– कहा, मेरा पानी मेरी विरासत योजना के लिए भी किसानों को जागरूक करें
गुरुग्राम । अतिरिक्त गन्ना आयुक्त डा. जगदीप बरार ने गांव किरण की खेड़ली में किसानों को ‘मेरा पानी – मेरी विरासत’ योजना के बारे में जागरूक करते हुए उन्हें फसल विविधीकरण योजना-2021 अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर उन्होंने किसानों को शपथ दिलवाई कि वे धान की फसल छोड़कर अन्य फसल को खेतों में उगाएंगे व मेरा पानी मेरी विरासत योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएंगे ।
अतिरिक्त गन्ना आयुक्त डा जगदीप सिंह बरार ने बताया कि इस योजना के तहत जिन किसानो ने पिछले वर्ष अपने धान के क्षेत्र को वैकल्पिक फसलों द्वारा विविधिकरण किया था तथा चालू खरीफ सीजन में भी यदि वे उस खेत में वैकल्पिक फसलों की बिजाई करते है, तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि 7000/-रु0 प्रति एकड़ दी जाएगी। इस योजना के अर्न्तगत जो किसान पिछले वर्ष धान बिजित क्षेत्र में चारे की फसल लेते है या अपने खेत को खाली रखते है तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सभी वैकल्पिक फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदा जाएगा।
इस फसल विविधिकरण योजना के अर्न्तगत सभी वैकल्पिक फसलों का बीमा भी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा करवाया जाएगा जिसके प्रीमियम की अदायगी प्रोत्साहन राशि से की जाएगी। आयुक्त ने कहा कि मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल खुला है उस पर ज्यादा से ज्यादा किसान पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें। स्कीम के तहत धान की फसल को छोडकर मूंग, मोठ, उरद, सोयाबीन, अरहर, खरीफ तिलहन व फल, फूल तथा सब्जी की बिजाई अथवा खाली छोडने की एवज में 7 हजार रुपए प्रति एकड के हिसाब से हरियाणा सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है।
अतिरिक्त गन्ना आयुक्त डाँ जगदीप सिंह बरार ने इस योजना के क्रियान्वित करने की जानकारी देते हुए बताया कि फसल विविधिकरण को बढावा देने तथा तकनीकी जानकारी हेतू किसानों को गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा वैकल्पिक फसलें बिजाई करने हेतू पूर्ण जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने हेतू इच्छुक किसानों को मेरा पानी मेरी विरासत” पोर्टल आगामी 25 जून तक पंजीकरण करना होगा।उन्होने बताया कि गतवर्ष स्कीम के तहत लाभार्थी कृषक ने यदि इस वर्ष भी धान व बाजरे के अलावा उपरोक्त किसी भी फसल की बिजाई की है तो वह कृषक भी इस स्कीम के तहत लाभ लेने का पात्र होगा। इस वर्ष किसानो की सुविधा को देखते हुए मेरा पानी-मेरी विरासत का पंजीकरण मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के पोर्टल पर ही किया जाना है, जोकि एफएएसएएल.एचएआरवाईएएनए.जीओवी.आईएन (fasal.haryana.gov.in) पर उपलब्ध है।
कृषि उपनिदेशक प्रताप सिंह सभरवाल ने किसानों से आह्वïान किया है कि किसान धान को छोडकर दूसरी फसलो की बिजाई करे ताकि किसान सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान का लाभ उठाते हुए आने वाली पीढिय़ों के लिए जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान कर सके।
इस मौके पर उप कृषि निदेशक डॉ प्रताप सिंह सभरवाल व सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ मनमीत यादव व कृषि विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।