्लीयर समझी जाती हैं। इसके लिए अब तक 25 हजार आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत को समयावद्धि के दौरान अनुमति प्रदान कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में भूमि अधिग्रहण के नाम पर न केवल टाके मारे जाते थे बल्कि गफ्फे मारे जाते थे। इससे सब भलि-भांति परिचित हैं। इस व्यवस्था को ठीक करने के लिए हमने ई-भूमि पोर्टल लॉन्च किया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन बेच या खरीद सकता है। पोर्टल पर मार्केट रेट के अनुसार जमीन की कीमत स्वयं भू-मालिक तय कर सकता है। उन्होंने कहा कि एचएसआईआईडीसी, एचएसवीपी के पास आज भी जमीनें उपलब्ध हैं। उद्यमी ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से जमीन की खरीद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उद्यमियों को जमीन मुफ्त में नहीं दे सकती। इसका बड़ा कारण है कि  पहले वैट के माध्यम से सरकार को राजस्व प्राप्त होता था, जो अब जीएसटी में तबदील हो गया है, जहां माल का उत्पादन होता है, उस राज्य को जीएसटी का लाभ नहीं मिलता बल्कि जहां उत्पाद की खपत होती है उस राज्य को जीएसटी का लाभ होता है। सबसिडी व अन्य रियायतें उद्यमियों को समय-समय पर सरकार द्वारा दी जाती हैं।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित उद्यमियों से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा रोजगारोन्मुखी उद्यम स्थापित करें। हरियाणा सरकार ने पलवल जिले में दुधोला गांव में विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किया है। इस विश्वविद्यालय ने उद्यमियों के साथ 90 एमओयू किए हैं, जिसके तहत फैकल्टी की सुविधा विश्वविद्यालय तथा आधारभूत संरचना उद्यमी मुहैया करवाएगा और अपनी आवश्यकता के अनुसार विश्वविद्यालय से कुशल प्रशिक्षित कार्यबल ले सकता है। उन्होंने बताया कि 60 हजार से अधिक युवाओं को एप्रैंटिशिप का लाभ दिया गया है जिन्हें 6 महीने एप्रैंटिशिप के दौरान 3 हजार मासिक स्टाइफंड दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि विभागों से अनापत्ति पत्र प्राप्त करने में उद्यमियों को कितनी कठिनाईयां झेलनी पड़ती हैं, वे इसे भली-भांति समझते हैं, क्योंकि वे स्वयं 1975- 78 तक एक उद्यमी रह चुके हैं। बाद में विभागों की इस फाईल-फाईल घुमाने के खेल के चलते वह उद्यम बंद करना पड़ा। उन्होंने अखिल भारतीय विनिर्माण प्रसंघ के अध्यक्ष सुदर्शन सरीन के प्रयासों की सराहना की जो 80 वर्ष पुराने इतनी बड़ी संस्थान के अध्यक्ष के पद पर हैं। आज भी इस कार्यक्रम में 18 फरीदाबाद व आस-पास के संस्थानों को इस कार्यक्रम से जोड़ा है।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री विपुल गोयल ने समारोह में पहुंचने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पहली बार कोई मुख्यमंत्री एमएसएमई उद्यमियों के साथ सीधे संवाद के लिए फरीदाबाद आए हैं अन्यथा पहले उद्यमियों को चंडीगढ़ व दिल्ली औपचारिकता मात्र बुलाया जाता था। उन्होंने कहा कि यह औद्योगिक विकास के प्रति मुख्यमंत्री का विजऩ दर्शाता है। उन्होंने कहा कि एचएसआईआईडीसी के औद्योगिक प्लॉट आज से साढ़े 4 वर्ष पहले प्राप्त करने के लिए कितने धक्के खाने पड़ते थे, अब सरकार इसमें पूरी पारदर्शिता लेकर आई है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए ‘‘सरकार आपके द्वारा समाधान दिवस‘‘ कार्यक्रम चलाया गया है। उन्होंने कहा कि आज प्रसंघ द्वारा रखी गई मांगों में जो भी नीतिगत निर्णय लेने होंगे उसके लिए वे स्वयं मुख्यमंत्री से बात करेंगे। उन्होंने संघ के अध्यक्ष द्वारा फरीदाबाद में रेलवे या डिफेंस की कोई मदर युनिट स्थापित करने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि यह फरीदाबाद के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रसंघ की स्मारिका का विमोचन भी किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री विधायक श्रीमती सीमा त्रीखा के पिता के आज हुए निधन पर शोक व्यक्त करने उनके निवास स्थान भी गए।

कार्यक्रम में विधायक मूलचंद शर्मा, टेकचंद शर्मा व नागेंद्र भडाना, बीजेपी जिलाध्यक्ष गोपल शर्मा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, श्रम आयुक्त नितिन यादव, फरीदाबाद नगर निगम आयुक्त अनीता यादव, उपायुक्त अतुल द्विवेदी, पुलिस आयुक्त संजय कुमार सहित बड़ी संख्या में उद्यमी उपस्थित थे।

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