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चंडीगढ, 3 जून : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जाट आरक्षण का विषय सरकार के हाथ में नहीं है। सरकार ने अपना कार्य समय पर कर दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा में जाट आरक्षण के संबंध बिल पारित कर दिया था, उसके बाद यह मामला अदालत में चल रहा है और हमारे वकील लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमने संबंधित पक्ष को भी कहा है कि वह भी अपने वकीलों को अदालतों में खड़ा करें ताकि वहां किसी प्रकार की कोई कमी न रहे इसलिए यह लड़ाई सब को मिलकर लडऩी होती है।
मनोहर लाल आज रोहतक में एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। प्रदेश में भाजपा के बड़े व छोटे नेता का कार्यक्रम न होने देने के सम्बन्ध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। लोकतंत्र में कोई किसी की बात को नहीं मानेगा या नहीं करने देगा, ऐसा कोई विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार हर प्रकार की स्थिति अनुसार प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखेगी। उन्होंने कहा कि कानून की परिधि में रहते हुए उनकी सभी मांगें पूरी हो गई हैं। चाहे मुआवजे की बात हो, जिसका नुकसान हुआ था, उस नुकसान की भरपाई एक महीने के अंदर-अंदर कर दी थी। परिवार के आश्रित को नौकरी देने की बात थी तो नौकरी दे दी गई। मुआवजा देना था, मुआवजा भी दे दिया। अब कोई मामला नहीं बचा है।
उन्होंने कहा कि कुछ साधारण सी धाराओं में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को रियायत देने की सिफारिश उच्च न्यायालय से की गई थी, जिस पर न्यायालय द्वारा रोक लगा दी गई।
पेट्रोल पदार्थों को जीएसटी में लाने में कोई आपत्ति नहीं
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि डीजल और पेट्रोल पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने का सुझाव कई प्रदेशों ने जीएसटी काउंसिल में रखा है। जीएसटी काउंसिल जब तक मान्य नहीं करती तब तक यह जीएसटी के दायरे में नहीं आ सकता। जीएसटी काउंसिल का डीजल और पेट्रोल पदार्थों को जीएसटी में लाने का निर्णय आता है तो हमें इस निर्णय से कोई आपत्ति नहीं है।
पत्रकार सम्मेलन मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजल और पेट्रोल पदार्थों की कीमत का विषय है अंतरराष्ट्रीय बाजार का एक विषय है। बाजार के अनुसार कीमतें ऊपर नीचे होती हैं।