स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया’ योजना में युवाओं को उद्यमी बनाना चाहता है प्रशासन

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वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. राघवेन्द्र राव ने की समीक्षा 

गुरुग्राम की प्रगति रिपोर्ट अन्य जिलों की अपेक्षा अव्वल होने का दावा 

गुरुग्राम, 28 दिसंबर। गुरुग्राम जिला में ‘स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया’ योजना से अधिक से अधिक लोगों को जोडऩे के लिए जिला प्रशासन द्वारा रूपरेखा तैयार की जा रही है जिसके तहत लोगों को इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली ऋण सुविधा के बारे में जानकारी दी जाएगी और उद्योग शुरू करने के लिए उनका मार्गदर्शन किया जाएगा। 

यह जानकारी आज गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने हरियाणा के वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. राघवेन्द्र राव को दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव आज वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैंको द्वारा संचालित विभिन्न प्रकार की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान ‘स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया’ योजना का अधिक से अधिक प्रचार करवाने तथा युवाओं को इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करने पर बल दिया। बैंक संबंधी विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान गुरुग्राम की प्रगति रिपोर्ट अन्य जिलों की अपेक्षा अव्वल पाई गई जिसके लिए उपायुक्त ने बैंक अधिकारियों को बधाई दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आज डी-प्लॉन के तहत करवाए गए विभिन्न विकास कार्यों की भी समीक्षा की।  

वीडियो कान्फ्रें सिंग के उपरांत उपायुक्त ने अग्रणी जिला प्रबंधक आर सी नायक से कहा कि वे बैंको को ‘स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया’ योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों विशेषकर युवाओं तक पहुंचाने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि ये दोनो योजनाएं सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं जिनके माध्यम से युवा अपनी उद्यमशीलता का प्रयोग करते हुए नए उद्योग लगा सकते हैं। ऐसा करके वे ना केवल स्वयं अच्छा लाभ कमा सकते हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं। इन योजनाओं के तहत उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा ऋण सुविधा तथा आवश्यक मार्गदर्शन व अन्य सहयोग भी दिया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया का मुख्य उद्द्ेश्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देते हुए नए उद्यमियों को उद्योगों के अनुकूल वातावरण देना है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम एक हैपनिंग सिटी है, यहां पर उद्योग स्थापित करने की अपार संभावनाएं है इसलिए इस योजना का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। उपायुक्त ने कहा कि कई बार लोग जानकारी के अभाव में इस प्रकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ नही उठा पाते जिसके चलते गुरुग्राम जिला प्रशासन ने ‘स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया’ की जानकारी जन-जन पहुचांने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवाने का निर्णय लिया है। इन जागरूकता कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए जिला के बैंको सहित स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। 

उपायुक्त ने बताया कि स्टार्ट अप इंडिया योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अपना उद्योग लगाने के लिए आवेदन कर सकता है, भले ही वह किसी भी जाति, धर्म या सम्प्रदाय से संबंध रखता हो, जबकि स्टैंड अप इंडिया में उद्योग स्थापित करने के लिए अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति या कम से कम एक महिला उद्यमी शामिल हो, तो आवेदक को 10 लाख रूपये से लेकर 1 करोड़ रूपये तक की राशि की ऋण सुविधा दी जाती है। अपना उद्योग शुरू करने पर उद्यमी को पहले 3 साल तक आयकर में भी छूट दी जाती है। 

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए पात्रता मानदंडो का उल्लेख करते हुए अग्रणी जिला प्रबंधक आर सी नायक ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने वाला आवेदक अनुसूचित जाति या जनजाति या महिला उद्यमियों में से एक होने चाहिए। आवेदक की आयु 18 साल से ऊपर होनी चाहिए। इस योजना के तहत ऋण केवल ग्रीन फील्ड परियोजना के लिए उपलब्ध है। ग्रीनफील्ड का मतलब है कि कंसट्रक्शन या सर्विसिज़ या बिजनेस के क्षेत्र मे लाभार्थी पहली बार काम कर रहा है। आवेदक किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था से डिफाल्टर नही होना चाहिए। 

स्टैंड अप इंडिया योजना के लिए आवेदन तीन प्रकार से किया जा सकता है जिसमें पहला, बैवपोर्टल- द्धह्लह्लश्चह्य://222.ह्यह्लड्डठ्ठस्रह्वश्चद्वद्बह्लह्म्ड्ड.द्बठ्ठ/ के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन, सीधे बैंक शाखा मे जाकर तथा तीसरा अग्रणी जिला प्रबंधक के माध्यम से। वैबपोर्टल पर पहले आवेदक को स्वयं को रजिस्टर करना होगा। सफलतापूर्वक रजिस्टर करने के बाद व्यक्ति इस पोर्टल पर यूजरनेम व पासवर्ड डालकर लॉग इन करें। इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय हैल्पलाइन टोल फ्री नंबर-18001801111 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

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