कांग्रेस को लगता है कि आजादी केवल एक परिवार के कारन : मोदी

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लोक सभा में  धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए विपक्ष पर जम कर प्रहार किया

नई दिल्ली : पी एम्  नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए विपक्ष पर जम कर प्रहार किया और यूपीए के कार्यकाल की कमियों को उजागर किया. उन्होंने लोक सभा में बोलते थे कि कांग्रेस को लगता है कि देश की आजादी केवल एक परिवार के कारन मिली है. उनकी ओर से कभी भी सरदार भगत सिंह, वीर सावरकर सहित अन्य कई स्वत्नत्रता सेनानियों का नाम तक नहीं लिया जाता

 

अपने भाषण के दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर चुटली ली। उन्होंने कहा कि ”कल भूकंप आया। इस भूकंप के कारण जिन-जिन क्षेत्रों में असुविधा हुई है, मैं उनके प्रति भावना व्यक्त करता हूं। केंद्र सरकार राज्यों के संपर्क में है। कुछ टीमें वहां पहुंच गई हैं। लेकिन आखिर भूकंप आ ही गया। मैं सोच रहा था कि भूकंप आया कैसे। धमकी तो बहुत पहले सुनी थी। कोई तो कारण होगा कि धरती मां इतनी रूठ गई होगी।

 

उन्होंने कहा कि ”राष्ट्रपतिजी ने संसद के दोनों सत्रों को संबोधित किया। भारत जिस तेजी से बदल रहा है, देश की जनशक्ति का सामर्थ्य क्या है, गांव-गरीब-किसान की जिंदगी किस प्रकार से बदल रही है, उसका एक विस्तार से खाका उन्होंने सदन में रखा था। मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देने के लिए उपस्थित हुआ हूं। उनका ह्दय से आभार व्यक्त करता हूं।”

मोदी ने कहा कि ”मैं चर्चा में शरीक होने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं।”

राहुल पर चुटक लेते हुए  कहा कि कल भूकंप आया. उन्होंने कहा कि ”कल भूकंप आया। इस भूकंप के कारण जिन-जिन क्षेत्रों में असुविधा हुई है, मैं उनके प्रति भावना व्यक्त करता हूं। केंद्र सरकार राज्यों के संपर्क में है। कुछ टीमें वहां पहुंच गई हैं। …लेकिन आखिर भूकंप आ ही गया। मैं सोच रहा था कि भूकंप आया कैसे। धमकी तो बहुत पहले सुनी थी। कोई तो कारण होगा कि धरती मां इतनी रूठ गई होगी।”

मोदी के इतना कहते ही अपोजिशन की ओर से हंगामा होने लगा। बता दें कि पिछले सेशन में राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी उन्हें बोलने नहीं दे रहे हैं। अगर वे बोलेंगे तो भूकंप आ जाएगा। विरोध कर रहे सांसद कल्याण बनर्जी से मोदी ने कहा, ”कल्याणजी आपका कल्याण होगा।” इसके बाद हंगामा और तेज हो गया। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उन्हें बीच में टोका और कहा कि कृपया प्रधानमंत्री की बात सुनें।

 

मल्लिकार्जुन खडगे के उठाये बिन्दुओं पर आपातकाल का जिक्र भी आया.  मोदी ने कहा, कि ”हम ये जानते हैं कि जनशक्ति का मिजाज कुछ और ही होता है। कल हमारे मल्लिकार्जुन कह रहे थे कि कांग्रेस की कृपा है कि अब भी लोकतंत्र बचा है और आप प्रधानमंत्री बन पाए। वाह! क्या शेर सुनाया। ”

पीएम ने कटाक्ष किया कि ”बहुत बड़ी कृपा की अपने देश पर कि लोकतंत्र बचाया। कितने महान लोग हैं आप। लेकिन उस पार्टी के लोकतंत्र को देश भली-भांति जानता है। पूरा लोकतंत्र को आहूत कर दिया गया है।”

”75 का कालखंड, जब देश पर आपातकाल थोप दिया गया था, हिंदुस्तान को जेलखाना बना दिया गया था। जयप्रकाश बाबू समेत लाखों नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया था। अखबारों पर ताले लगा दिए गए थे। उन्हें अंदाज नहीं था कि जनशक्ति क्या होती है। लोकतंत्र को कुचलने के ढेर सारे प्रयासों के बावजूद यह जनशक्ति का सामर्थ्य था कि लोकतंत्र स्थापित हुआ। ये उस सामर्थ्य की ताकत है कि गरीब मां का बेटा भी प्रधानमंत्री बन सका।”

अपने ऊपर किये गए आपत्तिजनक टिप्पणी का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि ”चंपारण सत्याग्रह शताब्दी का वर्ष है। इतिहास किताबों में रहे तो समाज को प्रेरणा नहीं देता। हर युग में इतिहास को जानने और जीने का प्रयास आवश्यक होता है। उस समय हम थे या नहीं थे, हमारे कुत्ते भी थे या नहीं थे. औरों के कुत्ते हो सकते हैं। हम कुत्तों वाली परंपरा में पले-बढ़े नहीं हैं।”

”लेकिन देश के कोटि-कोटि लोग थे, जब कांग्रेस पार्टी का जन्म नहीं हुआ था। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इस देश के लोगों ने जान की बाजी लगाकर लड़ा था। सभी ने मिलकर लड़ा था। सम्प्रदाय की भेद-रेखा नहीं था। तब भी कमल था, आज भी कमल है।”

उनहोंने कहा कि कांग्रेस की ओर से मोदी के बारे में कल एक टिप्पणी की गई थी, जिसमें ‘कुत्ते’ शब्द का इस्तेमाल हुआ था। स्पीकर ने यह शब्द कार्यवाही से हटवा दिया था। मोदी ने आगे कहा, ”हम भले ही उस वक्त नहीं थे, लेकिन हमें देश के लिए जीने का सौभाग्य मिला है।”

मोदी ने कहा कि  ”शास्त्रीजी की अपनी गरिमा थी। युद्ध के दिन थे। भारत में विजय का भाव था। शास्त्रीजी ने अन्न त्यागने की बात कही थी। ज्यादातर सरकारों ने जन सामर्थ्य को पहचानना छोड़ दिया है। लोकतंत्र के लिए यही सबसे बड़ा चिंता का विषय है। मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति ने बातों-बातों में कह दिया था कि जो अफोर्ड कर सकते हैं, वे गैस की सब्सिडी छोड़ दें।” और लोगों ने बड़ी संख्या में सब्सिडी छोड़ दी.

”2014 में एक दल इस मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा था कि 9 सिलेंडर देंगे या 12 देंगे। हमने कहा कि अफोर्ड करने वाले सब्सिडी छोड़ दें। सिर्फ कहा था। इस देश के 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा लोग गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए आगे आए।”

 

नोट्बंदी के मामले में उन्होंने कहा कि यह अर्थ व्यवस्था की स्वच्छता के लिए आवश्यक है. मुझे पता है कि देश के लिए निर्णय लेने पर हमें किस प्रकार के जुल्म सहने पड़ेंगे. लेकिन हम देश की चिंता करते हैं और कांग्रेस को चुनाव की चिंता रहती है. हम देश के लिए लेते रहेंगे और सभी प्रकार के विचोलिये को समाप्त करेंगे.

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