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ठंड गुजर गई अब आसमान के नीचे तेज लू के झोंको में रात दिन गुजाडने पडेगें
यूनुस अलवी
पुन्हाना: पुन्हाना उपमंडल के गांव टूंडलाका में सीआरपीएफ कैंप बनाने को लेकर करीब चार महिने पहले कडाके कि ठंड के दौरान उजाडे गये करीब 85 परिवार के लोगों का सरकार और प्रशासन कि ओर से अभी को कोई पुनर्वास नहीं किया गया है। जिसकी वजह से जिन लोगों के पास ना गांव में घर और ना जंगल में जमीन है वे अभी भी सीआरपीएफ कैंप द्वारा उजाडी गई जगह पर ही झोंपडी डालकर रहने को मजबूर हैं। ऐसे करीब एक दर्जन परिवार है जिनके पास रहने को कोई ठिकाना नहीं हैं। इसके अलावा करीब दो दर्जन गांव टूंडलका या दूसरे गांवों में झोंपडी डालकर रहे हैं। बहुत से ऐसे भी लोग हैं जिन्होने पहले अपना हिस्सा भाईयों को दे दिया था आज फिर से वे अपने भाई के रहमो करम पर उनके घरों में रहने को मजबूर हैं।
विधवा छोटकी, इद्रीश, सर्रा और असरू ने बताया कि उनके पास ना तो गांव में कोई जगह है और ना ही पंचायत ने अभी तक उनको रहने के लिये कोई जगह मुहईया कराई है। सरकार और प्रशासन ने उनका आशयाना तो तोड दिया लेकिन अब सिर कहां छुपाऐ और वे कहां जाऐ ये सरकार ने नहीं सोचा। उनका कहना है कि उन्होने पूरी सर्दी पन्नि के तिरपाल में गुजारी है या फिर झोंपडी डालकर रात गुजारी है। अब गर्मी को मौसम आ गया है। तेज हवाऐं और आंधी चलेगीं वे ऐसे में छप्पर में कैसे रहे सकते हैं। उनहोने सरकार और प्रशासन से मांग कि है कि उनको कम से कम रहने के लिये तो जगह मुहईया कराई जाऐ जिससे वे अपना सिर ढांक सकें।
वहीं गांव टूंडलाका में दूसरे लोगों के आसरे पर अपना छप्पर डाल कर रह रहे इरशाद खान, अली मोहम्मद, रशीद और हफीज का कहना है कि उनके पास गांव में कोई जगह नहीं हैं। जो पंचातय कि जगह थी वो सरकार ने छीन ली अब वे गांव के ही लोगों के आसरे पर उनसे थोडी सी छप्पर कि जगह मांग कर रहने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि जब उनके घरा तोडे जा रहे थे तक गांव के सरपंच और जिला प्रशासन ने उनसे वादा किया था कि उनको रहने के लिये जगह और पक्का मकान बनाकर दिया जाऐगा। आज तक उनके पास ना तो सरपंच और ना ही प्रशासन का कोई अधिकारी ही हालचाल पूछने तक आया है। पीडित लोगों का कहना है कि वे अमन पंसद और गरीब आदमी है वे सरकार से लडाई नहीं लड सकते लेकिन सरकार का भी तो इतना फर्ज बनता है कि वे उनके रहने का इंतजाम करे। वैसे तो सरकार गरीब लोगों को सौ-सौ गज के प्लाट मुफ्त में देती है अब सरकार उजाडकर भी उनको एक घर बनाने के लिये जगह भी मुहईया नहीं करा रही है।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने सीआरपीएफ कैंप बनाने के लिये टूंडलाका गांव कि करीब 85 एकड जमीन का कलेक्टर रेट पर अधिग्रहण किया था। जिसका करीब 16 करोड मुआवजा सरकार ने पंचायत के खाते में जमा करा दिया था। जिस जमीन पर सरकार सीआरपीएफ कैंप बनाने जा रही है। इस जगह पर करीब 85 परिवार परिवार पिछले 40 सालों से रहते आ रहे हैं। इन 85 परिवारों में करीब 45 परिवार ऐसे हैं जिनके पास गांव में जगह तक नहीं हैं। सरकार ने बलपूर्वक सभी 85 परिवारों को ठंड के मौसम में उजाड दिया था। अब पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिक पर पीडितो के पुनर्वास ने किये जाने पर संज्ञान लिया है।