गैरकानूनी ढंग से गिरफ्तार नहीं : बीएसएफ
नई दिल्ली : अंततः बीएसएफ के जवान तेजबहादुर की पत्नी को न्याय के मंदिर में जाकर ही थोड़ी राहत मिली. शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने खराब खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ के इस जवान की पत्नी को उससे मिलने की इजाजत देने का आदेश दिया है. तेजबहादुर की पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि पत्नी को उक्त जवान के साथ दो दिन रहने की इजाजत भी दी जाए. दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाई कोर्ट को बताया कि तेजबहादुर को गैरकानूनी ढंग से बंद नहीं किया गया है. उन्हें दूसरी बटालियन में भेजा गया है.
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट बीएसएफ के उस कथित ‘लापता’ जवान को खोजने की मांग करने वाली याचिका जो उसकी पत्नी की ओर से डाली गयी है पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया था. मालुम हो कि इस जवान ने वीडियो पोस्ट कर जवानों को दिए जाने वाले भोजन की खराब गुणवत्ता का आरोप लगाया था. उसने 9 जनवरी को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था. वीडियो में उसने जवानों को कथित तौर पर दिए जाने वाले खाने को दिखाया था. यादव ने दाल में केवल हल्दी और नमक होने का दावा किया था, उसने साथ ही कहा था कि उन्हें जली हुई रोटी दी जाती हैं.
उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान से सटे नियंत्रण रेखा समेत कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है. वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी.
बीएसएफ जवान की पत्नी ने दिल्ली हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दावा किया कि उनके पति लापता हैं. पिछले तीन दिन से परिवार के सदस्य उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.