विधानसभा में गूजेंगा सिलोखरा के नागरिकों का आंदोलन

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हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर क्यों कराया जा रहा भाजपा कार्यालय का निर्माण: कुलदीप शर्मा

भाजपा कार्यालय के विरुद्ध सिलोखरा के नागरिकों का धरना 20वें दिन भूख हड़ताल में तब्दील

महिलाओं को आक्रोश भड़कने से पूर्व निर्णय लें मुख्यमंत्री: डा. मुकेश शर्मा

विधानसभा में गूजेंगा सिलोखरा के नागरिकों का आंदोलन 2

गुडग़ांव 29 जुलाई: सिलोखरा तालाब (तीर्थ स्थल) की पंचायती जमीन पर भाजपा कार्यालय व ग्रुप हाउसिंग निर्माण केखिलाफ व गांव के विकास की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सिलोखरा सहित 360 गांवों के नागरिकों का धरना रविवार को 20वें दिन भूख हड़ताल में तब्दील हो गया। अपने ऐलान के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री पं भगवत दयाल शर्मा के सुपुत्र पं महादेव शर्मा भूख हड़ताल पर बैठ गए और उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर सिलोखरा के नागरिकों की मांगों को नहीं माना तो आंदोलन और उग्र रूप धारण करता जाएगा। धरना स्थल पर पहुंचे हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व गन्नौर के विधायक पं कुलदीप शर्मा ने सिलोखरा के नागरिकों के आंदोलन को सरकार द्वारा कुचलने का प्रयास करने की घोर निंदा की।

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उन्होंने कहा कि जब सिलोखरा की पंचायती जमीन को हाईकोर्ट चारागाह, तीर्थ स्थल, मंदिर के साथ विकास कार्यों के लिए सुरक्षित रखने का फैसला सुना चुका है तो वहां भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग का निर्माण क्यों कराया जा रहा है? और इस निर्माण को कराने और सिलोखरा के आंदोलन को कुचलने के लिए गांव के बुजुर्गों के खिलाफ झूठा मुकदमा क्यों दर्ज कराया गया? कुलदीप शर्मा ने कहा कि इस मामले को 17 अगस्त से शुरु होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान उठाऊंगा और मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना होगा कि जब समस्त बातों से गांव के नागरिकों ने मुख्यमंत्री और प्रशासन से अवगत करा दिया है तो उन्हें इतना लंबा आंदोलन चलाने के लिए क्यों विवश किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पार्टी कार्यालयों का निर्माण कराकर नोटबंदी के दौरान रखे गए काले धन को सफेद कर रही है। दिल्ली में 500 करोड़ और सिलोखरा, हरियाणा में 200 करोड़ से भाजपा कार्यालय का निर्माण कराने के लिए पैसा कहां से आया? विधायक ने कहा कि धर्म कर्म की बात करने वाली भाजपा सरकार को दोहरा चरित्र सिलोखरा के आंदोलन से उजागर हो चुका है। सरकार के इशारे पर सिलोखरा में अनैतिक रुप से न केवल भाजपा काया्रलय का निर्माण कराया जा रहा बल्कि इसके लिए तीर्थ स्थल, शिव मंदिर को तोडऩे के साथ 400 वर्ष पौराणिक पेड़ों को काटा जा रहा है। अपनी जायज मांगों को लेकर सिलोखरा सहित 360 गांवों के नागरिक के साथ महिलाएं पिछले 20 दिनों से धरना पर बैठी हैं और अब तक शासन और प्रशासन का एक भी नुमाइंदा धरना स्थल पर नहीं पहुंचा।

महिलाएं और बुजुर्ग नागरिकों की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है फिर भी भाजपा सरकार घोर संवेदनहीनता का परिचय दे रही है। यह महापाप है और भाजपा सरकार के लिए यह अनर्थ ताबूत का काम करेगा। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सिलोखरा के नागरिकों के साथ खड़ी है और पार्टी उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संघर्ष करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार में तनिक भी नैतिकता है तो सिलोखरा के नागरिकों पर थोपा गया फर्जी मुकदमा शीघ्र वापस लेकर भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग को शिफ्ट कर जमीन को धर्म स्थान और विकास के लिए मुक्त करे।

धरने का नेतृत्व कर रहे सिलोखरा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ मुकेश शर्मा ने कहा कि सिलोखरा सहित 360 गांव के नागरिक पिछले करीब सालभर से आंदोलन चलाने के साथ पिछले 20 दिनों से धरना दे रहे हैं। महिलाओं और बुजुर्गों की हालत खराब हो रही है और उनका गुस्सा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। महिलाएं अपनी धर्मस्थली की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने का अभिव्यक्ति कर रहीं हैं, इसके बावजूद शासन और प्रशासन मौन धारण किया हुआ है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का आक्रोश भड़कने से पूर्व मुख्यमंत्री सिलोखरा के आंदोलन को लेकर शीघ्र उचित फैसला करें अन्यथा कुछ अनर्थ हुआ तो मुख्यमंत्री और प्रशासन को इसका जवाब देना होगा।

