सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा : सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन में गड़बड़ी है !

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अब तक के इतिहास में देश में यह पहली घटना है

जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा , हमने सीजेआई से कई गड़बडिय़ों की शिकायत की थी

हमारी बात नहीं सुनी गई तो हमें आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी

जस्टिस चेलामेश्वर ने पत्रकारों से क्या कहा इसकी वीडियो खबर के नीचे देखें : 

नई दिल्ली। अब तक के इतिहास में देश में यह पहली घटना है कि देश की सर्वोच्च अदालत के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस वार्ता कर सीधे चीफ जस्टिस की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाया है. यह अपने आप में आश्चर्यजनक घटना है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों को मीडिया के सामने आना पड़ा। शुक्रवार को जस्टिस जे. चेलमेश्वर सहित सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।  जस्टिस चेलमेश्वर ने मीडिया के समक्ष कहा कि किसी देश के लोकतंत्र के लिए जजों की स्वतंत्रता जरूरी है, ऐसे में लोकतंत्र जीवित नहीं रह पाएगा।

उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमने सीजेआई से कई गड़बडिय़ों की शिकायत की थी। हम नहीं चाहते कि हम पर कोई सवाल उठे और न्यायपालिका की निष्ठा पर सवाल उठे। जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि हमें इस तरह से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने में कोई खुशी नहीं है। उन्होंने आशंका जाहिर की कि सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन में गड़बड़ी है।

न्यायाधीश जे. चेलमेश्वर ने कहा, ‘हम चारों आज सुबह प्रधान न्यायाधीश से जाकर मिले और उन्हें पत्र सौंपकर अनुरोध किया। हम चाहते थे कि कुछ चीजें खास तरीके से की जाएं। हमने सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था से जुड़ी गड़बड़ियों की शिकायत की और उनसे कहा कि इन चीजों को ठीक किए जाने की जरूरत है।’ न्यायाधीश चमलेश्वर ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरीके से सिस्टम काम कर रहा है उससे उससे केवल यहां का ही नहीं किसी भी देश का लोकतंत्र काम नहीं कर सकता।

सीजेआई पर दोषारोपण के मामले पर जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि देश को निर्णय लेने दीजिए। पिछले महीने में कुछ ऐसी बातें हुई हैं। उन्होंने दोहराया कि हमने खुद जाकर चीफ जस्टिस से बताया कि प्रशासन में सब कुछ ठीक नहीं है लेकिन जब हमारी बात नहीं सुनी गई तो हमें आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी।

पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधान न्यायाधीश पर महाभियोग चलाया जाना चाहिए। इस पर चमलेश्वर ने कहा, ‘इस बात का निर्णय देश को करना है।’

न्यायाधीश चेलमेश्वर ने कहा, ‘हमें मीडिया से बात करने में खुशी नहीं है लेकिन हम प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए बाध्य हुए। सुप्रीम कोर्ट का सिस्टम ठीक से नहीं चल रहा है, वह व्यवस्थित नहीं है। पिछले कुछ महीनों में अवांछनीय चीजें यहां हुई हैं। इन्हें व्यवस्थित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। हम सीजेआई से मिले और उनसे अनुरोध किया लेकिन हमारे प्रयास विफल हो गए।’

मीडिया के इस सवाल पर कि क्या पत्र में सीबीआई के जज बीएच लोया के मामले का जिक्र है। इस पर न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा-‘हां’, पत्र में एक केस सौंपे जाने का उल्लेख है।

जस्टिस चेलामेश्वर ने यह कहते हुए चिंता व्यक्त की कि 20 साल बाद कोई यह न कहे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी है इसलिए हमने मीडिया से बात करने का फैसला किया। उन्होंने आगाह किया कि भारत समेत किसी भी देश में लोकतंत्र को बरकरार रखने के लिए यह जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्था सही ढंग से काम करे।

चेलामेश्वर ने इस बात पर बल दिया कि हमारे पत्र पर अब राष्ट्र को विचार करना है कि मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए या नहीं। जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि यह खुशी की बात नहीं है कि हमें प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलानी पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन सही से नहीं चल रहा है। बीते कुछ महीनों में वे चीजें हुई हैं, जो नहीं होनी चाहिए थीं।

जस्टिस चेलामेश्वर ने पत्रकारों से क्या कहा इसकी वीडियो यहाँ देखें : 

Vidieo Courtsy : TIMES NOW 

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