केरल में राष्ट्रवादी लोगों की हत्याओं के विरोध में सडक़ों पर उतरे हजारों लोग

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हालात नहीं सुधरे तो केरल में भी भरेंगे हुंकार : शिव कुमार

लघु सचिवालय पर धरने के बाद राष्ट्रपति के नाम दिया जिला प्रशासन को ज्ञापन 

 
केरल में राष्ट्रवादी लोगों की हत्याओं के विरोध में सडक़ों पर उतरे हजारों लोग 2गुरुग्राम :   केरल में निरंतर हो रही राष्ट्रवादी लोगों की हत्याओं और हमलों के विरोध में बुधवार को हजारों लोग सडक़ों पर उतरे। लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा था कि केरल की मार्कसवादी कम्यूनिस्ट पार्टी की सरकार हमलावरों पर लगाम लगाने की बजाय उनको बचाने में लगी है। गुरुग्राम के लघु सचिवालय पर एकत्रित होकर धरना देने वाले लोगों ने एक स्वर में चेतावनी दी कि यदि वहां की सरकार ने हालात नहीं सुधारे तो पूरे देश से लोग केरल में जाकर सरकार के विरोध में हुंकार भरेंगे। हिंसक घटनाओं के विरोध में गुस्साएं लोगों ने जमकर नारेबाजी की। कम्यूनिस्ट सरकार मुरदाबाद, भारत माता जिंदाबाद के नारों के बीच लोग लघु सचिवालय के अंदर पहुंचे  और जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया, जिसमें मांग कि गई कि केरल में हो रही ऐसी घटनाओं को लेकर राष्ट्रपति हस्तक्षेप करें और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कठोर कार्रवाई करें। 
केरल में राष्ट्रवादी लोगों की हत्याओं के विरोध में सडक़ों पर उतरे हजारों लोग 3
लोकतंत्र बचाओ मंच के तत्वाधान में दिए गए इस एक दिवसीय धरने में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक शिव कुमार ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता को मिटाने के लिए प्रचीनकाल से ही नापाक ताकतें प्रयास करती रही हैं, लेकिन भारत का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाई हैं। पिछले कुछ वर्षों से कम्यूनिस्ट विचारधारा के लोग देश में भाईचारा बिगाडऩे का प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्रवादी लोगों पर हमले कर रहे हैं। केरल में तो बुरा हाल है। वहां रोजाना राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं व राष्ट्रहित में सोचने वाले संस्थाओं व लोगों पर हिंसक हमले हो रहे हैं, जिनमें कई जाने भी जा चुकी है। दुर्भाज्यपूर्ण स्थिति यह है कि ऐसे लोगों को केरल सरकार का संरक्षण प्राप्त है। श्री शिव कुमार ने चेतावनी दी कि हालातों में सुधार नहीं हुआ तो देश के लोग राष्ट्रविरोधी ताकतों के विरोध में केरल में पहुंचकर  भी हुंकार भरेंगे। उन्होंने जेएनयू का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले जेएनयू और अब डीयू के कालेजों में राष्ट्रविरोधी ताकतें सक्रिय हो रही है, जो कुछ विद्यार्थियों को इस्तेमाल कर देश को बांटना चाहते हैं। ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। 
 
लोकतंत्र बचाओ मंच के संयोजक लोकेन्द्र राघव व आरएसएस के विभाग प्रचार प्रमुख अनिल कश्यप ने कहा कि केरल की हिंसक घटनाएं भारत के खिलाफ षडय़ंत्र है। बात-बात पर असहिष्णुता का राग अलापने वाले तथाकथित बुद्धिजीवी केरल की इन घटनाओं पर मौन क्यों हैं। श्री कश्यप ने कहा कि वास्तव में अब समय आ गया है जब देश के हर नागरिकों को राष्ट्रहित में सोचना होगा और ऐसी ताकतों का पुरजोर तरीके से मुकाबला करना होगा।
 
संघ चालक जगदीश प्रसाद व प्रताप सिंह, किसान नेता ओम सिंह, अधिवक्ता परिषद के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट कुलभूषण भारद्वाज, सुरेश सेठी, राकेश मुद्गिल, सोमेन्द्र, समय सिंह भाटी, भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष पवन चौधरी, संस्कार भारती के यशवंत शेखावत, सेवासमिति की संयोजिका प्रतिमा मनचंदा, स्कूल संचालक महाबीर भारद्वाज, नगर पार्षद सुभाष सिंगला, आरएसएस के महानगर कार्यवाह विजय कुमार, मानेसर जिला कार्यवाह हरिश शर्मा, जिला परिषद चेयरमैन कल्याण सिंह चौहान, विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष बह्मप्रकाश, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक मयंक निर्मल, निस्वार्थ कदम के महासचिव अरविंद सैनी आदि अनेक धार्मिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी धरने का संबोधित किया और राष्ट्रविरोधी ताकतों के विरोध में एक आंदोलन शुरू करने की अपील की। गुडग़ांव की सीटीएम अलका चौधरी ने ज्ञापन लेते हुए आश्वासन दिया कि ज्ञापन को राष्ट्रपति तक पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने भी उपस्थित लोगों से अपील की कि वे शांति से काम लें। 

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