काठमांडू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बिम्सटेक सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि इसमें शामिल सभी देश अमन और समृद्धि चाहते हैं जोकि तभी संभव होगा जब इस क्षेत्रीय समूह के देशों के बीच सभी प्रकार के संपर्क बनेंगे। मोदी यहां बे आफ बंगाल इनीशिएटिव फार मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बिम्सटेक) के चौथे सम्मलेन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारे हर देश को शांति, समृद्धि और खुशी की तलाश है, लेकिन आज एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में हम अकेले इसे नहीं प्राप्त कर सकते हैं।
बिम्सटेक सदस्य देशों से आए मेरे साथी leaders,सबसे पहले तो मैं इस चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मलेन की मेजबानी और सफल आयोजन के लिए नेपाल सरकार का, और प्रधानमंत्री ओली जी का ह्रदय से आभार प्रकट करना चाहता हूँ। हालांकि मेरे लिए यह पहला बिम्सटेक शिखर सम्मलेन है, लेकिन 2016 में मुझे गोवा में BRICS Summit के साथ बिम्सटेक रिट्रीट host करने का अवसर मिला था। गोवा में हमने जो Agenda For Action तय किया था, उसके अनुरूप हमारी teams ने प्रशंसनीय follow-up action लिया है।
पीएम मोदि ने कहा कि इसमें शामिल हैं:
-पहली वार्षिक बिम्सटेक Disaster Management Exercise का आयोजन।
-राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों की दो मुलाकातें।
-बिम्सटेक Trade फेसीलिटेशन Agreement पर चर्चा में प्रगति।
-बिम्सटेक Grid इंटर-कनेकशन के विषय पर समझौता।
-इसके लिए मैं सभी देशों के delegations का अभिनंदन करता हूँ।
पीएम नरेंद्र मोदि ने कहा कि हम सभी देश सदियों से सभ्यता, इतिहास, कला, भाषा, खान-पान और हमारे साझा संस्कृति के अटूट बंधनों से जुड़े हुए हैं।इस क्षेत्र के एक ओर महान हिमालय पर्वत श्रंखला है, और दूसरी ओर हिन्द और प्रशांत महासागरों के बीच स्थित बंगाल की खाड़ी।बंगाल की खाड़ी का यह क्षेत्र हम सभी के विकास, सुरक्षा और प्रगति के लिए विशेष महत्त्व रखता है। और इसलिए, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत की “नेबरहुड First” और “Act East”, दोनों नीतियों का संगम इसी बंगाल की खाड़ी के क्षेत्र में होता है।
उन्होंने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि हम सभी विकासशील देश हैं। अपने-अपने देशों में शांति, समृद्धि और ख़ुशहाली हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।लेकिन आज के inter- -connected विश्व में यह काम कोई अकेले नहीं कर सकता है। हमें एक दूसरे के साथ चलना है, एक दूसरे का सहारा बनना है, एक दूसरे के प्रयासों का पूरक बनना है।मैं मानता हूँ कि सबसे बड़ा अवसर है Connectivity का – Trade connectivity, Economic connectivity, Transport connectivity, Digital connectivity, और पीपल-टू-पीपलconnectivity – सभी आयामों पर हमें काम करना होगा।बिम्सटेक में coastal shipping और motor vehicles समझौतों को आगे बढ़ाने के लिए हम भविष्य में भी मुलाकात की मेज़बानी कर सकते हैं। हमारे एंटरप्रेनयर्स के बीच संपर्क और connectivity बढ़ाने के लिए भारत बिम्सटेक Start Up Conclave host करने के लिए तैयार है। हम सभी देश अधिकांशतः कृषि प्रधान हैं, और Climate Change की आशंकाओं से जूझ रहे हैं। इस संदर्भ में कृषि अनुसन्धान, शिक्षा और विकास पर सहयोग के लिए भारत, Climate Smart Farming Systems के विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन करेगा। Digital connectivity के क्षेत्र में भारत अपने National Knowledge Network को श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल में बढ़ाने के लिए पहले से ही प्रतिबद्ध है। हम इसे म्यांमार और थाईलैंड में भी बढ़ाने का प्रस्ताव करते हैं।मैं आशा करता हूँ कि सभी बिम्सटेक देश इस वर्ष October में नई दिल्ली में आयोजित की जा रही India Mobile Congress में भागीदार होंगे। इस Congress में बिम्सटेक मिनिसटीरयल कोनक्लेव भी शामिल है। बिम्सटेक सदस्य देशों के साथ connectivity बढ़ाने में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की अहम भूमिका होगी। भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए Science and Technology Interventions in the North Eastern Regionनामक एक पेहल है। हम इस कार्यक्रम को बिम्सटेक सदस्य देशों के लिए extend करने का प्रस्ताव रखते हैं। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उर्जा, waste management, कृषि और capacity building को प्रोत्साहन दिया जा सकता है।साथ ही, भारत के North Eastern Space Application Centre में बिम्सटेक सदस्य देशों के शोधकर्ताओं, छात्रों और professionals के लिए हम चौबीस scholarships भी देंगे।
