पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने किया मोहर सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक का लोकार्पण

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-लोकार्पण कार्यक्रम से पूर्व दो मिनट का मौन रखकर दी, अटल बिहारी वाजपयी जी को श्रद्धांजलि

-समाज सेवा में अमूल्य योगदान रहा, बाबू मोहर सिंह का- पूर्व उप-राष्ट्रपति जनाब मो० हामिद अंसारी
-समाज को देखने का एक आईना है, बाबू मोहर सिंह की पुस्तक – शरद यादव
– मात्र 54 वर्ष की आयु में ही स्वामी विवेकानंद एवं बाबा साहेब भीम राव अम्बेडक़र जैसे महान कार्य कर गए बाबू मोहर सिंह- शरद यादव
– वाकई में हरियाणा के सूरज थे बाबू मोहर सिंह – सीताराम येचुरी
– देश को बाबू मोहर सिंह जैसे महात्मा की आवश्यकता- सीताराम येचुरी
-शिक्षा जगत में बाबू मोहर सिंह का निस्वार्थ भाव, वाकई में काबिले तारीफ- सांसद तारिक अनवर
– शिक्षा जगत में दीये की रोशनी ना होकर मिशाल के रूप में अपनी पहचान रखते थे बाबू मोहर सिंह- जयंत चौधरी
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने किया मोहर सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक का लोकार्पण 2

गुरूग्राम। जनता दल (यू) शरद गुट के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष राव कमलबीर सिंह के द्वारा अपने दादा एवं स्वतंत्र भारत में अहिरवाल के प्रथम विधायक राव मोहर सिंह के व्यक्त्तिव और कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक हरियाणा का सूरज बाबू मोहर सिंह के लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन सुशांत लोक स्थित एक्सेलसियर अमेरिकन स्कूल में किया गया। इस लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति मो० हामिद अंसारी एवं विशिष्ठ अतिथि के तौर पर कामरेड सीताराम येचुरी, महासचिव माकपा एवं तारिक अनवर, सांसद उपस्थित थे। मंच का संचालन श्री अलि अनवर अंसारी पूर्व सांसद के द्वारा किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम का शुभारम्भ करने से पूर्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी को समारोह स्थल में उपस्थित सभी लोगों के द्वारा दो मिनट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि दी गई।

