-राहुल गांधी के बयान वाली विडियो को फर्जी तरीके से फैलाने का मामला
-फेक न्यूज मामले में 6 राज्यों में शिकायत की गई
-कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से कार्रवाई की मांग की थी
नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री और भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सहित कई सांसदों व विधायक के खिलाफ छह राज्यों में फर्जी विडियो चलाने के मामले में शिकायत की है जबकि छत्तीसगढ़ में मामला दर्ज कराया गया है. कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेरा ने कहा कि पार्टी के मिडिया प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को लिखे पत्र में इस मामले में कार्रवाई करने के लिए 24 घंटे का समय दिया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कल रात तक प्रतीक्षा की लेकिन कोई एक्शन वहां से नहीं हुआ.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में 6 राज्यों में शिकायत दर्ज करा दी गई है. बिलासपुर में f.i.r. भी आज सुबह हो गई है. झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ इन तमाम राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के खिलाफ फर्जी विडियो फैलाने की शिकायत कि गई है. इसमें भाजपा के सांसद सुब्रत पाठक, भोला सिंह सांसद और कमलेश सैनी एमएलए का नाम भी है.
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने केरल में मिडिया से बातचीत में कांग्रेस दफ्तर पर वामपंथी संगठन द्वारा की गई तोड़फोड़ को लेकर उन्हें माफ़ करने की बात की थी. उनके इस बयान को एक न्यूज चैनल ने राजस्थान में हुई हत्या के सन्दर्भ में जोड़ते हुए प्रसारित किया गया. इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने चैनल से विरोध जताया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. हालांकि उक्त चैनल ने इस मामले में माफ़ी मांगते हुए खबर का ख्नादन भी किया और इसे मानवीय भूल बताया. दूसरी तरफ भाजपा के सांसद व विधायक उक्त विडियो क्लिप को सोशल मिडिया पर कथित तौर पर फैलाने लगे. इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए भाजप अध्यक्ष जे पी नड्डा को खत लिख कर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
इस अवसर पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि छह स्थानों पर हमने शिकायत की है और एक जगह एफ आई आर दर्ज हुई है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने को विपक्ष आज क्यों मजबूर हो रहा है यह बड़ा सवाल है ? उन्होंने कहा कि आज यह चिंता का विषय है कि पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री गैर कानूनी कम करने के लिए उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज हो रही है. उन पर आरोप है फेक न्यूज़ को फैलाने का. इससे आशंका इस बात की प्रबल है कि उस वीडियो से धार्मिक उन्माद बढ़ सकता है.
प्रेस वार्ता में कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने कई ऐसे नाम भी गिनाये जो कथित तौर पर आंतकवादी हैं और भाजपा के सदस्य रहे हैं. इसमें जमू कश्मीर और राजस्थान से हुए कुछ खुलासे की बात की. कांग्रेस पार्टी ने हेट स्पीच सम्बन्धी कानून संसद में लाने का समर्थन किया लेकिन आरोप भी लगाया कि हेट स्पीच देकर लोगों को भड़काने के मामले में भाजपा के नेता ही सबसे आगे हैं.
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री जो वर्तमान में सांसद हैं के साथ दो अन्य सांसद और विधायक भी इस गैरकानूनी काम में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह सीधे प्रधानमंत्री से सवाल है कि ऐसे सांसदों और विधायकों को अखिल भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रकार के गैर सामाजिक काम में क्यों लगा रखा है ? उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार के कृत्य से इन लोगों को भारतीय जनता पार्टी में अपना प्रमोशन होने की संभावना दिखती है। उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि इन लोगों ने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है और ट्विटर ने भी उस वीडियो को रोक दिया है लेकिन इससे देश को नुकसान तो हो चुका है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ फैलाना फर्जीवाड़ा करना अलग बात है लेकिन इसका दुरुपयोग अगर आतंकियों के साथ मिलकर किया जाता है तो यह असहनीय है। उन्होंने कहा कि देश में धर्मांधता, धार्मिक उन्माद के कारण संवेदनशील स्थिति बनी हुई है और भाजपा के सांसद, विधायक कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी का नाम अनावश्यक तौर पर जोर कर फर्जी वीडियो ट्वीट करते हैं।
सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि यह कोई सामान्य बात नहीं बल्कि एक षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि ट्वीट तो डिलीट कर दिया गया लेकिन वह मैसेज आज भी व्हाट्सएप पर पूरे देश में फैल रहा है जिससे धार्मिक उन्माद बढ़ने की प्रबल आशंका है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि राहुल गांधी का नाम किसी आतंकी के साथ जोड़कर फर्जी वीडियो जारी करना उन्हें महंगा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी होना आसान बात नहीं है. जब 8 साल के थे तब दादी को गोलियों से छलनी देखा. एक नौजवान जब घर वापस आया तो अपने पिता के शरीर के अंग नहीं मिल रहे थे जिन्होंने आतंकियों का सामना किया. आखिर भारतीय जनता पार्टी के सांसदों और विधायकों की ऐसी हिम्मत कैसे होती है कि वह फर्जी ट्वीट कर इनकी छवि खराब करने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी एक सामान्य व्यक्ति से कहीं ज्यादा है. सत्य दिखाने की. झूठ का पर्दाफाश करने की. आतंकियों के खिलाफ हमलावर होने की और देश का माहौल ठीक करने की। उन्होंने सवाल किया कि देश के प्रधानमंत्री जब तेलंगाना में लगभग आधे घंटे के अपने भाषण में देश में शांति कायम रखने की अपील नहीं करते हैं तो इससे और चिंता पैदा होती है। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय जनता पार्टी के चुने हुए सांसदों और विधायकों का झूठ फैलाने का मनोबल बढ़ता है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सोशल मीडिया को हमें जनसामान्य के लिए रक्तदान प्लेटफार्म बनाना होगा। ऐसा प्लेटफार्म हो जहां आम आदमी, सरकार की नीतियों पर बात कर सके. अपने सुझाव दे सके और देश की राजनीति के लिए सकारात्मक रुख अपनाये लेकिन सोशल मीडिया का इस्तेमाल देश के चुने हुए सांसद और विधायक फर्जीवाड़ा फैलाने के लिए कर रहे हैं. यह अब बर्दाश्त से बाहर है। इसलिए ही हम अब कानून सम्मत कदम अवश्य उठाएंगे। उन्होंने कहा कि एक प्राइवेट न्यूज़ चैनल ने जिस तरह से गैर जिम्मेदाराना हरकत की है, गलत वीडियो प्रसारित की. उसे अब भाजपा के सांसद और विधायक देश में प्रचारित करने में लगे हुए हैं।