कोर्ट ने कैंसर पीडिता नाबालिग को भ्रूण गिराने की दी इजाजत, बैचमेट ने किया था रेप

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मुम्बई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनिवार को 13 साल की रेप पीड़ित लड़की को 24 सप्ताह के भ्रूण को गिराने की इजाज़त दे दी। पीड़ित लड़की ब्लड कैंसर से भी पीड़ित है। लड़की की मां ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई थी। यह मामला मुंबई का है और आरोपी पीड़ित लड़की का बैचमेट ही है।

लड़की की मां ने याचिका में कहा कि उनकी बच्ची को गर्भपात कराने की इजाज़त दी जाए। इसके बाद कोर्ट ने मुम्बई के जेजे अस्पताल में मेडिकल बोर्ड गठित कर लड़की की मेडिकल स्थिति पर रिपोर्ट देने को कहा था। मेडिकल बोर्ड ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में रिपोर्ट दायर की, जिसके आधार पर कोर्ट ने नाबालिग लड़की के गर्भपात की इजाजत दे दी।

पीड़ित नाबालिग जब कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी कराने अस्पताल पहुंची, तब उसके गर्भवती होने का पता चला। जानकारी मिलने के बाद लड़की की मां ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई और एनजीओ के सहारे हाईकोर्ट पहुंची।

इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एएस ओक और जस्टिस एम सोनक सुनवाई कर रहे थे। गौरतलब है गर्भपात के कानून मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी ऐक्ट के तहत 20 सप्ताह से ज्यादा अवधि वाले भ्रूण को गिराने के लिए उच्च न्यायालय की मंजूरी लेनी पड़ती है।

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