जरूरतमंद बीपीएल परिवार भटक रहे हैं इधर-उधर : अभय जैन

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गुरूग्राम में वर्ष 2007 में कराया गया था बीपीएल सर्वे

आर एस चौहान 

 गुरुग्राम :  गुरूग्राम जिला प्रशासन 10 साल पुराने बीपीएल सर्वे पर ही काम कर रहा है, लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि एक दशक पुराना सर्वे कैसे असल जरूरतमंदों को लाभ दे सकता है। 
मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन और प्रवक्ता बनवारी लाल सैनी ने बताया कि वर्ष 2007 में गुरूग्राम में हुए बीपीएल सर्वे के अनुसार शहर में 22 हजार 211 बीपीएल परिवार थे। इसके बाद इस सूची में 1080 नाम काटे गए, जबकि 826 नाम जोड़े गए हैं। इसके बाद से गुरूग्राम में बीपीएल का कोई सर्वे नहीं कराया गया है। गरीब लोग लगातार नगर निगम, उपायुक्त और अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालयों के चक्कर काटकर बीपीएल सूची में नाम शामिल करवाने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन इनकी प्रार्थना कोई नहीं सुन रहा है। 
   
   सेक्टर-12ए स्थित झुग्गियों में रहने वाले राजू, रामनिवास, अमित आदि ने बताया कि वे बीते दो साल से नगर निगम व अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं कि उनके नाम बीपीएल सूची में शामिल करवाये जाये। लेकिन कोई अधिकारी उनकी नहीं सुनता। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस मामले में गरीबों के नाम बीपीएल सूची में जोड़ने के आदेश जारी किए थे लेकिन इसके बावजूद अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। इसी तरह सुरेश भी बीते डेढ़ साल से अपना नाम बीपीएल सूची में जुड़वाने के लिए प्रयास कर रहा है लेकिन अभी तक नाम जुड़ा नहीं है।
 
   मानव आवाज संस्था की हरियाणा सरकार से गुजारिश है कि तुरंत सर्वे करवाया जाए ताकि जरूरतमंद लोगों को फायदा मिले और कुछ लोग जो बीपीएल स्तर से ऊपर उठ चुके हैं, उनके नाम इस सूची से हटवाये जाये। 

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