सी एम चाहते हैं, पर अधिकारी पलीता लगा रहे हैं …….

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: मेवात के 550 एनएचएम कर्मचारी आज से दो की हडताल पर

: यूनियन की मांग एनएचएम कर्मचारियों को पक्का किया जाए

: जब तक पक्के नहीं होते तब तक पक्के कर्मचारियों की तरह सभी सुविधाएं दी जाए

: मेवात के अल-आफिया असपताल में शुरू की हडताल

: जब तक मांगे पूरी नहीं तब तक जारी रह सकती है हडताल

यूनुस अलवी

 
मेवात : अपनी मांगो को सरकार से मनवाने को लेकर हरियाणा एनएचएम कर्मचारी मंगलवार से दो दिन की हडताल शुरू कर दी गई। यह हडताल यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष निहान रजा की अगुवाई में शुरू की गई। कर्मचारियों की मांग है कि एनएचएम कर्मचारियों को पक्का किया जाऐ या जब तक उन्हें पक्का नहीं कर दिया जाता तब तक नियमित कर्मचारियों की तरह सभी सुविधा दी जाऐं। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रिहान रजा ने बताया कि 5 और 6 दिसंबर को पूरे हरियाणा में एनएचएम के करीब 12 हजार कर्मचारी  दो दिन की हडलात पर रहेगें। उनकी सरकार से मांग है की सभी एनएचएम कर्मचारियों को पक्का किया जाऐ और जब तक कर्मचारी पक्के नहीं किए जाते तब तक एनएचएम कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह सभी सुविधा दी जाऐं। उनका कहना है कि एनएचएम के मेवात जिला में करीब 550 कर्मचारी कार्रयत हैं। मेवात का अधिक्तर स्वास्थ्य विभाग इनहीं कर्मचारियों के सहारे चल रहा है। सरकार चाहे तो इस हडताल को टाल सकती है पर ये सरकार केवल वादा करती है अपने वादों पर अमल नहीं करती। उनका कहना है कि सीएम उनकी मागों को मान चुके हैं पर अधिकारी उन पर अमल नहीं कर रहे हैं। उन्होने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे सीएम की बात को भी नहीं मान रहे हैं।
र   ाज्य अध्यक्ष कहा कि पिछले एक वर्ष में संघ ने अधिकारियों तथा स्वमं मुख्यमंत्री से लगभग 8 वार्ताएं की है और उन वार्ताओं में मुख्यमंत्री ने सहयोगात्मक भूमिका ही निभाई है परंतु अधिकारियों द्वारा उनके द्वारा दिए गए आदेशों की न केवल अवहेलना की बल्कि सच कहें तो आज की इस हड़ताल में आग में घी का काम ये अधिकारी ही कर रहे है। उनका कहना है कि अधिकारी चाहते तो समय रहते मुख्यमंत्री के आदेशों को लागू कर इस हड़ताल को ताल सकते थे, एक तरफ तो ये अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे है दूसरे बार बार वार्ता के लिए बुलाकर कर्मचारियों को प्रताडि़त कर रहे है 

 

कर्मचारियों की मांगे

 
1- वेतन विसंगतियां
      इस विसय पर भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में सभी राज्यों को पत्र लिखकर वेतन में समानता लेन के बारे में आदेश दिए गए थे परंतु हरियाणा सरकार के इन उच्चाधिकारियों ने उस पत्र को ही दबा दिया । वेतन विसंगतियों से सम्बंधित एक सूची इसके साथ संलग्न है ।
2-   7वा वेतन आयोग
अक्टूबर 2017 में माननीय मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के द्वारा एनएचएम कर्मचारियों को भी 7वे वेतन आयोग की शिफराहों के अनुसार 14.29 की वेतन बढ़ोतरी की अनुमोदन प्रदान की गई थी परंतु ये अधिकारी सरेआम मुख्यमंत्री जी के आदेह की अवहेलना कर रहे है और फाइल को इधर से उधर 1 से दूसरी टेबल पाए घुमा रहे है।
3-  सेवा नियम
  9 जून 2017 को को मुख्यमंत्री जी के प्रधान श्री राजेश खूलर के द्वारा एनएचएम कर्मचारियों को एसएसए की तर्ज पर सेवा नियम का लाभ देने के बारे में आदेश दिए गए परंतु 6 माह बीत जाने के बाद भी फाइल मुख्यालय के अधिकारियो ने अपने पास रोक राखी है जिनके कारण सरकार की भी किरकिरी हो रही है।
4- नियमितीकरण 
भारत सरकार द्वारा लोक सभा एवं राज्य सभा में अनेको बार प्रश्नो के उत्तर में यह बताया है कि एनएचएम के तहत कर्मचारियों के वेतन कोबड़ाने, स्थानांतरण नीति, सेवा नई नियम बनाने आदि सभी कार्य राज्य सरकार द्वारा किये जाने हैं चूँकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है।
इसी सन्दर्भ में बिहार सरकार द्वारा व्वर्ष 2011 में अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए हर कर्मचारी के वेतन में 10000 की बढ़ोतरी की  गयी थी।
अमित मोहन प्रसाद द्वारा सभी राज्यों को जारी किये गए पत्रों पर कार्यवाही करते हुए राजाथान सरकार में कर्मचारियों के पदों की अतिरिक्त स्वीकृति स्वस्थ्य में दी परंतु हरियाणा सरकार के अधिकारी इस पर अभी तक चुप्पी साधे हुए है ।
रूस्त्र ( मिशन स्क्रीनिंग ग्रुप ) एनएचएम द्वारा एक बैठक में भी निर्णय लिया है कि एनएचएम कर्मचारी को नियमित करने के लिए पालिसी बनाई जानी चाहिए । चुकी राज्य का विषय होने के कारण भारत सरकार फिर भी विचार कर रही है ।

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