डा. शर्मा ने कहा कि सिलोखरा की 12 एकड़ जमीन को वर्षों पूर्व हाईकोर्ट ने धर्मस्थली और चरागाह के लिए छोडऩे का फैसला सुनाया था। इसके बावजूद सरकार वहां भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग का निर्माण कराने पर तुली हुई है। इसके लिए शनिवार की देर रात भाजपा कार्यालय का निर्माण कराने के साथ 400 वर्ष पुराने धार्मिक आस्था के प्रतीक पीपल के विशाल पेड़ को काटकर धराशायी कर दिया गया। श्रावण मास में पीपल के पेड़ लगाए जाते हैं जबकि सरकार इसी श्रावण मास में पीपल के पेड़ों को कटवा रही है।

डा. मुकेश शर्मा ने मांग रखी कि लंबे समय से धरना दे रहे गांव के नागरिकों और महिलाओं की धार्मिक अस्था को देखते हुए भाजपा सरकार शीघ्र भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग को शिफ्ट करने के साथ इस जमीन को गांव के विकास के लिए मुक्त करे। धरने में जितेंद्र प्रधान गांव 12, चौधरी जगपाल कटारिया प्रधान 18 गांव, चौधरी खजान सिंह महासचिव कांग्रेस कमेटी, आशीष दुआ, ओम प्रकाश शर्मा पूर्व सरपंच, अतरसिंह शर्मा पूर्व पंच, महावीर सिंह आरडब्ल्यूए अध्यक्ष राजीव नगर, प्रभुदत्त शर्मा, भूप सिंह, पवन शर्मा पूर्व पंच, भूप सिंह कटारिया गुडग़ांव गांव, चौधरी संतराम सुखराली, अनिल गुप्ता, लोकेश राघव, पंचमुखी, महेंद्र वशिष्ठ भोंडसी, लोकेश वशिष्ठ, शेर सिंह पंडित, रामपाल यादव, चंद्रभान सैनी, रामचंद्र सैनी, धर्मवीर शर्मा, रामेहर यादव, सुरेश कटारिया, सुंदरलाल, नीरज शर्मा एडवोकेट, राजवीर, यादराम, राधेश्याम, शर्मा देवी, राम शर्मा, सुभाष शर्मा, सतवीर शर्मा, अशोक शर्मा, राजीव शर्मा, मनीष शर्मा, आशीष शर्मा, शुभांशु शर्मा, हर्ष शर्मा, नीरज गोयल, राजवीर, यादराम, जमेश्वर, कृष्ण शिवकुमार, पवन शर्मा, विजय कुमार, अमर सिंह सैनी, लक्ष्मीनारायण, देवेंद्र शर्मा, जय भगवान, अजीत, विकास, हैनू शर्मा, सचिन शर्मा, आकाश मोनू, रामचंद्र, हिमांशु, विजयपाल, ललित शर्मा, रामपाल, राजपाल पूर्व पंच, रमेश, वीरेंद्र, मदन सिंह, राजीव शर्मा, राजेश शर्मा, देवी राम यादव, परमानंद, जय भगवान, दयानंद गोयल, देशराम सैनी, संदीप, रणवीर, बिजेंदर, यादराम सैनी, राजबाला शर्मा पूर्व सरपंच, शकुंतला, कांता, शीला, राजवती, बसंती, सोना, कमलेश, मीनाक्षी, कविता शर्मा, प्रज्ञा शर्मा, संतोष शर्मा, कृष्णा सैनी, सुशील शर्मा, शकुंतला, रजनी शर्मा, सीमा शर्मा, अमरावती, राजवती, कमला, माया, रेखा, भरपाई, संतोष, अंगूरी, ब्रह्मो सरिता, सुमन, शांति, जगवती, जमुना देवी, कविता, मंजू शर्मा पूर्व पंच, मधु शर्मा, ममता शर्मा, किताबो, कमलेश यादव, सुशीला, भागवानी रेखा, सविता, आशा, मीणा, कृष्णा, जगेश्वरी, राजेश्वरी, मोहनी सहित काफी संख्या में महिलाएं और सैकड़ों नागरिक शामिल रहे।
फोटो– सिलोखरा धरने को संबोधित करते पं कुलदीप शर्मा, साथ में मुकेश शर्मा, भूख हड़ताल पर बैठे महादेव शर्मा व अन्य नागरिक, मौके पर काटा गया 400 वर्ष पुराना पीपल का पेड़।

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