मेवात मा्डल स्कूल में कथित जबरदस्ती नमाज पढ़वाने के मामले में जांच टीम स्कूल पहुंची

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स्कूल की कार्यकारी प्रिसिंपल, अध्यापक संतराम और तावडू के शिकायतकर्ता दो बच्चे स्कूल से गायब रहे  

जांच टीम ने पांच घंटे तक सभी पक्षों के बयान कलमबद्ध किए

जांच अधिकारी का दावा जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया जाएगा

अध्यापक के साथ मारपीट की शिकायत को पुलिस ने झूठा बताया

जांच टीम स्कूल में और शिकायत कर्ता एक टीवी चैनल की डिबेट में

 

यूनुस अलवी

मेवात मा्डल स्कूल में कथित जबरदस्ती नमाज पढ़वाने के मामले में जांच टीम स्कूल पहुंची 2मेवात:  मेवात मॉडल पब्लिक स्कूल मढी में हिंदु बच्चों को जबरदस्ती कथित तौर पर नमाज पढाने के मामले में सस्पेंड किये गए अध्यापकों के मसले पर मेवात उपायुक्त मणि राम शर्मा द्वारा गठित जांच कमेटी ने बृहस्पतिवार को मढी स्थित स्कूल में आरोपित अध्यापक और बच्चों के बयान कलमबद्ध किए। करीब पांच घंटे तक चली पूछताछ  के दौरान मेवात जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश शास्त्री, उप-पुलिस अधीक्षक याद राम बिश्रोई, नूंह के तहसीलदार बसती राम और मेवात विकास अभिकरण के प्रोजेक्ट ऑफिसर शमीम अहमद मौजूद थे। जांच टीम के आने की सूचना देने के बावजूद स्कूल की कार्यकारी प्रिसिंपल, अध्यापक संतराम और तावडू से आने वाले शिकायतकर्ता दो बच्चे स्कूल में मौजूद नहीं थे। एक बच्चा मौजूद था. बताया जाता है कि मामले की जांच अभी आगे भी चलेगी। मेवात के लोगों को इस अतिसंगीन मामले की जांच रिपोर्ट आने का बेसब्री से इंतजार है। अधिकतर लोग मानते हैं कि जिला शिक्षा अधिकारी और उनकी टीम इस मसले में दूध का दूध और पानी का पानी जल्द ही कर देगें।

 

जानकारी के अनुसार आज जांच टीम ने पहले आरोपी अध्यापक और पीडित बच्चों से अलग-अलग बयान लिए  बाद में बच्चे और अध्यापकों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की गई। जांच में स्कूल की प्रिंसिपल, एक अध्यापक और दो शिकायतकर्ता बच्चे मौजूद नहीं रहने की वजह से जांच शुक्रवार को भी जारी रहेगी। वहीं पहले से ही जांच में शामिल होने के लिए लिखित सूचना देने के बावजूद जांच में शामिल नहीं होने पर जांच टीम के इंचार्ज एंव जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश शास्त्री का कहना है कि इस बारे में उनके नहीं आने का उचित कारण उनसे पूछा जाएगा.

 

क्या है मामला ?

तावडू निवासी छात्र सागर और उसके अन्य साथियों ने मेवात के डीसी को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया था कि स्कूल के दो तीन अध्यापक उनको जबरदस्ती नमाज पढवाते हैं और ना पढने पर मार पिटाई करते हैं। इसके अलावा वह शिक्षक हमेशा हिंदु धर्म की बुराई और इस्लाम धर्म की बड़ाई करते हैं। शिकायत मिलते ही मेवात के डीसी ने बिना कोई प्रारंभिक जांच किए शिक्षक मुबारिक और मुईनुद्दीन को सस्पेंड कर दिया तथा एक अध्यापक आरिफ का तबादला कर दिया था। उपायुक्त द्वारा इस मामले की जाँच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश शास्त्री की अगुवाई में एक कमिटी गठित की गई। इसमें नूंह के तहसीलदार बस्ती राम और एमडीए के प्रोजेक्ट ऑफिसर शमीम अहमद को शामिल किया गया। जाँच अधिकारियों की टीम ने बृहस्पतिवार से जांच शुरू कर दी है।

क्या कहता है शिकायतकर्ता छात्र ओम प्रकाश ?

नगीना खंड के गांव जाटका सिसोना निवासी एंव 9वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्र ओम प्रकाश ने बताया कि वे मेवात मॉडल पब्लिक स्कूल मढी में छटी कक्षा से पढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में स्कूल के एक अध्यापक ने एक बार उसे नमाज पढने को कहा था, ना पढ़ने पर दो थप्पड़ भी मारे थे। स्कूल का उर्दू टीचर कक्षा में हिंदु धर्म की बुराई और मुस्लिम धर्म को अच्छा बताता है। जब उससे पूछा गया कि उसने शिकायत कब दी, तो इस पर छात्र ओम प्रकाश ने बताया कि तावडू के दो लड़कों ने मास्टर के खिलाफ शिकायत दी तो उसने भी शिकायत दे दी। जब छात्र से पूछा की तुम्हारे पास तो संस्कृत सब्जेक्ट है फिर तुम उर्दू की क्लास में क्यों बैठते थे। इसका उसके पास कोई ठोस जवाब नहीं था।

 

क्या कहता है शिकायतकर्ताओं का सहपाठी  ?

