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– आपदा से निपटने में गुरुग्राम प्रशासन की हुई कड़ी परीक्षा, सेना के आब्जर्वर ने जताया संतोष
– पहली बार हैम रेडियो व सैटेलाइट फोन का प्रयोग
– हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल ने लिया माॅक ड्रिल का जायजा
– प्रदेश के मुख्य सचिव डी एस ढेसी स्थिति पर नजर गडाए रहे
-एसीएस ने माॅक ड्रिल के अनुभव को लाॅ एंड आर्डर के लिए भी बताया उपयोगी
– गुरुग्राम डीसी अमित खत्री ने कहा ड्रिल एक लर्निंग एक्सपीरियेंस

गुरूग्राम। भूकंप पर आज मल्टी स्टेट मेगा माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया जिसमें गुरूग्राम जिला सहित हरियाणा प्रदेश के चार जिलो के अलावा दिल्ली के 11 जिले तथा उत्तर प्रदेश के तीन जिले शामिल थे। माॅक ड्रिल में गुरूग्राम में कम्युनिकेशन पुलिस के वायरलैस सैटों के अलावा पहली बार हैम रेडियो तथा सैटेलाइट फोन से किया गया। लगभग 2 घंटे चली माॅक ड्रिल में आपदा की स्थिति से निपटने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. छद्म रूप से शहर के 6 स्थानों पर सर्वाधिक नुकासन क्षति होने की सूचना दी गयी जिनमें 40 लोगों के घायल होने और 17 की मृत्यु होने जैसे जोखिम का सामना करने की स्थिति से भी रेस्पोंस टीम को गुजरना पडा जिसमें तालमेल बनाये रखना चुनौतीपूर्ण था.
मेगा माॅक ड्रिल के बाद दोपहर दो बजे से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से डी-ब्रिफिंग हुई जिसमें हरियाणा सरकार में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने माॅक ड्रिल सफलतापूर्वक आयोजित करने का दावा किया. इसके लिए उन्होंने जिला स्तर पर तैनात अधिकारियों विशेषकर मंडल आयुक्त व उपायुक्त तथा ड्रिल में सहयोग करने वाली एजेंसियों जैसे सेना, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की माॅक ड्रिल से ना केवल आपदा प्रंबधन के बारे में हमें सीखने में मदद मिलती है बल्कि यह कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने में भी सहायक होगी।

उन्होंने बताया कि मल्टी स्टेट माॅक ड्रिल के लिए राज्य स्तर पर एमरजेंसी आप्रेटिंग सैंटर(ईओसी)बनाया गया था जहां पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव , स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक सहित सभी वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे और निरंतर बचाव व राहत कार्यों पर अपडेट लेते रहे। यहां तक कि स्वयं मुख्यमंत्री ने भी फरीदाबाद में पहुंचकर माॅक ड्रिल को देखा। इस माॅक ड्रिल में हरियाणा के चार जिले नामतः गुरूग्राम, फरीदाबाद, झज्जर व सोनीपत शामिल थे। इस डी ब्रिफिंग में एनडीएमए के वरिष्ठ कंसल्टेंट मेजर जरनल (सेवानिवृत) वी के दत्ता ने अपने सुझाव दिए।


इसके अलावा, प्रभावित स्थानों को कार्डन आॅफ अर्थात् अलग किया जाना जरूरी है। मेजर ढांडा ने यह भी कहा कि जिन्होंने पहले राहत व बचाव कार्यों में हिस्सा लिया हो, उन्हें इन कार्यों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा बाकि स्थानीय अधिकारी अथवा कर्मचारी लोजिस्टिक्स उपलब्ध करवाएं। यही नही, गुरूग्राम में मानेसर में एनएसजी कैंपस है, उनके राहत दल तथा रेस्क्यू डाॅग स्क्वैड की भी मदद ली जा सकती है। इस मौके पर उपायुक्त अमित खत्री, जो आज की माॅक ड्रिल में रिस्पांस्बिल आॅफिसर की भूमिका में थे, ने कहा कि यह वास्तव में लर्निंग एक्सपीरीयेंस था और आज की कार्यवाही से जिला प्रशासन तथा केन्द्र सरकार की एजेंसियों के बीच तालमेल बना है, जो वे समझते है कि आगे और भी सुदृढ़ होगा।
ताउ देवी लाल स्टेडियम में बनाए गए थे डीईओसी तथा स्टेजिंग एरिया

6 स्थानों पर नुकसान की आई रिपोर्ट

इस माॅक ड्रिल में गुरूग्राम जिला मे 6 स्थानों पर ज्यादा नुकसान की रिपोर्ट डीईओसी में प्राप्त हुई। विकास सदन के प्रभावित क्षेत्र में पटौदी की खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी निशा तंवर को टास्क फोर्स इंसीडेंट कमांडर लगाकर स्टेजिंग एरिया से भेजा गया। इसी प्रकार, सैक्टर-31 पोली क्लीनिक में वजीराबाद के तहसीलदार मनीष यादव, केंडोर टैक स्पेस बिल्डिंग वाले स्थल पर पटौदी के एसडीएम प्रदीप अहलावत, होप अपार्टमेंटस में सोहना की एसडीएम डा. चिनार चहल, एंबीयंस माॅल वाले स्थल पर नगर निगम गुरूग्राम के संयुक्त आयुक्त गौरव अंतिल तथा हीरो मोटो काॅर्प लिमिटेड में मानेसर के तहसीलदार प्रदीप देसवाल को बतौर इंसीडेंट कमांडर भेजा गया। आपदा के समय इंसीडेंट कमांडर मौके पर पहंुचकर डीईओसी से संपर्क करके नुकसान के पैमाने के हिसाब से राहत व बचाव कार्याें के लिए मशीनरी व मैनपावर की मांग करता है।


एडीजीपी सीआईडी भी पहुंचे माॅक ड्रिल में
भूकंप की सूचना के बाद ज्यादा प्रभावित वाले 6 स्थानों के लिए जब ताउ देवीलाल स्टेडियम के स्टेजिंग एरिया से सायरन बजाती हुई फायर ब्रिगेड तथा हाइड्रोलिक प्लैटफार्म निकले तो नजारा देखने लायक था। आज की माॅक ड्रिल का कितना महत्व था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में एडीजीपी सीआईडी अनिल कुमार राव ने स्वयं डीईओसी तथा पोली क्लीनिक व अन्य प्रभावित क्षेत्रों मे उपायुक्त अमित खत्री तथा मंडलायुक्त अशोक सांगवान के साथ कम्युनिकेशन सिस्टम, राहत व बचाव कार्यों की जानकारी ली और स्वयं वहां पहुंचकर देखा भी।