सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय वेव सम्‍मेलन की मेजबानी करेगा : कंटेंट क्रिएटर्स के लिए 27 विषय होंगे

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-5-9 फरवरी, 2025 तक वेव सम्‍मेलन का होगा आयोजन

नई दिल्ली :  सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय मामलों के राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने आज इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी-2024) के अवसर पर ट्राई द्वारा आयोजित ‘प्रसारण क्षेत्र में उभरते रुझान और प्रौद्योगिकी’ विषय पर आधे दिन की संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर ट्राई के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू और ट्राई के सचिव अतुल कुमार चौधरी भी उपस्थित थे। यह कार्यक्रम उद्योग में हाल ही में हुई तकनीकी प्रगति और उसके बढ़ते प्रभाव की पृष्ठभूमि में आयोजित किया जा रहा है।

 

प्रौद्योगिकी भारत के प्रसारण क्षेत्र को बदल रही है

सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय मामलों के राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने अपने उद्घाटन भाषण में भारत के प्रसारण क्षेत्र पर प्रौद्योगिकी प्रगति के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया, जिसमें दर्शकों के लिए विषय-वस्तु प्राथमिक फोकस बन गई है। उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में उनके समावेश को सुनिश्चित करने के लिए कमजोर आबादी के लिए प्रसारण सेवाओं तक पहुंच में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।

हम एक कंटेंट-संचालित अर्थव्यवस्था में रहते हैं, और भारत एक कंटेंट हब के रूप में उभर रहा है। सोशल मीडिया के साथ प्रसारण ने अपने क्षेत्र का विकास किया है और कंटेंट क्रिएटर्स को लाभ पहुंचाने के लिए, भारत सरकार का सूचना और प्रसारण मंत्रालय 5-9 फरवरी, 2025 तक वेव सम्‍मेलन का आयोजन कर रहा है। इस सम्मेलन में, कंटेंट क्रिएटर्स के पास 27 विषय (चैलेंजेज) होंगे, जिस पर उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा, जिससे अंततः रोज़गार सृजन होगा।

उन्होंने एवीजीसी (एनीमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स) क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया, ताकि व्यापार करने में आसानी से बढ़ाने के लिए एक सुव्यवस्थित सिंगल-विंडो सिस्टम के माध्यम से भारत में कंटेंट उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 234 नए शहरों में एफएम रेडियो चैनलों की नीलामी के लिए हाल ही में दी गई मंज़ूरी का उद्देश्य स्थानीय कंटेंट को बढ़ावा देना और रोज़गार के और अवसर पैदा करना है। उन्होंने आर्थिक विकास और सांस्कृतिक प्रसार में प्रसारण क्षेत्र की भूमिका को मज़बूत करने के लिए तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिससे सभी के लिए उच्च-गुणवत्ता वाली मीडिया सामग्री तक पहुँच सुनिश्चित हो सके। यह पहल प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

डिजिटल रेडियो, डी2एम प्रसारण और 5जी क्षमता

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के सचिव श्री संजय जाजू ने अपने विशेष संबोधन में प्रसारण क्षेत्र को सक्षम बनाने के लिए विकासोन्मुख नीतियों और पहलों को आकार देने में मंत्रालय की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने डिजिटल रेडियो की किफायती जनसंचार उपकरण के रूप में क्षमता पर जोर दिया जो स्पेक्ट्रम के उपयोग को अनुकूलित करता है और बेहतर ध्वनि गुणवत्ता प्रदान करता है। उन्होंने डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) प्रसारण के लाभों पर भी चर्चा की, जो सीधे मोबाइल फोन पर सामग्री वितरण को सक्षम बनाता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रसार भारती, आईआईटी कानपुर और सांख्य लैब्स के सहयोग से उच्च-शक्ति और कम-शक्ति दोनों ट्रांसमीटरों का उपयोग करके डी2एम परीक्षण कर रहा है।

उन्होंने 5जी की परिवर्तनकारी क्षमता पर भी बात की, खासकर जब इसे संवर्धित वास्तविकता और आभासी वास्तविकता जैसी इमर्सिव तकनीकों के साथ जोड़ा जाए, जो अत्यधिक आकर्षक प्रसारण अनुभव प्रदान कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उल्लेख किया कि एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और विस्तारित वास्तविकता (एवीजीसी-एक्‍सआर) क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है, जिसमें स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने, रचनात्मकता को बढ़ावा देने और सामग्री उपभोग के अनुभव को बढ़ाने की क्षमता है।

नियामक ढांचे को मजबूत करना

ट्राई के सचिव श्री अतुल कुमार चौधरी ने अपने उद्घाटन भाषण में रेखांकित किया कि आज की संगोष्ठी इस क्षेत्र में नई चर्चाओं और विचार-विमर्श को प्रोत्साहित करने के लिए ट्राई के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए है, जो हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर नियामक ढांचे में आवश्यक परिवर्तनों को संबोधित करती है।

मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र 2026 तक 3.08 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा

अपने मुख्य भाषण में, ट्राई के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार लाहोटी ने मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के महत्वपूर्ण विकास स्‍तर को रेखांकित किया, जिसके 2026 तक 3.08 ट्रिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो नए मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के तेज़ी से विस्तार से प्रेरित है। उन्होंने इमर्सिव तकनीकों की परिवर्तनकारी शक्ति पर ज़ोर दिया, जो अधिक आकर्षक और इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करती है।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) प्रसारण एक वैकल्पिक सामग्री वितरण तकनीक के रूप में उभर रहा है, जो इंटरनेट के बिना भी एक साथ प्रसारण की अनुमति देता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने डिजिटल रेडियो के लाभों पर जोर दिया, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां टेलीविजन कनेक्शन की कमी है और ट्राई की भविष्योन्मुखी सिफारिशें और विनियम प्रदान करने की प्रतिबद्धता जो उपभोक्ता हितों की रक्षा करते हैं, सेवा प्रदाताओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करते हैं और प्रसारण क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देते हैं। ट्राई ने हाल ही में राष्ट्रीय प्रसारण नीति के निर्माण के लिए अपनी सिफारिशें प्रदान की हैं।

प्रसारण के भविष्य के नवाचारों की खोज

आज की संगोष्ठी का उद्देश्य विभिन्न प्रसारण उपयोग मामलों में इमर्सिव प्रौद्योगिकियों के व्यावहारिक अनुप्रयोगों और परिवर्तनकारी क्षमता का पता लगाना है। विचार-विमर्श तीन बैक-टू-बैक सत्रों में विभाजित है।

सत्र 1 ‘प्रसारण परिदृश्य में इमर्सिव प्रौद्योगिकियों का उपयोग’पर होगा, इसके बाद ‘डी2एम और 5जी प्रसारण: अवसर और चुनौतियां’ पर सत्र होगा और अंतिम सत्र ‘डिजिटल रेडियो प्रौद्योगिकी: भारत में स्‍थापना रणनीतियां’पर होगा।

इन सत्रों में संचार क्षेत्र, टेलीविजन और रेडियो प्रसारण के प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, डिवाइस और नेटवर्क निर्माता, प्रौद्योगिकी दिग्गज और सरकार के वक्ता शामिल हैं। इस संगोष्ठी में 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। संगोष्ठी के बारे में किसी भी जानकारी/स्पष्टीकरण के लिए, ट्राई के सलाहकार (बीएंडसीएस) श्री दीपक शर्मा से [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है।

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