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प्रदेश में महिला पुलिस सिपाहियों की संख्या 20 प्रतिशत करने का निर्णय
सीएम मनोहर लाल ने किया
पुलिस, जेबीटी व अन्य पदों पर नियुक्त कर्मचारियों से सीधा संवाद
सीएम का दावा भाजपा सरकार ने बदले की कार्रवाई नहीं की, पुर्व की नियुक्तियों को भी न्याय दिलवाया
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
चंडीगढ़, 3 जून: हरियाणा सरकार ने महिलाकर्मिंयों की मैटरनिटी लीव के साथ-साथ पुरूष कर्मियों को भी 15 दिनों की पैटरनिटी लीव देने और महिला पुलिस सिपाहियों की संख्या 11 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत लाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने आज रोहतक में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पुलिस, जेबीटी व अन्य पदों पर नियुक्त किये गए कर्मचारियों से सीधे संवाद के तहत बातचीत करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जिन भर्तियों पर न्यायालय का स्टे चल रहा है ऐसे मामलों की अच्छी पैरवी करके युवाओं को न्याय दिलवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में शिक्षा, बिजली व अन्य विभागों के 13 हजार भर्तियों के मामलेंं न्यायालय में अटके हुए है। न्यायालय के निर्देशानुसार इन भर्तियों पर भी आगामी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जेबीटी नरेंद्र दहिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस सरकार ने बदले की भावना से कोई कार्य नहीं किया है। बल्कि पिछली सरकारों में चयनित हुए उम्मीदवारों को नौकरी देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार में नियुक्त हुए जेबीटी के अलावा 2002 में इनेलो सरकार में चयनित एचसीएस को भी नियुक्ति देने का कार्य किया है। यह सब सरकार की पारदर्शी नीति के तहत, हरियाणा एक-हरियाणवीं एक, सबका साथ-सबका विकास और पूरे प्रदेश को एक परिवार मानकर कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने पुलिस में कार्यरत जींद के रिंकू शर्मा से संवाद करते हुए कहा कि किसी कर्मचारी के करियर प्रोमोशन में बाधा नहीं आने दी जायेगी। इसके लिए सरकार ने संबंधित विभागों से एनओसी की प्रथा को बंद किया ताकि वे उन्हें मिल रहे अधिकारों से वंचित न रहे सकें। उन्होंने कहा कि कोई कर्मचारी यदि उच्च शिक्षा हासिल कर रहा है, तो उसे अपनी योग्यता अनुसार नौकरी पाने का हक है।
इजराइल का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां तीन साल तक आर्मी में प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। इससे युवाओं में अनुशासन और देश प्रेम की भावना बढ़ती है और वह नौकरी के दौरान भी मिले हुए अनुभवों को चरितार्थ करता है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त कर्मचारी जितना आगे बढऩा चाहता है बढ़ता जाये उसे रोका नहीं जायेगा।
हिसार के कॉन्स्टेबल रामकुमार से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग पर भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा उंगलिया उठती है। हमने पारदर्शी भर्ती से पुलिस का चेहरा बदलने का कार्य किया है। आगामी छ: माह में 11 हजार पदों पर भर्ती करके 25 प्रतिशत तक नौजवानों को ईमानदारी से नौकरी प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि दृढ़ शक्ति और मनोबल के साथ कार्य करेंगे तो उनकी विशेषताएं अवश्य ही कारगर होगी। किसान की बीमार भैंस पर कहावत सुनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शी ढंग़ से भर्ती हुुए पुलिस जवानों को सचेत किया कि वे भ्रष्टाचारियों की श्रेणी में शामिल न हो जायें।
चरखीदादरी के सरपंच सोमेश के सवा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पुलिस में महिलाओं की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया। ताकि पुलिस में महिलाओं की भागीदारी बढ़े और अपराध पर भी अंकुश लगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 1200 महिलाओं को पुलिस में भर्ती किया जायेगा। इस प्रकार, पुलिस में महिलाओं की संख्या 11 प्रतिशत हो जायेगी और आगे इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत ले जाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसके सभी जिलों में महिला थानों की स्थापना हुई है तथा सब डिविजन स्तर पर भी खोलने का प्रयास है। इसके अलावा महिला डैस्क बनाकर ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को लाभ देने का कार्य किया है।
बहादुरगढ़ के क्लर्क अशोक कुमार से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 24 घंटे में लिस्ट आऊट करके मोबाईल ऐप के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर विभागों में तैनात करने का कार्य किया है। सरकार ने पारदर्शिता के साथ क्लर्क भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद ही परिणाम जारी कर विपक्षी नेताओं के बच्चों को भी मैरिट आधार पर नौकरी देने का कार्य किया है। पानीपत की जेबीटी शिक्षिका ज्योति भाटिया के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार ग्रुप सी व डी की भर्तियों में साक्षात्कार खत्म करके अंतोदय परिवार को लाभ देने का कार्य किया है। इसके अलावा विधवा, घुमंतु परिवारों, एनसीसी आदि प्रमाण पत्र वालों को विशेष त्वज्जो प्रदान की है ताकि उन्हें भी रोजगार के अवसर मिल सकें।
