ट्रांजिट ओरियंटिड डेवलपमेंट नीति को हरियाणा केबिनेट की मंजूरी

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धर्मेन्द्र यादव 
 
सूरजकुण्ड :  हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज सूरजकुण्ड में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश के छः मैट्रो के साथ लगते क्षेत्र के लिए पूर्व में बनाई गई ट्रांजिट ओरियंटिड डेवलपमेंट (टीओडी) नीति के क्रियान्वयन के लिए 15 जुलाई, 2016 को प्रकाशित संशोधनों पर आम जनता से मिले सुझावों पर विचार करके नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा दिए गये एक प्रस्ताव को स्वीकृृति प्रदान की गई। 
 
इसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति टीओडी जोन में किसी संस्थागत क्षेत्र में लाइसेंस के लिए आवेदन करेगा तो उसे आवासीय जोन में उतने ही क्षेत्रफल भूमि सरकार को अंतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) नीति के तहत देनी होगी। सरकार उस भूमि का प्रयोग संस्थानों जैसे कि काॅलेज, अस्पताल, फायर स्टेशन, बिजली, पुलिस थाने के विकास या स्थापना के लिए करेगी।
 
इस संशोधन से मास रेपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) परियोजनाओं के अभिनव वित्तपोषण के लिए प्रभावी क्रियान्वयन नीति में सहायता मिलेगी। यह संशोधित नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। 
 
यदि कोई आवेदक सार्वजनिक तथा अर्ध-सार्वजनिक या संस्थागत जोन या सैक्टोरल योजना में संस्थाओं के लिए निर्धारित क्षेत्र में आने वाले टीओडी जोन में लाइसेंस के लिए आवेदन करता है तो आवेदक को टीओडी नीति के अनुसार मिश्रित भूमि उपयोग (70 प्रतिशत आवासीय जमा 30 प्रतिशत वाणिज्यिक) की अनुमति दी जाएगी, लेकिन उसे अंतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) नीति दिनांक 9 फरवरी, 2016 के तहत सरकार को आवासीय क्षेत्र में बराबर भूमि निःशुल्क उपलब्ध करवानी होगी और टीडीआर नीति के अनुसार फीस और शुल्क देने के बाद वह एक एफएआर का हकदार होगा। यह भूमि उसी विकास योजना के आवासीय जोन में देनी होगी तथा एफएआर को भी उसी योजना में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। 
 
स्वतंत्र ग्रुप हाउसिंग कालोनियों के लिए हाइपर या उच्च क्षमता क्षेत्रों में टीडीओ जोन के भीतर न्यूनतम क्षेत्र मानदंड 10 एकड़ के मौजूदा मानदंड की बजाय 4 एकड़ होगा। अन्य श्रेणियों की कालोनियों  के लिए न्यूनतम क्षेत्र मानदंड में कोई बदलाव नहीं होगा। एफएआर, ग्राउंड कवरेज एवं पार्किंग जैसे अन्य योजना मानदंड भी वही रहेंगे। 

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