उपायुक्त ने स्वच्छ सर्वेक्षण की सफलता के लिए दिए तीन मूलमंत्र- स्वागत, जागरूकता व भागीदारी

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1 से 31 अगस्त तक चलने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 के प्रति जनप्रनिधियों को जागरूक करने को लेकर कार्यक्रम आयोजित
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्वच्छता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 को लेकर पुस्तिका का उपायुक्त ने किया विमोचन।
गुरुग्राम, 30 जुलाई। गुरुग्राम जिला में 1 से 31 अगस्त तक होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए आज जिला के सरपंचो, ब्लॉक समिति सदस्यों, जिला परिषद् के पार्षदों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन सैक्टर-43 स्थित एमपी हॉल में किया गया। कार्यक्रम में उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने जनप्रतिनिधियों से भावनात्मक अपील की कि चाहे कैसी भी परिस्थितियां हों, हमे अपने गांव में साफ-सफाई रखनी है और देश में हो रहे इस प्रथम सर्वेक्षण में अपने गांव व जिला को प्रथम स्थान दिलाकर देश व प्रदेश में नाम करना है।
आज उपायुक्त ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ महिला सरपंचो द्वारा दीप प्रज्जवलित करवाकर किया। इसके साथ ही उन्होंने आज इस सर्वेक्षण की जानकारी जिला के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए दो स्वच्छता रथो को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उपायुक्त ने कार्यक्रम में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 को लेकर तैयार की गई पुस्तिका का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त आर के सिंह ने सर्वेक्षण के दौरान होने वाली मार्किंग को लेकर तकनीकी बिंदुओं के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेन्द्र सारवान तथा एपीओ राकेश चौधरी ने भी जनप्रतिनिधियों को मुख्य तथ्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि पहले स्वच्छता का सर्वेक्षण शहरी क्षेत्रों में करवाया गया था और अब यह सर्वेक्षण ग्रामीण क्षेत्रों में होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के मामले में अब पूरे गांव की परीक्षा है और यह परीक्षा ऐसी है जिसका पहले पेपर आऊट हो चुका है अर्थात उसमें केन्द्र सरकार की टीम क्या-2 देखेगी, उसके बारे में आप लोगों को पहले ही बता दिया गया है। इसमें भी यदि फेल हो गए तो सफलता नही मिल सकती। उपायुक्त ने कहा कि अब गांवो के बीच स्वच्छता में अव्वल आने की होड़ लग गई है और यह होड़ पूरे देश में है। श्री सिंह ने माना कि गुरुग्राम जिला की भौगोलिक स्थिति के कारण यहां के गांव अपेक्षाकृत शहरों से साफ हैं।
उन्होंने कहा कि 60 से 65 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है जिससे इस सर्वेक्षण को लेकर हमारा उत्तरदायित्व भी और अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण को भारत सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसी द्वारा किया जाएगा। यह टीम ग्राम पंचायतों में प्रमुख सार्वजनिक स्थानों जैसे कि स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्रों, प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, हाट, बाजार, सामुदायिक केन्द्र, पशु हस्पताल व बस-स्टैंड आदि पर जाकर सफाई व्यवस्था का जायज़ा लेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी गांव में टीम को गंदगी दिखाई देती है तो उसके नंबर कटेंगे।
उपायुक्त ने कहा कि सर्वेक्षण में अव्वल रहने वाले जिले को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सफाई एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो समाज में प्रत्येक व्यक्ति से संबंध रखता है। उन्होंने कहा कि टीम द्वारा जिला की कोई भी 10 गांवो में यह सर्वेक्षण किया जाएगा, लेकिन इन गांवों का पता उसी दिन चलेगा जिस दिन यह सर्वेक्षण होना है, इसलिए जरूरी है सभी सरपंच पहले से ही अपने गांव में साफ-सफाई बनाए रखें। उपायुक्त ने जनप्रतिनिधियों को स्वच्छ सर्वेक्षण में अपने गांव को अव्वल लाने के लिए तीन मूल मंत्र दिए- स्वागत, जागरूकता व भागीदारी। स्वागत से उनका अभिप्राय था कि गांव के प्रवेश वाले स्थान पर साफ-सफाई हो तथा उस टीम का स्वागत भी अच्छे से किया जाए। दूसरा मंत्र जागरूकता का है जिसका तात्पर्य है कि गांव में प्रत्येक व्यक्ति, महिला व बच्चों को सर्वेक्षण कीे जानकारी हो कि यह सर्वेक्षण 1 से 31 अगस्त तक किया जा रहा है। तीसरा और अंतिम मंत्र ‘भागीदारी’ का है अर्थात् गांव का प्रत्येक व्यक्ति स्वच्छता में भागीदारी करें क्योंकि उसके बिना यह जंग जीती नही जा सकती। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे संकल्प लें कि चाहे कैसी भी परिस्थितियां रहें, हमें अपने गांव में साफ सफाई रखनी है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधयों से हाथ खड़े करवाकर भी इस विषय पर सभी की सहमति ली।
कार्यक्रम में जिला परिषद् के अध्यक्ष कल्याण सिंह चौहान ने भी अपने विचार रखे और उपायुक्त को आश्वान दिलाया कि पंचायती राज संस्थाओं के सभी प्रतिनिधि शिक्षित हैं और वे इस नेक कार्य में अवश्य बढ़चढक़र भाग लेंगे। उन्होंने घोषणा की कि इस सर्वेक्षण में जिला में प्रथम रहने वाली पंचायत को जिला परिषद् की ओर से 11 लाख रूपये की राशि दी जाएगी। उन्होंने मंच से सरकार द्वारा चलाई जाने वाली स्टार रेटिड योजना सहित जिला को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए किए गए प्रयासों की भी प्रशंसा की।
इस अवसर पर गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त आर के सिंह ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण को लेकर अपने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वच्छता के लिए स्वच्छ भारत मिशन लागू होने के बाद किए गए गए सेवाकार्य के लिए 35 प्रतिशत, सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता के लिए 30 प्रतिशत तथा गांव के लोगों के फीडबैक के लिए 35 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव की फिरनियों को साफ रखें तथा कचरा व कूड़ा शैड में डालें। यदि शैड ना हो तो निर्धारित स्थान पर ही कूड़ा डालें। उन्होंने कहा कि अपने गांव के स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्र , स्वास्थ्य केन्द्र , पशु अस्पताल आदि स्थानों को भी स्वच्छ बनाए रखें।
कार्यक्रम में पटौदी के एसडीएम विवेक कालिया, जिला परिषद् के उपाध्यक्ष संजीव कुमार , उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऋषि दांगी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी प्रेमलता यादव, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी सुनैना, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेन्द्र सारवान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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