इस लोकर्पण समारोह का शुभारम्भ राव कमलबीर सिंह के द्वारा स्वागत भाषण के साथ किया गया। उन्होनें समारोह में उपस्थित सभी अतिथिगणों का दिल से स्वागत करते हुए कहा कि मैं काफी अरसे से सोच रहा था कि अपने पिता श्री महाबीर जोकि हरियाणा में कांगे्रस के कद्दावर नेता एवं राज्य मंत्री थे, उनके ऊपर किताब निकालू। लेकिन काफी मंथन के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि क्यों ना अपने दादा मोहर सिंह जिनका इस राज्य में समाज सेवा में बहुमूल्य योगदान रहा। उन पर किताब निकाल पर मोहर सिंह के विचारों से आने वाली पीढ़ी को अवगत करवाया जाएं। श्री राव ने कहा कि बाबू मोहर सिंह वकालत के माध्यम से तो किसानों और गरीबों की सेवा कर ही रहे थे, लेकिन राजनीति में आने के उपरांत भी उन्होनें प्रदेश में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने, गरीब किसानों को सूदखोरों के शिकंजे से बचाने और लोगों को अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों की जकडऩ से दूर करने के लिए ताउम्र प्रयास किया। स्वागत भाषण के उपरांत विशिष्ठ अतिथि सांसद तारिक अनवर के द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि बाबू मोहर सिंह का शिक्षा जगत में जो योगदान है, वह कभी भुलाया नही जा सकता। उनके द्वारा जिस प्रकार निस्वार्थ भाव से जनसेवा के कार्य किए गए, वो वाकई में काबिले तारीफ है। वही युवा नेता जयंत चौधरी के द्वारा उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि बाबू मोहर सिंह के द्वारा शिक्षा एवं समाजसेवा में दीये की रोशनी ना होकर इतने कम समय में मिशाल का काम किया और बाबू मोहर सिंह आज की पीढ़ी के लिए एक मिशाल है। रणसिंह मान पूर्व मंत्री हरियाणा सरकार द्वारा कहा गया कि देश में बहुत कम परिवार ऐसे है, जो अपने पूर्वजों की अहमियत को समझते है। राव कमलबीर सिंह के द्वारा अपने दादा जी की खुबियों को सबके सामने लाने का बेहद उमदा कार्य किया है।
विशिष्ठ अतिथि कामरेड सीताराम येचुरी के द्वारा समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि वाकई में बाबू मोहर सिंह हरियाणा के सूरज थे। भारत के पूरे इतिहास में अंग्रेजो से टकराकर किसानों और गरीबों के हितों के लिए उन्होनें काफी सराहनीय कार्य किए और आज के समय में देश को बाबू मोहर सिंह जैसे महात्मा की आवश्यकता है। क्योंकि आज ऐसी परिस्थिति है कि किसान आत्महत्या कर रहे है और देश के धनी लोग ही देश का धन लेकर भाग रहे है। उन्होनें कहा कि हिंदुस्तान में हम का मतलब ह से हिंदु और म से मुस्लिम है, लेकिन आज साम्प्रदायिक ताकतें हिंदुस्तान में ह को म से अलग करने की कोशिशों में लगी हुई है। आज देश में गाय की रक्षा के नाम पर इंसानों की बलि चढाई जा रही है। हमारे देश में ६ साल की बच्चियों को आज हवस का शिकार बनाया जा रहा है, यदि ऐसे घिनौने कृत्यों को ना रोका गया तो देश से इंसानियत हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।
इस अवसर पर मंडल मसीहा शरद यादव के द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि हमारे देश का दौर बदल रहा है और तेजी से बदल रहा है। देश में बाबू मोहर सिंह के व्यक्तिव पर केंद्रित पुस्तक एक आईना है, समाज को देखने का। उन्होनें कहा कि बाबू मोहर सिंह ने निस्वार्थ लोगों को शिक्षित करने के लिए 17 स्कूल और कॉलेज खोले। यही नही गुरूग्राम में भूमिपुत्र किसानों के लिए सरकारी कॉपरेटिव बैंक बनवाया ताकि किसानों की स्थिति में सुधार किया जा सके। उन्होनें मात्र 54 वर्ष की आयु में ही अपने स्वामी विवेकानंद, बाबा साहेब भीम राव अम्बेडक़र की तरह समाज सुधारक के रूप में बडे-बडे कार्य किए। उन्होनें कहा कि आज के दौर में चुनाव को व्यापार और धंधा बना लिया गया है, लेकिन बाबू मोहर के द्वारा जनता के वोटों को इस्तेमाल हमेशा समाज की भलाई के लिए किया गया। क्योंकि जनता जर्नादन ही अपनी वोटों के ताकत से व्यक्ति को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनाती है।
लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति जनाब मो० हामिद अंसारी द्वारा अपने सम्बोधन में कहा कि यह किताब एक ऐसी हस्ती के जीवन पर आधारित है जिन्होनें आजादी से पहले ही समाज की सेवा का काम शुरू किया। उन्होनें कहा कि बाबू मोहर सिंह के द्वारा स्वतंत्रता से पहले ही दो-तीन चीजों को समझ लिया गया था। जैसे शिक्षा की समस्या और गरीबों और किसानों की समस्याएं। इन्हीं समस्याओं को समाज से दूर करने के लिए उन्होनें अपने दृढ़ संकल्प और उच्च विचारों से समाज को इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए अपने सम्पूर्ण जीवनकाल को जनसेवा में समर्पित कर दिया। उनके द्वारा जिस प्रकार से समाज सुधारक के रूप में सराहनीय कार्य किए। उन कार्यो को कभी भूलाया जा नही सकता। इस असवर पर पूर्व मंत्री हसन मौहम्मद हरियाणा सरकार, चौ० हबिबुल रहमान पूर्व मंत्री, चौ० रणबीर सिंह पूर्व विधायक, चौ० भूपेन्द्र सिंह पूर्व विधायक, चौ० धर्मबीर गाबा पूर्व मंत्री हरियाणा सरकार, सुखबीर कटारिया पूर्व मंत्री हरियाणा सरकार, कैप्टन अजय यादव पूर्व मंत्री हरियाणा सरकार, पूर्व सांसद अर्जुन राय, जस्टिस निर्मल यादव, नरेश यादव पूर्व विधायक, युवा नेता राज कमल राव, सुशीला मौराले, डिप्टी मेयर गुरूग्राम अनील यादव, चौ० रणसिंह यादव पूर्व मंत्री, त्रिलोक त्यागी आरएलडी, लै० कर्नल करन सिहं यादव, पार्षद सतीश यादव, पार्षद सुबे सिंह बोहरा, पार्षद अनुप सिंह, चौ० बलवंत सिंह रामप्रस्था गु्रप, गजराज सिंह, अभिमन्यू राव राष्ट्रीय संयोजक एआईसीसी कांग्रेस, चन्द्रशेखर यादव, रामनिवास यादव, पार्षद मिथलेश बरवाल इत्यादि मौजूद थे।

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