गुरुग्राम के कुल 35 में से 19 वार्ड खुले में शौचमुक्त घोषित !

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मुख्यमंत्री के सलाहकार डा. योगेन्द्र मलिक ने की ओ डी एफ योजना की समीक्षा 

सोलिड व लिक्विड मैनेजमेंट के 56 प्रौजेक्ट में से 31 प्रौजेक्ट के काम पूरे होने का दावा 

संयुक्त आयुक्त ने वार्ड वाइज क्लस्टर बनाने की दी जानकारी 

 
गुरूग्राम, 18 अगस्त। मुख्यमंत्री के सलाहकार डा. योगेन्द्र मलिक ने आज स्वच्छ भारत अभियान के तहत गुरुग्राम जिला के शहरी क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त बनाने तथा गुरुग्राम के ग्रामीण क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त बनाए रखने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यो की  समीक्षा की।  बैठक में गुरुग्राम की नगर निगम की संयुक्त आयुक्त अन्नु श्योकंद ने शहरी क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए किए जा रहे कार्यों का ब्यौरा रखा। बताया गया कि इसके लिए वार्ड वाइज क्लस्टर बनाकर काम किए जा रहे हैं।
 
संयुक्त आयुक्त ने बताया कि गुरुग्राम के 35 वार्ड है जिसमें 19 वार्डों को खुले मे शौचमुक्त घोषित किया जा चुका है तथा बाकि बचे वार्डों को भी जल्द ही खुले में शौचमुक्त बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए विभिन्न आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों , स्वयंसेवी संस्थाओं , धार्मिक संगठनों सहित अन्य लोगों का सहयोग लिया जा रहा है। इसके अलावा, लोगों में खुले में शौच करने की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में ऐसे स्थानों की पहचान की जा रही है जहां पर शौचालय नही हैं और वहां लोगों की मांग के अनुसार मोबाइल व पोर्टेबल शौचालय उपलब्ध करवाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के कई क्षेत्रों मेें सोलिड व लिक्विड वैस्ट के सैग्रीगेशन के लिए भी प्रौजेक्ट चलाए जा रहे है। उन्होंने डा. मलिक को आश्वासन दिलाया कि निर्धारित समय अवधि में नगर निगम क्षेत्र को खुले मे शौचमुक्त कर दिया जाएगा। 
 
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के प्रौजेक्ट डायरेक्टर राजेश गुप्ता ने बताया कि गुरुग्राम के ग्रामीण क्षेत्र को पिछले साल खुले में शौचमुक्त घोषित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि गुुरुग्राम के ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतों, मोटिवेटरों की निगरानी कमेटी गठित की गई है तथा ग्राम पंचायतों के क्लस्टर बनाकर लोगों को स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने के सोलिड व लिक्विड मैनेजमेंट के 56 प्रौजेक्टों पर काम किया जा रहा है जिनमें से 31 प्रौजेक्ट पूरे किए जा चुके है। 
डा. योगेन्द्र मलिक ने कहा कि यदि गुरुग्राम के शहरी या ग्रामीण क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए विभागों को रिसोर्सिज़ की कमी हो तो वे उन्हे बेझिझक बताएं ताकि इस कार्य में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो। उन्होंने कहा कि अधिकारी खुले मे शौच करने को लेकर लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने सोहना नगर परिषद् तथा पटौदी, फरूखनगर व गुरुग्राम की नगरपालिका के सचिवों से भी इस बारे में विस्तार से चर्चा की।
 
डा. मलिक ने कहा कि स्वच्छता को एक आंदोलन बनाने की जरूरत है जिसमें सफाई कर्मचारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। अधिकारी सफाई कर्मचारियों को मोटिवेट करें और अच्छा काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को उपायुक्त से सम्मानित करवाएं। 
गुरुग्राम के उपायुक्त ने कहा कि यदि किसी भी अधिकारी को गुरुग्राम को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए किसी प्रकार की परेशानी आती है तो वे तुरंत उनके संज्ञान में लाएं ताकि इस कार्य को निर्बाध रूप से पूरा किया जा सके। 
 
बैठक में नगर निगम की संयुक्त आयुक्त अन्नु श्योकंद, स्वच्छ भारत मिशन के कंसलटेंट भरत नागर गुरु ग्राम दक्षिणी के एसडीएम सतीश यादव, पटौदी के एसडीएम रविन्द्र यादव, गुरुग्राम उत्तरी के एसडीएम भारत भूषण गोगिया सहित कई अधिकारीगण मौजूद थे। 

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