अदालत ने लालू यादव पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया
दो अन्य मामले में राजद नेता को दोषी करार दिया गया है
कुल 56 में से 50 लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया गया
चाईबासा : चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार गबन मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा हुई है. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को सजा सुनाई. अदालत ने लालू यादव पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. चारा घोटाले का यह तीसरा मामला था जबकि इससे पहले दो अन्य मामलों में भी राजद नेता को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई जा चुकी है.
उल्लेखनीय है कि इस मामले में बहस दस जनवरी को पूरी हो गई थी और अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. बुधवार को हुई सुनवाई में लालू के अलावा कुल 56 में से 50 लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया गया. बाकी 6 को निर्दोष बताया गया है. हालाँकि इसमें 76 आरोपी थे जिनमें से कुछ की मृत्यु हो गयी और कुछ ने सरकारी गवाह बनना स्वीकार कर लिया.
लालू यादव चारा घोटाले के देवघर कोषागार से जुड़े एक मामले में साढ़े तीन साल की सजा पाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. सुनवाई में दौरान अन्य आरोपी जगन्नाथ मिश्रा अपनी पत्नी के देहांत के कारण नहीं आ पाए थे. लालू को दोषी करार दिए जाने के बाद राजद नेता रघुवंश प्रसाद ने कहा कि हम इस मामले में कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है लालू आदतन अपराधी हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य को लूटने की सजा मिली है. अभी तो सिर्फ तीन ही मामले में सजा मिली है, दो मामले अभी भी बाकी हैं. ये पहली बार नहीं है कि वह दोषी करार दिए गए हैं. राजद द्वारा बीजेपी पर आरोप लगाने पर उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी के नेता ऐसा कह रहे हैं तो वह कोर्ट का अपमान कर रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा कि लालू यादव किसी भी तरह का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जनता लालू जी को अपना हीरो मानती है, जनता के लिए लालू आरोपी नहीं है. हम इस मामले को आगे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी ले जाएंगे. नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि लालू को फंसाने की साजिश हुई है, नीतीश की कैबिनेट में भी कई दागी बैठे हैं. नीतीश कुमार बार-बार दिल्ली इसलिए जाते हैं कि वह लालू को फंसाने की साजिश रच सके. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 2018 में ही चुनाव करवाना चाहते हैं.
चाईबासा कोषागार से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी. इसमें साल 1996 में केस दर्ज हुआ था. इस मामले में कुल 76 आरोपी थे, जिनमें लालू प्रसाद और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के नाम भी शामिल हैं.
हालांकि सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों का निधन हो चुका है. दो आरोपियों सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने अपना जुर्म कबूल लिया, जबकि तीन आरोपियों दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेश प्रसाद सिंह को सरकारी गवाह बना दिया गया है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई कोर्ट चारा घोटाले की सुनवाई डे-टू-डे बेसिस पर कर रही है. झारखंड में चारा घोटाले में लालू यादव पर पांच मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से दो पर सजा का ऐलान हो चुका है.
देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज किया था.