पाक पीएम ने सेना से दो टूक कहा, आतंकियों पर लगाम लगाओ
पाक के पंजाब प्रान्त के मुख्यमंत्री शहबाज व आईएसआई प्रमुख के बीच जुबानी जंग
नई दिल्ली /ईस्लामाबाद : लगता है पाकिस्तान के प्रधान मंत्री अब नवाज शरीफ घुटने टेकने लगे हैं. एक तरफ भारतीय सैन्य कारवाई तो दूसरी तरफ भारत की कूटनीतिक घेराबंदी , पाक को अब कोई रास्ता निकलने का दिखाई नहीं देता गई. संभव है इसलिए ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए पाक की सेना को चेतावनी देते हुए किसी भी प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों को पनाह नहीं देने के लिए कहा है. खबर है कि शरीफ ने अधिकारियों को पठानकोट आतंकी हमले की जांच एवं 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले की सुनवाई जल्द पूरी करने का भी निर्देश दिया है.
पाक के डॉन समाचार पत्र के अनुसार यह अभूतपूर्व कदम पाकिस्तानी सेना के अधिकारीयों और वहां के राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच कई दौर की बैठकों के बाद शरीफ ने किया है. आम तौर पर पाकिस्तानी सेना व सरकार कि तीव्र आलोचना करने वाले इस समाचार पात्र ने दावा किया है सरकार ने सैन्य नेतृत्व को बेहद स्पष्ट, सुनियोजित और अभूतपूर्व चेतावनी दी है . साथ ही प्रतिबंधित आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने व कुछ खास मुद्दों पर आम सहमति भी बनाने की मांग की है. अखबार ने उक्त बैठक में मौजूद लोगों के हवाले से इस तरह का दावा किया है. यह सूचना देने वाले का नाम नहीं बताया गया है.
पाकिस्तानी जनता में नवाज़ सरकार की शाख गिरी
यह भी दावा किया गया है कि सेना व सरकार के बीच हुई इन बैठकों में दो तरह की कार्रवाई पर सहमति बनी. इनमें से एक को सार्वजनिक नहीं किया गया. संकेत है कि यह फैसला गत सोमवार को पाक पीएम की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय सम्मेलन के दौरान लिया गया था.
सहमती बनी है कि आईएसआई के प्रमुख रिजवान अख्तर और पाक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर जंजुआ इस संदेश के साथ सभी प्रांतों का दौरा करेंगे कि प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में सेना की खुफिया एजेंसियां हस्तक्षेप नहीं करे.
चर्चा जोरों पर है कि पाक के पंजाब प्रान्त के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ जों नवाज़ शरीफ का भाई भी हैं और आईएसआई महानिदेशक के बीच जमकर कहा सुनी हुयी. क्योंकि राजनितिक दलों को अब लगने लगा अहि कि पाकिस्तान अब दुनिया में अकेला पड़ गया है. अगर यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तानी जनता सड़कों पर निकल कर विद्रोह करेगी. दोनों के बीच तू तू मैं मैं होने के बाद शरीफ सरकार की ओर से निर्णय लिए गए . अख़बार कहत है कि यह इस सरकार के नये दृष्टिकोण को दिखलता है.
संभव है पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ने के कारण देश की छवि सुधारने के लिए इस तरह के कदम उठाता प्रतीत होता है. हालाकिं आतंकवाद को लेकर अमेरिका ने पाक सरकार को दो टूक शब्दों पर आतंवाद पर कार्रवाई के लिये कहा है.