आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में आयोजित समारोह में किया पुरस्कृत
बाल साहित्य पुरस्कार के लिए प्रो. पाठक के बाल उपन्यास “लालगाछी” का चयन
“भूतक बाबा” नाम से मैथिली में उनका कथा संग्रह बेहद प्रचलित
दरभंगा । मैथिली में बाल साहित्य अकादमी पुरस्कार इस बार मैथिली साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार- पत्रकार प्रो. अमलेन्दु शेखर पाठक को दिया गया. मंगलवार को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में आयोजित भव्य पुरस्कार वितरण समारोह में प्रो. पाठक को यह पुरस्कार अकादमी के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ तिवारी ने प्रदान किया. अकादमी की ओर से प्रो. पाठक को प्रशस्ति पत्र के साथ ही 50000 रु का चेक इस अवसर पर प्रदान किया गया. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 के लिए बाल साहित्य पुरस्कार के लिए प्रो. पाठक के बाल उपन्यास “लालगाछी” का चयन अकादमी की ओर से गठित चयन समिति ने किया था.
इसकी घोषणा जून महीने की 22 तारीख को की गई थी. बाल दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष समारोह में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया है. इस अवसर पर साहित्य अकादमी में स्वीकृत देश की विभिन्न 24 भाषाओं के लिए चयनित बाल साहित्य के लेखक को भी पुरस्कृत किया गया.
बाल साहित्य लेखन को प्रोत्साहन देने के लिए अकादमी ने बाल साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत की है. इससे पूर्व आधा दर्जन साहित्यकारों को यह पुरस्कार प्राप्त हो चुका है. श्री पाठक मूल रूप से समस्तीपुर जिला अंतर्गत मुजौना गांव के निवासी मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार सह मैथिली के सेवानिवृत्त प्रोफेसर शिवाकांत पाठक के जेष्ठ पुत्र हैं. साहित्य की विभिन्न विधाओं को अपनी रचनाओं से समृद्ध करते हुए एएस पाठक ने बाल साहित्य लेखन भी खूब किया है. इस उपन्यास से पूर्व “भूतक बाबा” नाम से मैथिली में उनका कथा संग्रह प्रकाशित है. विभिन्न मैथिली पत्र-पत्रिकाओं में भी बाल साहित्य लेखन करते रहे हैं.
अकादमी के इस निर्णय से मैथिली साहित्य जगत में हर्ष है. बाल मनोविज्ञान को ध्यान में रखकर रहस्य-रोमांच के साथ अंधविश्वास पर आघात करते कथानक के माध्यम से पुरस्कृत उपन्यास में प्रो. पाठक ने मिथिला क्षेत्र की विरासत तथा सांस्कृतिक धरोहर से भी नई पौध को परिचित कराने का सफल प्रयास किया है.
उल्लेखनीय है कि अकादमी पुरस्कार की घोषणा से एक दिन पूर्व ही प्रो. पाठक को साहित्यकार संसद समस्तीपुर ने उपेन्द्रनाथ झा ‘व्यास’ शिखर साहित्य सम्मान से नवाजा था। वही मैथिली की शीर्षस्थ संस्था चेतना समिति, पटना ने पिछले 18 जुलाई को और बिहार के पूर्व व प. बंगाल के वर्त्तमान महामहिम राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने विगत 4 अक्टूबर को सम्मानित किया था।