राष्ट्रपति चाहते हैं कि देश के युवा नशामुक्ति के लिए अभियान चलाएं

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राष्ट्रपति चाहते हैं कि देश के युवा नशामुक्ति के लिए अभियान चलाएं 2

बिहार के पूर्व मंत्री व सांसद

अश्विनी कुमार चौबे के नेतृत्व

में एक प्रतिनिधिमंडल 

रामनाथ कोविंद से मिला 

 

 

देशभर में बच्चों व युवाओं को व्यसनों से बचाने की अपील की

नई दिल्ली 29 अगस्त।   बिहार के पूर्व मंत्री व सांसद अश्विनी कुमार चौबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर देशभर में बच्चों व युवाओं को व्यसनों से बचाने की अपील की। इन व्यसनों में खासतौर पर तंबाकू भी शामिल है। इस पर राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने माना कि यह बहुत ही गंभीर समस्या है और बच्चों व युवाअेां को इसकी जानकारी है फिर भी वे इसका सेवन कर रहे हैं । इसके लिए चलाये जा रहे जागरुकता कार्यक्रम के अभियान को गांव स्तर पर ले जाना होगा।  बच्चों व युवाओं को इसके दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराते हुए उन्हें मानसिक रूप से इसका सेवन नही करने के लिया तैयार करना होगा । उन्हें यह संकल्प लेने को प्रेरित करने की जरूरत है.  उन्होंने कहा कि इस तरह के अभियान की मुहिम की जिम्मेदारी भी युवाओं के हाथों में हो तभी यह प्रभावी बनेगा.  इसके लिए महामहिम ने राष्ट्रीय स्तर पर यह सघन अभियान चलाने को कहा।

बक्सर (बिहार) के सांसद व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने महामहिम राष्ट्रपति को बताया कि बिहार में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए संबध हैल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) वायॅस ऑफ टोबेको विक्टिम के साथ मिलकर तंबाकू नियंत्रण के लिए लोकहित में काम किया है। जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। आजकल युवाअेां में तंबाकू का प्रचलन बढ़ रहा है, जो कि बेहद चिंता का विषय है। लोक स्वास्थ्य के लिए यह अतिआवश्यक है कि तंबाकू से नष्ट होने वाली अपनी युवा पीढ़ी को बचाने की जरूरत है।

उन्होंने महामहिम को बताया कि देशभर में 50 प्रतिशत कैंसर तंबाकू के कारण होता है वंही 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर भी तंबाकू के कारण हेाता है।

संबध हैल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) के संजय सेठ ने महामहिम राष्ट्रपति को बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (गेट्स-2) 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 28.6 प्रतिशत लोग किसी न किसी रुप मंेे तंबाकू उत्पादों का उपभोग करतें है। प्रतिवर्ष देशभर में 10 लाख लोग इससे दम तोड़ रहे है। वंही देशभर में 5500 बच्चे हर दिन तंबाकूसेवन की शुरुआत कर रहें है और वयस्क होने की आयु से पहले ही तम्बाकू के आदी हो जाते हैं। जेा कि बेहद चिंताजनक है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जागरूकता बढ़ाने, तंबाकू उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाने के बाद सात साल में 81 लाख उपभोक्ताओं ने तंबाकू को अलविदा कह दिया।

देश में 92 प्रतिशत युवा मानते है कि धूम्रपान ही गंभीर बीमारियों का कारक है वंही 96 प्रतिशत युवा आबादी मानती है कि चबाने वाला तंबाकू गंभीर बीमारियों का मुख्यकारक है। सेठ ने बताया कि तंबाकू सेवन करने वाले केवल तीन प्रतिशत लोग ही इस लत को छोड़ने में सक्षम हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम बच्चों को तम्बाकू सेवनकी पहल करने से ही रोके। 

उन्होने  राष्ट्रपति को बताया कि इसके लिए तंबाकू के इस्तेमाल और रक्षात्मक नियमों की निगरानी रखकर, शिक्षण संस्थाओं केा तंबाकु मुक्त बनाकर, सार्वजनिकस्थलों को तंबाकू मुक्त बनाकर, धूम्रपान से लोगों को बचाकर, तंबाकू छोड़ने के लिए सहायता देकर, तंबाकू से खतरों के प्रति लोगों को अगाह करके, तंबाकू उत्पादों के प्रचार, प्रमोशन व स्पांसरशिप पर प्रतिबंध लगाकर तथा तंबाकू उत्पादों पर टैक्स की दरों को बढ़ाकर बच्चों व युवाअेां को इससे बचाया जा सकता है।

इस दौरान मैक्स हास्पीटल के कैंसर सर्जन डा.हरित चतुर्वेदी व फोर्टिस के कैंसर सर्जन डा.वेदांत काबरा ने राष्ट्रपति को बताया कि आजकल अस्पतालों मेंप्रतिदिन तम्बाकू से होने वाले मुंह, और गला कैंसर के रेागियेां की संख्या में बढ़ेातरी हो रही है। क्येांकि तंबाकू ही मुख्य कैंसर का कारक है। इसमें दुःख की बात यह है किअभी जो मरीज आ रहे है उनमें अधिकतर युवा है। जिनकी उम्र मात्र 15 साल से 35 के बीच है। पंहले जंहा 50 से अधिक उम्र के लेागेां में कैंसर होता था आज वंही 15 सालकी उम्र में ही हो रहा है। यंहा जितने लोगेां में कैंसर की पहचान हो जाती है उनमें से अधिकांश एक साल के अंदर ही दम तोड़ देते है। इस तरह की जो स्थिति हेा रही वहीचिंताजनक है।

उन्होने बताया कि तंबाकू चबाने से मुंह, गला, अमाशय, यकृत और फेफड़े के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। तंबाकू जनित रोगों में सबसे ज्यादा मामले फेफड़े और रक्त सेसंबंधित रोगों के हैं जिनका इलाज न केवल महंगा बल्कि जटिल भी है। देशभर में इन बीमारियों पर करीब 1 लाख करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है।

प्रतिनिधिमंडल में की संबध हैल्थ फांउडेशन की डायरेक्टर आशिमा सरीन, विभोर निझावन, अविरल चौबे, अपरमीत सिंह शामिल थे।

 

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