गांव खवाजली कला निवासी छात्र प्रवेज आलम ने बताया कि उसके पास संस्कृत सब्जेक्ट है. वह नौंवीं कक्षा में पढ़ता है। आरोप लगाने वाला सागर और ओमप्रकाश उसके अच्छे दोस्त हैं। जब भी उर्दू पढ़ाने वाला अध्यापक उनकी कक्षा में आता था तो वह संस्कृत वालों को बहार भेज देता था। लेकिन प्रिंसिपल के कहने पर उनको उर्दू छात्रों से अलग दूसरी लाईन में बैठा देते थे। प्रवेज आलम का कहना है कि आज तक किसी भी अध्यापक ने जबरदस्ती नमाज पढ़ाने और किसी के धर्म को बुरा कहने की कोई बात नहीं कही है। तावडू के छात्र सागर आदि का स्कूल में मन नहीं लगता था। वह कहता था कि वे अपना तबादला तावडू के मेवात मॉडल स्कूल में कराएगा। वे स्कूल में केवल दो माह  ही रहे।

 

क्या कहते हैं आरोपी अध्यापक मोहईनुद्दीन ?

उर्दू अध्यापक मोईनुद्दीन का कहना है कि वह मेवात मॉडल स्कूल का अध्यापक है। तीन दिन उर्दू पढ़ाने के लिए उसकी मढी स्कूल में ड्यूटी लगा रखी है। वह केवल बच्चों को उर्दू पढ़ाने का काम करता है। वह पढ़ा लिखा है और मेवात में पहले ही आपसी भाईचारा है। यहां पर एक दूसरे के धर्म की इज्जत करते हैं। आज तक मेवात में ऐसा कोई वाकिया नहीं हुआ है। यह सब एक षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है। उसने आरोप लगाया कि इसमें स्कूल के ही एक अध्यापक का हाथ है। यह अध्यापक स्कूल से फर्लो ज्यादा मारता है। मास्टर का कहना है कि अगर कोई ऐसा मामला था तो पहले स्कूल के प्रिंसिपल के संज्ञान में आना चाहिए था। दोनों पक्षों को सुना जाना था। एक साजिश के तहत उनको सस्पेंड कराया गया है।

 

क्या कहते हैं जांच अधिकारी ?

मेवात जिला शिक्षा अधिकारी एंव जांच टीम के अध्यक्ष दिनेश शास्त्री का कहना है कि आज जाँच का पहला दिन था. इसमें अध्यापक और एक शिकायतकर्ता बच्चे से पूछताछ की गयी है. जांच में स्कूल की प्रिंसिपल, एक अध्यापक और दो अन्य शिकायतकर्ता आज उपलब्ध नहीं हुए जबकि उनको लिखित में हाजिर रहने की सूचना दे दी गई थी। जांच में शामिल नहीं होने का उनसे कारण पूछा जाएगा। उन्होंने बताया कि मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए जांच टीम गंभीरता से इसकी जांच करेगी और संभावना है कि जाँच कई दिनों तक चलेगी। वो हर पहलू से मामले की जांच कर रहे हैं।

 

स्कूल के अध्यापक को पीटने का मामला ?

मेवात मॉडल स्कूल मढी में कार्यरत अध्यापक संतराम ने आरोप लगाया था कि उसने बच्चों की मदद की थी जिसकी वजह से उसे इलाके के एक दर्जन लोगों ने उन्हें घेर कर  पीटा। अध्यापक को पीटने की सूचना पर नगीना थाना प्रभारी महेंद्र सिंह स्कूल पर पहुंचे। थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि उसने स्कूल की प्रिसिंपल, गार्ड, अध्यापक, छात्र और गेटमैन से संतराम अध्यापक के साथ मारपीट की जांच की तो वह घटना झूठी पाई गई। उन्होंने बताया कि उसके पास कोई लिखित शिकायत नहीं थी। इस बारे में उन्हें ऊपर से फोन आया था।

 

जांच टीम स्कूल में और शिकायतकर्ता एक टीवी चैनल की डिबेट में

इधर जांच टीम के अधिकारी शिकायतकर्ता छात्र सागर आदि का मढी स्कूल में जांच के लिए इंतजार कर रहे थे वहीं शिकायर्ता और उनके परिजन एक टीवी चैनल की डिबेट में व्यस्त थे। जाँच में शिकायत करने वालों की ओर सहयोग नहीं करने से घटना के प्रति संदेह पैदा होने लगा है. लोग यह सवाल करने लगे हैं कि जब उन्हें यह जानकारी दी गयी थी कि जांच अधिकारी स्कूल पहुंचेंगे तो उन्हें अपनी बात रखने को यहाँ आना चाहिए था. उनका आज जांच में शामिल नहीं होना कई सवाल खड़े कर रहा है.

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