गुरुग्राम में डेंगू मलेरिया पर रोकथाम के लिए जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक

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अब तक

गुरुग्राम में डेंगू के दस मामले संदिग्ध
पिछले साल डेंगू के 66 मामले आए थे सामने
डेंगू मलेरिया को लेकर शिक्षा विभाग..स्वास्थय विभाग और जिला प्रशासन ने कसी कमर

गुरुग्राम।।

साइबरसिटी गुरुग्राम के न्यू पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में डेंगू व मलेरिया की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन ने बैठक की। इस बैठक में स्वास्थ्य विभा , शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी और निजी संस्थाओं के सहयोगी शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि इस बार डेंगू और मलेरिया से शहर में स्थिति अनियंत्रित नहीं हो इसको लेकर जागरूकता कार्यक्रम एवं एन्टी लारवल प्रोग्राम चालये जा रहे हैं।
डेंगू का कहर इस बार गुरुग्राम शहर के लोगों को अपनी चपेट में न ले इसके लिए प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। डेंगू मलेरिया से बचाव के लिए शहरवासियों को आगाह करने के लिए अहम बैठक की गई। उल्लेखनीय है कि पिछले साल डेंगू के शहर में 66 मामले सामने आए थे। यह आंकड़ा इस बार कैसे कम हो इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और एम सी जी की टीम को अभी से सतर्क किया गया।
गुरुग्राम में चाहे वीवीआईपी इलाका हो या फिर अवैध कॉलोनी हो, बारिश होते ही डेंगू मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। अमूमन पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण डेगू मलेरिया ज्यादा फैलता है। हाालंकि मानसूनी बिमारियों को लकर हर साल इस तरह की बैठकें की जाती है लेकिन धरातल पर इसे अमली जामा नहीं पहनाया जाता है।

गुरुग्राम के सीएमओ डॉ गुलशन अरोड़ा ने बताया कि अभी तक जिला गुरुग्राम में डेंगू के कोई भी कैसे पॉजिटिव नहीं आए हैं। हां 10 केस आये थे उनकी जांच के बाद 10 के 10 अभी तक नेगेटिव पाए गए हैं । पिछले साल इन दिनों में 66 केस आये थे। इस बार यह संख्या कम से कम रहे इसके लिए स्वास्थ विभाग पूरी तरह तैयार है ।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने अपनी सारी तैयारियां कर ली हैं । चाहे वह फीवर सर्वे का काम हो या एंटी लावल एक्टिविटी या फिर लार्वा को खाने वाली मछली को तालाब में डालने का काम , उसके लिए स्वास्थ विभाग ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। हम पूरी तरह से तत्पर है। हमारा प्रयास रहेगा कि इस बार जिला गुरूग्राम में डेंगू के कम से कम केस हों।

इस अवसर पर जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि बारिश को ध्यान में रखते हुए जिसमें यह संभावना रहती है कि डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां हो सकती है , उसके बचाव के लिए आज ही स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और अन्य विभाग इस कार्यक्रम में शामिल है। उनकी बैठक बुलाई गई और उनको यही राय दी गई है कि डेंगू मलेरिया एवं चिकनगुनिया की बीमारी से कैसे बचा जाए उसके बारे में लोगों को जागरुक करें। इसके साथ-साथ नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग मिलकर जो अवेयरनेस एक्टिविटीज होती है उसे करें ताकि पिछले साल जो हमारे डेंगू मलेरिया की संख्या बढ़ी थी उसमें कमी लाई जा सके।

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