अर्धसैनिक बलों के 9,600 से अधिक जवानों के प्रमोशन को केंद्र की मंजूरी

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9,603 पुरूष एवं महिला कर्मियों को पहली तरक्की मिल सकेगी

नई दिल्ली : मिडिया की ख़बरों के अनुसार सीमा की हिफाजत में तैनात तीन अर्धसैनिक बलों के 9,600 से अधिक जवानों को प्रमोशन देने के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है । सरकार के इस कदम से इन अर्धसैनिक बलों के निचले पदों पर काफी समय से तरक्की नहीं देने का सिलसिला टूटेगा । केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दो मार्च को जारी आदेश को ‘तत्काल प्रभाव’ से लागू किया जाएगा और इससे 9,603 पुरूष एवं महिला कर्मियों को पहली तरक्की मिल सकेगी ।

 उल्लेखनीय है कि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को अधिकतम 4,095, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को 3,024 और असम राइफल्स को 2,484 प्रोन्नत पद (अपग्रेडेड पोस्ट) मिलेंगे।बैकलॉग को खत्म करने की दिशा में यह बड़ा कदम है.

 

सीमा की सुरक्षा में तैनात इन बलों ने 2013 में सरकार को अर्जी देकर किसी बटालियन हर सेक्शन (जिसमें 10-12 कर्मी होते हैं) में एक कांस्टेबल पद का उन्नयन कर हेड कांस्टेबल या हवलदार रैंक में लाने का अनुरोध किया था।

 इस फैसले को तीनों सुरक्षा बलों में निचले स्तरों में तरक्की के बैकलॉग को धीरे-धीरे खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है । साल 2012 से ही इन पदों पर तैनात कर्मियों को तरक्की नहीं मिली थी ।

 एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस कदम से इन बलों में निचले पदों पर नियुक्त होने वाले लोगों की तरक्की के मौके बढ़ जाएंगे और किसी इकाई के कामकाज के बेहतर प्रबंधन में भी इससे मदद मिलेगी ।

 किसी अर्धसैनिक बल में सेक्शन सबसे छोटी इकाई होती है।सेक्शन को जो जिम्मेदारी सौंपी जाती है, उसे पूरी करने के लिए यह स्वतंत्र रूप से काम करने में सक्षम होती है।अधिकारी ने कहा, ‘इन तरक्कियों का खर्च संबंधित बलों को आवंटित बजट से जुटाया जाएगा । केंद्रीय गृह और वित्त मंत्रालयों ने इनकी रूपरेखा तय कर दी है।’

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