अमर उजाला फाउंडेशन, मेवात की महिलाओं के लिए वरदान

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 गांव संगेल की महिलाओं ने सेनेट्री नैपकिन प्रोजेक्ट की शुरूआत की 

यूनुस अलवी
 
मेवात:     मेवात कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और पीरियड के दौरान महिलाओं में स्वच्छता कि अज्ञानता के चलते होने वाली संक्रामक बिमारियों से बचाव के मकसद से अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा नेपकिन बनाने की योजना मेवात कि महिलाओं के लिये एक वरदान साबित हो रही है। मेवात के संगेल गांव में फ़ाउंडेशन की ओर से मंगलवार से सेनेट्री नैपकिन प्रोजेक्ट कि शुरूआत की गई। एस.ए.इंटरप्राइज के एमडी मोम्मद अफ़ज़ल शेख़ ने दो दिन कि ट्रेंनिग के बाद मंगलवार से विधिवत रूप से गांव की महिलाओं को नैपकिन बनाना शुरू कर दिया।
   एस.ए.इंटरप्राइज के एमडी मोम्मद अफ़ज़ल शेख़ ने बताया कि सेनेट्री नैपकिन प्रोजेक्ट कि शुरूआत से पहले गांव संगेल कि करीब 30 महिलाओं को इस प्रोजेक्ट के बारे में दो दिन कि ट्रेनिंग दी गई थी। इसके लिये कार्य में अधिक रूचि रखने वाली 9 महिलाओं का चयन किया गया है। इन महिलाओं का एक पाखी अमर उजाला फाउंडेशन महिला समूह बनाया गया है। उन्होने बताया कि अगर महिलायें इस कार्य को रूचि के साथ करेंगी तो अच्छा खासा मुनाफा कमा सकती हैं। इस मौके पर समूह कि सदस्य सहयोग देवी, मंजू देवी, सर्वेश, मनीता, अननु देवी, निर्मला, सावित्री देवी, आशा और मैट्रिक्स सोसायटी फोर सिर्विस के ब्लोक कोर्डिनटर माजिद खान मौजूद थे।
 
क्या कहती हैं फाउंडेशन समूह की हेड
  पाखी अमर उजाला फाउंडेशन महिला समूह की अध्यक्ष महेश्वरी देवी ने बताया कि वे गरीब तबके से ताल्लुक रखती हैं। गावों में कोई मजदूरी नहीं मिलती है। अधिक्तर महिलाओं को बेसाख कि लावनीरियों पर ही निर्भर रहना पडता है। अब अमर उजाला फाउंडेशन ने जो सेनेट्री नैपकिन प्रोजेक्ट कि शुरूआत की है, उससे गांव कि महिलाओं को काफी फायदा होगा। उन्होने बताया कि वह वे पहले भी घर पर ठाली बेठी रहती थी अब कम से कम परिवार के लालन-पालन के लिये कुछ हिस्सा बन सकेंगी। उन्होने बताया कि फाउंडेशन उनके गांव कि महिलाओं के लिये एक वरदान साबित होगा। उन्होने बताया कि मैट्रिक्स सोसायटी फोर सिर्विस के ब्लोक कोर्डिनटर माजिद खान और उनकी टीम इस प्रोगाम को कामयाब बनाने के लिये काफी सेहयोग कर रही है।
 
तैयार सामान को कहां बैचा जाऐगा
   महिला समूह की अध्यक्ष महेश्वरी देवी ने बताया कि महिलाओं के सामान को महिलाओं के द्वारा महिलाओं को ही बैचा जाऐगा। उन्होने इसका खुलासा करते हुऐ बताया कि उनका समूह तैयार सामान को पहले गांव कि आंगनवाडी केंद्रो, आशा वर्करों के माध्यम से बैचने का काम करेगी। माल कि अधिक्ता होने पर महिला सैल्ज मैनों कि मार्फत बाजार में भी इस प्रोडक्ट को बैचा जाऐगा। उन्होने बताया कि वे महिलाओं के लिये जो नेपकिन तैयार कर रही हंैं वह बेहतीर क्वालीटी का है। इस सामान को वे बाजार में बहुत ही कम मार्जन पर बैचेंगी।

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