उन्होंने सदस्य देशों को याद दिलाया कि इस क्षेत्र के लोगों के बीच सदियों पुराने संपर्क हमारे संबंधों को एक मजबूत नींव प्रदान करते हैं। और इन संपर्कों की एक विशेष कड़ी है बौद्ध धर्म और चिंतन। August Twenty Twenty में भारत International Buddhist कोनक्लेव की मेज़बानी करेगा। मैं सभी बिम्सटेक सदस्य देशों को इस अवसर पर Guest of Honour के रूप में भागीदारी का निमंत्रण देता हूँ। हमारी युवा पीढ़ी के बीच संपर्क को प्रोत्साहन देने के लिए बिम्सटेक Youth Summit और बिम्सटेक Band Festival के आयोजन का प्रस्ताव भारत रखना चाहता है। इनके साथ हम बिम्सटेक Youth Water Sports का आयोजन भी कर सकते हैं।बिम्सटेक देशों के युवा छात्रों के लिए नालंदा विश्वविद्यालय में तीस scholarships और जिपमर institute में advanced medicine के लिए बारह research fellowships भी दी जाएंगी।साथ ही, भारत के आईटेक कार्यक्रम के तहत पर्यटन, पर्यावरण, disaster management, renewable energy, कृषि, trade और W.T.O जैसे विषयों पर सौ short term training courses भी offer किये जाएंगे।बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में कला, संस्कृति, सामुद्रिक कानूनों एवं अन्य विषयों पर शोध के लिए हम नालंदा विश्वविद्यालय में एक Centre for Bay of Bengal Studies की स्थापना भी करेंगे। इस केंद्र में हम सभी देशों की भाषाओं के एक-दूसरे से जुड़े तारों के बारे में भी research की जा सकती है। हम सभी देशों के अपने-अपने लंबे इतिहास, और इतिहास से जुड़े पर्यटन के potential का पूरी तरह लाभ उठाने के लिए ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों के पुनरुत्थान के लिए हम सहयोग कर सकते हैं।
पीएम मोदि का कहना था कि क्षेत्रीय integration तथा आर्थिक प्रगति और समृद्धि के लिए हमारे इन साझा प्रयासों की सफ़लता के लिए यह आवश्यक है कि हमारे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का वातावरण हो।हिमालय और बंगाल की खाड़ी से जुड़े हमारे देश, बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते रहते हैं। कभी बाढ़, कभी साईक्लोन, कभी भूकंप। इस सन्दर्भ में, एक दूसरे के साथ humanitarian assistance और disaster relief प्रयासों में हमारा सहयोग और समन्वय बहुत आवश्यक है। हमारे क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति वैश्विक सामुद्रिक trade routes से जुड़ी है, और हम सभी की अर्थव्यवस्थाओं में भी Blue Economy का विशेष महत्त्व है। साथ ही, आने वाले digital युग में हमारी अर्थव्यवस्थाओं के लिए cyber economy का महत्त्व भी अधिकाधिक बढ़ेगा। यह स्पष्ट है कि हमारे क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग में इन सभी विषयों पर सहयोग मजबूत करने की दिशा में हमें ठोस कदम उठाने होंगे।और इसलिए, अगले महीने भारत में आयोजित की जा रही बिम्सटेक Multi-national Military Field Training Exercise और थल सेना प्रमुखों की कोनक्लेव का मैं स्वागत करता हूँ। भारत बिम्सटेक देशों की एक Tri Services Humanitarian Assistance and Disaster Relief Exercise की मेजबानी भी करेगा। दूसरी वार्षिक बिम्सटेक Disaster Management Exercise की मेज़बानी के लिए भी भारत तैयार है। हम disaster management के क्षेत्र में कार्यरत officials के लिए capacity building में भी सहयोग करने के लिए तैयार हैं। भारत Blue Economy पर सभी बिम्सटेक देशों के युवाओं का एक Hackathon आयोजित करेगा। इससे Blue Economy की संभावनाओं और सहयोग पर focus किया जा सकेगा।
उनका कहना था कि हममें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसने आतंकवाद और आतंकवाद के networks से जुड़े ट्रांस-नेशनल अपराधों और drug trafficking जैसी समस्याओं का सामना नहीं किया हो। नशीले पदार्थों से संबंधित विषयों पर हम बिम्सटेक frame-work में एक conference का आयोजन करने के लिए तैयार हैं। यह स्पष्ट है कि ये समस्याएं किसी एक देश की law and order समस्याएं नहीं हैं। इनका सामना करने के लिए हमें एकजुट होना होगा। और इसके लिए हमें यथोचित कानूनों और नियमों का frame-work खड़ा करना होगा। इस संदर्भ में, हमारे law-makers, विशेष रूप से महिला सांसदों का आपसी संपर्क सहायक साबित हो सकता है। मेरा प्रस्ताव है कि हमें बिम्सटेक Women पारला- -मेनटेरयंस Forum की स्थापना करनी चाहिए।
उनके अनुसार पिछले दो दशकों में बिम्सटेक ने उल्लेखनीय प्रगति की है। परन्तु अभी हमारे सामने बहुत लम्बी यात्रा है। हमारे आर्थिक integration को और गहरा करने के लिए अभी बहुत संभावनाएं हैं। और यही हमारे लोगों की हमसे अपेक्षा भी है। यह चौथा शिखर सम्मलेन, हमारे जनमानस की अपेक्षाओं, आशाओं और अभिलाषाओं को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाने का बहुत अच्छा अवसर है। इस चौथे summit का डिक्लेरेशन बहुत से महत्वपूर्ण निर्णयों को अपने में समेटे हुए है। इनसे बिम्सटेक के संगठन और प्रक्रिया को बहुत बल मिलेगा। साथ ही, बिम्सटेक की प्रक्रियाओं को ठोस रूप और मजबूती के लिए इस summit की सफ़लता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिए मैं मेज़बान देश, नेपाल सरकार, ओली जी, और सभी भागीदार leaders के नेतृत्व का हृदय से अभिनंदन करता हूँ। आगे भी भारत आपके साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने के लिए प्रतिबद्ध है।