विदेश मंत्रालय ने कहा- जैश के सबसे बड़े कैंप पर किया हमला

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नई दिल्ली। पाकिस्तान में आतंकी संगठनों पर भारतीय वायु सेना की कार्रवाई पर विदेश सचिव विजय गोखले ने मंगलवार को मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि भारत ने मंगलवार तड़के आतंक संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। उन्होंने कहा कि खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश फिर से भारत में आत्मघाती हमले की योजना बना रहा था, इसलिए ये स्ट्राइक जरूरी हो गई थी।

गोखले ने कहा कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी प्राप्त हुई कि जैश भारत में अधिक आत्मघाती हमलों की योजना बना रहा था। खतरे को देखते हुए एक पूर्वनिर्धारित स्ट्राइक बिल्कुल आवश्यक हो गई। आज भारत ने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। इन हमलों में शीर्ष कमांडरों को मार दिया गया। इस ऑपरेशन में बहुत बड़ी संख्या में जैश आतंकवादियों, प्रशिक्षकों, वरिष्ठ कमांडर और जिहादियों को समाप्त कर दिया गया।’

उन्होंने कहा कि शिविर मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी चला रहा था, जो जैश प्रमुख मसूद अजहर का साला था। भारत आतंकवाद के खतरे से लड़ने के लिए सभी उपाय करने के लिए दृढ़ और संकल्पबद्ध है। यह कार्रवाई JeM शिविर पर लक्षित की गई थी। स्ट्राइक में किसी नागरिक को नुकसान नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि इस एयर स्ट्राइक पर जैश के कई कमांडर और आतंकियों को मार गिराया है। हालांकि सेना ने मरने वाले आतंकियों की संख्या नहीं बताई है।

विदेश सचिव ने कहा कि 14 फरवरी को पुलवामा हमला जैश के आतंकियों ने कराया था और इसके बाद पाकिस्तान ने जैश पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके चलते भारत ने बालाकोट में स्थित जैश के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक किया और तबाह किया।
वहीं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पाकिस्तान के भीतरी हिस्से में भारतीय वायु सेना के हवाई हमले की मंगलवार को सराहना की और कहा कि पूरा राष्ट्र सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा, ”देश की सुरक्षा के लिए यह एक आवश्यक कदम था…यह महा पराक्रमा की एक कार्रवाई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के मद्देनजर बलों को आवश्यक कदम उठाने के लिए पहले ही छूट दे दी थी।

उन्होंने कहा कि 14 फरवरी, 2019 को पाकिस्‍तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद (जेईएम) ने एक आत्‍मघाती आतंकी हमला किया, जिसमें सीआरपीएफ के 40 बहादुर जवान शहीद हो गए। जेईएम पाकिस्‍तान में पिछले दो दशक से सक्रिय है और इसका नेतृत्‍व मसूद अजहर बहावलपुर में अपने मुख्‍यालय से कर रहा है।

इस संगठन को संयुक्‍त राष्‍ट्र ने प्रतिबंधित घोषित कर रखा है। संगठन दिसंबर, 2001 में भारतीय संसद और जनवरी, 2016 में पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर हमलों सहित अनेक आतंकवादी हमलों के लिए जिम्‍मेदार है।

विदेश सचिव ने बताया कि पाकिस्‍तान और पाक अधिकृत कश्‍मीर में इनके प्रशिक्षण शिविरों के स्‍थान की जानकारी समय-समय पर पाकिस्‍तान को प्रदान की जाती रही है, हालांकि पाकिस्‍तान इसके अस्तित्‍व का खंडन करता रहा है। हजारों जिहादियों को प्रशिक्षण देने योग्‍य इतनी विशाल प्रशिक्षण सुविधाएं पाकिस्‍तान के अधिकारियों की जानकारी के बिना काम नहीं कर सकती।

भारत बार-बार पाकिस्‍तान से आग्रह करता रहा है कि वह जेईएम के खिलाफ कार्रवाई करे, ताकि जिहादियों को पाकिस्‍तान के अंदर प्रशिक्षित करने और उन्‍हें हथियार देने से रोका जा सके। पाकिस्‍तान ने अपनी जमीन पर आतंकवादियों के आधारभूत ढांचे को खत्‍म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

उनके अनुसार विश्‍वसनीय जानकारी मिली थी कि जेईएम देश के विभिन्‍न भागों में एक अन्‍य आत्‍मघाती आतंकी हमला करने का प्रायस कर रहा है और इसके लिए फिदायीन जिहादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आसन्‍न खतरे को देखते हुए एहतियाती हमला करना अनिवार्य हो गया था।

उन्होंने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर भारत ने आज तड़के बालाकोट में जेईएम के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। इस हमले में बड़ी संख्‍या में जेईएम आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्‍ठ कमांडर और जिहादियों के ऐसे समूहों का सफाया कर दिया गया, जिन्‍हें फिदायीन कार्रवाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। बालाकोट में इस ठिकाने का नेतृत्‍व मौलाना युसूफ अजहर (उर्फ उस्‍ताद घोरी), जेईएम के प्रमुख मसूद अजहर का साला।

सरकार आतंकवाद की बुराई से निपटने के लिए सभी आवश्‍यक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। अत: यह असैनिक कार्रवाई विशेष तौर पर जेईएम शिविरों को निशाना बनाते हुए की गई। इन ठिकानों का चयन करते समय इस बात को भी ध्‍यान में रखा गया कि नागरिकों को हताहत होने से बचाया जा सके। यह ठिकानें किसी भी नागरिक बस्‍ती से दूर एक पहाडी पर घने जंगलों में स्थित हैं। चूंकि हमला कुछ समय पूर्व ही किया गया है, हम विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

पाकिस्‍तान सरकार ने जनवरी 2004 में यह प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की थी कि वह उसके नियंत्रण वाली अपनी जमीन अथवा क्षेत्र का इस्‍तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं होने देगा। हमें उम्‍मीद है कि पाकिस्‍तान अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा और जेईएम और अन्‍य शिविरों को नष्‍ट करने के लिए आगे कार्रवाई करेगा तथा कार्रवाइयों के लिए आतंकवादियों को जवाबदेह बनाएगा।

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