गुरुग्राम में चुनाव के दौरान शराब विक्रेताओं पर रहेगी केंद्रीय पर्यवेक्षकों की कड़ी नजर, शराब की बिक्री की दृष्टि से कई क्षेत्र संवेदनशील घोषित

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अधिक बिक्री करने वाले शराब विक्रेताओं पर आबकारी विभाग व जीएसटी के अधिकारियों की नजर

फ्लाइंग स्क्वायड टीम भी सभी विधानसभा क्षेत्रों में गश्त पर रहेगी

निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्धारित स्टैंडर्ड रेट लिस्ट से होगा प्रत्याशियों के खर्चे का मिलान

सुभाष चौधरी

गुरुग्राम, 18 अप्रैल। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए शराब और पैसे के खेल पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षकों ने ब्यूह रचना तैयार कर उस पर काम शुरू कर दिया है। पर्यवेक्षक मानते हैं कि प्रत्याशियों व उनके समर्थकों पर निगरानी के लिए आबकारी विभाग व जीएसटी के अशिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। पिछले चुनाव के रिकॉर्ड के आधार पर इस बार ऐसे क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है जिनमे शराब बांटने की आशंका प्रबल है। इसके लिये स्टेटिक सर्विलांस टीम तथा पुलिस विभाग, एक्साइज विभाग द्वारा पहचान किए गए संवेदनशील क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। इसके अलावा, फ्लाइंग स्क्वायड टीम भी सभी विधानसभा क्षेत्रों में गश्त पर रहेगी।

गुडगांव लोकसभा क्षेत्र में निष्पक्ष, स्वतंत्र व शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए नियुक्त दो केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षकों ने गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उमीदवारों की गतिविधियों पर नजर रखने के तौर तरीके का खुलासा किया। उन्होंने बल देते हुए कहा कि जिला प्रशासन, जिले का सभी विभागों तथा आमजन के बीच में बेहतर तालमेल होना अत्यंत आवश्यक है।

गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र के लिए नियुक्त एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर विनोद कुमार व नीरज कुमार ने एक दिन पूर्व की गई समीक्षा की जानकारी भी दी। संवाददाता सम्मेलन में एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर विनोद कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार द्वारा किए जाने वाले चुनावी खर्च के विषय को बहुत गंभीरता से लिया जाता है। चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ आम जन की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा कई टीमों का गठन किया गया है और उनके साथ कोर्डिनेशन की बैठके हो चुकी हैं। इसके साथ साथ टीमों द्वारा ज्यादा राशि के कैश ट्रांजेक्शन पर भी निगरानी रखी जाएगी ताकि चुनाव में किसी प्रकार का अवैध लेन देन ना हो।

इस अवसर पर एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर नीरज कुमार ने बताया कि चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए पुलिस, एक्साइज, इनकम टैक्स, जिला प्रशासन तथा एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर के बीच में बेहतर तालमेल बिठाया जा रहा है । यदि चुनावी खर्च को लेकर किसी प्रकार की कोई शिकायत या जानकारी मिलती है, उस पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के कम से कम तीन बार चुनावी खर्च के रजिस्टर भी चेक किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि उम्मीदवार द्वारा हर दिन के चुनावी खर्च का रजिस्टर में इंद्राज किया जाएगा जिसका मिलान प्रशासन की टीमों द्वारा बनाए गए शैडो रजिस्टर से किया जाएगा। यदि इन दोनों रजिस्टर में दी गई जानकारी में भारी अंतर दिखाई देता है तो एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर द्वारा इसकी रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी जिससे उम्मीदवार का नामांकन रद्द भी हो सकता है।
उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा प्रत्येक उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा ₹70 लाख रुपये रखी गई है जिससे ज्यादा वह खर्च नही कर सकता। उन्होंने बताया कि चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा वीडियो सर्विलांस टीम ,वीडियो व्यूइंग टीम, फ्लाइंग स्क्वायड तथा स्टेटिक सर्विलांस टीमें गठित की गई है जो अवैध वित्तीय लेनदेन तथा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि अवैध वितीय लेन देन पर आयोग की कड़ी नजर रहेगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चुनाव प्रचार के दौरान पैसे के लेन देन से चुनाव प्रभावित ना हो।
एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर विनोद कुमार ने सी-विजील मोबाइल ऐप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस मोबाइल ऐप के जरिए आम नागरिक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन तथा चुनावी खर्च संबंधी शिकायत अपलोड कर सकता है । इस मोबाइल ऐप पर प्राप्त होने वाली शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी और शिकायत का समाधान किया जाएगा। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे इस मोबाइल ऐप का प्रयोग करें और जिला प्रशासन तक इसकी जानकारी पहुंचाएं।
एक सवाल के जवाब में उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि उम्मीदवार एक दिन में चुनाव प्रचार के लिए ₹10 हजार से ज्यादा की नकद राशि का लेन देन नहीं कर सकता। इससे ज्यादा राशि का लेनदेन डिजिटल मोड से ही करना होगा। उपायुक्त ने बताया कि उम्मीदवार के चुनावी खर्च का आंकलन करने के लिए विभिन्न वस्तुओ की स्टैंडर्ड रेट लिस्ट बनाई गई है जिसमें पोस्टर, बैनर, कुर्सी व चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के रेट निर्धारित हैं। इस रेट लिस्ट के हिसाब से ही शैडो रजिस्टर में उम्मीदवार का खर्चा बुक किया जाएगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में विनोद कुमार ने बताया कि चुनावी खर्च की निगरानी में आबकारी विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। पिछले चुनाव के इतिहास के आधार पर स्टेटिक सर्विलांस टीम तथा पुलिस विभाग, एक्साइज विभाग द्वारा पहचान किए गए संवेदनशील क्षेत्रों को चेक किया जाएगा । इसके अलावा, फ्लाइंग स्क्वायड टीम भी गश्त पर रहेगी। लोग किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1950 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

एक अन्य सवाल के जवाब में उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि बुधवार को जीएसटी डिवीजन के अधिकारियों के साथ कोऑर्डिनेशन मीटिंग की गई थी जो अपने एरिया में शराब आदि की अधिक सेल पर नजर रखेंगे और यदि आमजन को शराब आदि को लेकर किसी प्रकार का प्रलोभन दिया जा रहा है तो उस पर गठित टीम द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

उपायुक्त ने बताया कि एक्सपेंडिचर आब्र्जवर विनोद कुमार 2009 बैच के आईआरएस अधिकारी है जो मुंबई में संयुक्त आयुक्त के पद पर कार्यरत है। इसी प्रकार, नीरज कुमार भी 2010 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं जो मुबंई में आबकारी विभाग में उपायुक्त के पद पर कार्यरत हैं।

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