नई दिल्ली : सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर शुक्रवार को चंडीगढ़ में हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई। बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के अनुसार हुई इस बैठक में एसवाईएल को लेकर पंजाब के साथ कोई सहमति नहीं बनी। श्री खट्टर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल के निर्माण के लिए कहा है. उस पर भी पंजाब सहमत नहीं है । उन्होंने कहा कि एसवाईएल का निर्माण हमारे लिए जीवन मरण का सवाल है।
अब मुख्यमंत्री इस विषय को लेकर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से बात करेंगे. यदि गजेंद्र सिंह शेखावत दोबारा मीटिंग के लिए बुलाएंगे तो आगामी कार्यवाई की जाएगी और यदि ऐसा नहीं होता तो हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। मामले में सुप्रीम कोर्ट को फैसला सुनाना है। इस बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा इस बैठक में दोनों राज्यों के मुख्य सचिव और सम्बंधित विभागों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे .
CM मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब के CM भगवंत मान से कहा कि पानी पर चर्चा बाद में कर लेंगे लेकिन पंजाब पहले नहर का निर्माण करे। लेकिन CM भगवंत मान ने मजबूती से जवाब देते हुए कहा कि जब पंजाब के पास हरियाणा के लिए पानी ही नहीं है तो फिर नहर निर्माण का सवाल ही नहीं उठता। CM मान ने कहा कि हरियाणा पानी के बंदोबस्त के लिए PM नरेंद्र मोदी से अपील करे। मान ने कहा कि साल 1981 में हुए SYL एग्रीमेंट को 42 साल बाद लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि पंजाब का भूजल स्तर नीचे जा चुका है। मान ने कहा कि पहले पंजाब के पास 4.22 मीलियन फीट पानी था और अब कुल 12.24 मिलियन एकड़ पानी रह गया है। जबकि हरियाणा के पास 14.10 मिलियन फीट पानी है। अन्य नदियों का पानी भी हरियाणा के पास है, जिसे किसी खाते में नहीं रखा गया है। पंजाब CM भगवंत मान ने कहा कि पंजाब केवल 27 प्रतिशत नदियां, नाले और नहरों का इस्तेमाल कर रहा है। जबकि 73 प्रतिशत पानी धरती से निकाला जा रहा . मान ने मीटिंग में BBMB का मामला भी उठाया और कहा कि इसमें पंजाब-हरियाणा का बराबरी का हिस्सा है तो फिर केंद्र को पानी क्यों दिया जा रहा है। BBMB में पंजाब से पावर विभाग और केंद्र से सिंचाई विभाग का सदस्य होता है।