सोनीपत के पवन मलिक के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को पढ़ाई के बाद तीन साल तक सक्षम योजना के तहत मानदेय देने का निर्णय लिया है। इस दौरान उन्हें स्कील इंडिया के तहत निपुण करके रोजगार के काबिल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पलवल में कौशल विश्वविद्यालय खोला गया है, इसमें छ: माह से लेकर तीन साल तक के 800 कोर्स में युवाओं को निपुण किया जायेगा। सरकार का प्रयास है कि युवाओं में छिपी हुई प्रतिभा को विकसित करके प्राईवेट क्षेत्र में भी उन्हें काबिल बनाया जा सके। ताकि युवा अपनी सकारात्मक ऊर्जा का प्रयोग प्रदेशहित में कर सकें। इसके माध्यम से उन्हें आगे बढऩे के रास्ते मिलेंगे। शिक्षक सुनील मलिक के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में आई हुई गिरावट को दूर करने के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी बनाई है। इसके माध्यम से शिक्षा में अमूलचूल परिवर्तन लाने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने खिलाडिय़ों के लिए नई खेल नीति बनाई है इसके तहत ओलंपिक में पदक विजेता को एक करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि विलुप्त हो रहे अखाड़ों को सजीव बनाने के लिए 309 व्यायामशालाएं खोली गई हंै। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 157 देशों में प्रस्ताव पारित कर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 21 जून को योग दिवस घोषित करवाया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लोगों में शारीरिक और बोधिक विकास करने तथा उनके जीवन को सुखी बनाने के लिए राहगिरी कार्यक्रम शुरू किया गया है। प्रदेश के 20 जिलों में यह कार्यक्रम शुरू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 47 विश्वविद्यालय खोले गये हैं। इनमें से कई विश्वविद्यालयों में वल्र्ड क्लास की शिक्षा मुहैया करवाई जा रही है और इनमें विदेशी युवा शिक्षा ग्रहण करने के लिए आ रहे हंै।
मुख्यमंत्री ने गोहाना की शिक्षिका ममता के सवाल पर कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए भी सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं। सरकार ने महिलाकर्मिंयों की मैटरनिटी लीव के साथ-साथ पुरूष कर्मियों को भी 15 दिनों की पैटरनिटी लीव देने का निर्णय लिया है। पात्र अध्यापक संघ के प्रधान राजेंद्र शर्मा ने भी कर्मचारियों की कई मांगों पर विचार करने और अब तक लिये गए निर्णयों के प्रति दरियादिली दिखाने पर मुख्यंमत्री का आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का आधार केवल अस्पताल, शिक्षण संस्थाओं, रेलवे व अन्य औद्योगिक ईकाइयों की स्थापना व इमारतों का निर्माण नहीं होता बल्कि संस्कारवान युवा होता है। कोई भी परिवार, समाज व देश तभी संपन्न होगा, जब वहां की युवा पीढ़ी संस्कारवान होगी। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि यहां का युवा वर्ग अपने हुनर के दम पर अपने जीवन का निर्माण करे, इसके लिए सरकार नई-नई योजनाएं क्रियान्वित कर रही है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार से पहले विकास का आधार सडक़ों, इमारतों आदि का निर्माण करवाना माना जाता था, लेकिन ऐसा नहीं है, यह केवल बाहरी तौर पर दिखाई देने वाला विकास है। भौतिक विकास ही विकास नहीं होता, बल्कि सर्वांगीण विकास के लिए सोच का सही होना जरूरी है, जिससे युवा पीढ़ी संस्कारवान बनती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार की सकारात्मक व रचनात्मक सोच व नीतियां जरूरी होती है, जो भाजपा सरकार के पास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 24 अक्टूबर को अपना सफर शुरु किया था और अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान न केवल पारदर्शिता के साथ युवाओं को नौकरी देने का काम किया है, बल्कि समाज में खुशहाली लाने के लिए भी नीतियों का निर्धारण किया है। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के समान रूप से विकास के लिए सरकार ने दिव्यांगों व घुमंतू जाति के लोगों के लिए अलग से नीतियां बनाई हैं, ताकि वे लोग भी समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि सरकार ने कैंसर रूपी भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए ठोस नीतियां बनाई और उनको लागू किया। उन्होंने कहा कि देश व समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब हम स्वयं की बजाय देश व समाज के विकास को प्राथमिक मानें।
मुख्यमंत्री के संबोधन से पहले हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन जवाहर यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बिना किसी भेदभाव के काम कर रही है, जबकि पिछली सरकारों के दौरान भेदभाव के चलते पहले से की गई नियुक्तियों को रद्द कर दिया जाता था। उन्होंने कहा कि जेबीटी की भर्ती हुड्डा सरकार में हुई थी, लेकिन नियुक्तियां मौजूदा राज्य सरकार ने दी। श्री यादव ने रोजगार प्राप्त युवाओं से सीधा संवाद करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि श्री मनोहर लाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने मेरिट के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वाले युवाओं से उनकी प्रतिक्रिया जानी है।
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री, मनीष ग्रोवर, पार्टी के जिलाध्यक्ष अजय बंसल, हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन राम अवतार वाल्मीकि भी उपस्थित थे।