खट्टर सरकार तानाशाही बंद कर सफाई कर्मियों की मांगों को तुरंत माने : आफ़ताब अहमद 

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यूनुस अलवी

 
मेवात : सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले कई दिनों से सफाई कर्मचारियों की चल रही हड़ताल में पहुँचकर पूर्व परिवहन मंत्री व प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष आफ़ताब अहमद ने सफाई कर्मचारियों की मांगों को पार्टी की ओर से अपना समर्थन देते हुए वह प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। भाजपा सरकार कर्मचारियों का दमन बंद करे व तुरंत उनकी सभी मांगों को माने।
  प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष आफ़ताब अहमद ने कहा कि उन्होंने कहा कि बीजेपी के वो नेता अब कहां हैं जो कुछ दिन पहले सफाई करते व फर्जी कूढे के साथ फोटो खिंचवाने का काम करते थे। भाजपा का स्वच्छता अभियान एक ढकोसला साबित हो गया है। सरकार अब सफाई कर्मचारी की जायज मांगों से क्यों  मुंह मोड़ रही है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की मांगों को माने बिना ही स्वच्छ भारत कैसे बन सकता है। 
 
  आफ़ताब अहमद ने कहा कि अगर भाजपा सरकार ने सफाई कर्मचारियों की मांगों को तुरंत नहीं माना तो कांग्रेस पार्टी सत्ता में आते ही सर्वप्रथम उनकी मांगों को तुरंत लागू करेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने पर ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करके सभी कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा। उन्होंने कि अचरज की बात है कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले ग्यारह दिन से हड़ताल पर हैं और पूरे प्रदेश की सडक़ें गंदगी से अटी  पड़ी हैं लेकिन खट्टर सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। सरकार का ये रवैया दर्शाता है कि भाजपा का स्वच्छ भारत का नारा भी एक जुमला था।
 
   पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार के किसी मंत्री का कर्मचारियों से बातचीत नहीं करना सरकार की हठधर्मिता को दर्शाता है और साबित करता है कि खट्टर सरकार कर्मचारियों की मांग पर विचार ही नहीं करना चाहती है। सरकार पूरी तरह से फैल हो चुकी है। आज हर कर्मचारी खट्टर सरकार की नीतियों व नियत से परेशान है, हर वर्ग सडकों पर संघर्ष कर रहा है लेकिन सरकार तानाशाही में लीन है। पूर्व की कांग्रेस की हुडड़़ा सरकार में कर्मचारियों की मांगों को सुना जाता था और उनके समाधान का प्रयास होता था। लेकिन भाजपा सरकार समाधान करने की बजाए, जिम्मेदारी से भाग रही है। आफ़ताब अहमद ने कहा कि उनकी पार्टी कर्मचारियों के साथ खडी हैं और भाजपा सरकार की दमन की नीतियों व विचारधारा को कामयाब नहीं होने देंगे। अगर खट्टर सरकार अपनी हरकतों से बाज नहीं आई तो सरकार को कांग्रेस पार्टी के कडे संघर्ष का सामना करना होगा।

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