शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Font Size

पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला

प्रदर्शनकारी कर रहे थे आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग 

गुरुग्राम : गुरुग्राम में पांच शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार 2साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला अब सड़कों पर आ गया है. लगभग तीन सप्ताह हो चले हैं, उन आरोपी दरिंदों को गुरुग्राम पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है लेकिन शुक्रवार को दोपहर गोशाला मैदान में इस जघन्य अपराध के खिलाफ आवाज उठाने वाले 9 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनकी आवाज दवाने की कोशिश की है. गिरफ्तार लोगों में अखिल भारतीय हिन्दू क्रांति दल,  शिव सेना ,  नारी बुलन्द आवाज समिति व क्राइम फॉर इंडिया फ़ोर्स के पदाधिकारी व प्रमुख सदस्य शामिल हैं. बताया जाता है कि सभी को सेक्टर 15 पुलिस स्टेशन में रखा गया है. उनकी गिरफ्तारी को लेकर शहर की आम जनता में भारी रोश है और सभी सामाजिक संगठनों ने पुलिस की इस कारवाई की घोर निंदा की है साथ सभी को तत्काल रिहा करने की माँगा की है.  

 

उल्लेखनीय है कि इस जघन्य अपराध के प्रति पुलिस की संवेदनहीनता व निष्क्रियता के विरोध में अखिल भारतीय हिन्दू क्रांति दल,  शिव सेना, नारी बुलन्द आवाज समिति व क्राइम फॉर इंडिया फ़ोर्स सहिशांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार 3त कई सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से विरिध प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष अपने हाथों  में पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लिखे तख्तियाँ लेते हुए नारेबाजी कर रहे थे. प्रदर्शनकारी गौशाला मैदान से फब्बारा चौक की ओर आगे बढ़ रहे थे. यहाँ भारी पुलिस बल तैनात थे.

 

पुलिस ने उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका. पुलिस की नाकामियों को उजागर करने के लिए किये जा रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे प्रमुख लोगों में से अखिल भारतीय हिन्दू क्रांति दल,  शिव सेना,  नारी बुलन्द आवाज  समिति व क्राईम फॉर ईंड़िया फोर्स जैसे सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के राजीव मित्तल ,   माही शर्मा , रितुराज ,  कुमार  धनराज , संजय ठकराल , सत्यप्रताप , सुषमा त्यागी , राजबाला, सोनिया व गौतम सैनी सहित 9 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया और सभी को सेक्टर 15 थाने में जबरन रखा गया है.

 

इधर इस गिरफ्तारी को लेकर शहर के लोगोंशांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार 4 में काफी रोष है. लोगों का कहना है कि गुरुग्राम में अजीब परिस्थिति देखने को मिल रहा है. यहाँ अपनी परेशानी हो या समाज की समस्याएँ प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने से पुलिस व प्रशासन को परेशानी होती है और वे निर्दोष लोगो को गिरफ्तार करने में देरी नहीं करते हैं जबकि मासूम की जिन्दी से खिलवाड करने वाले अपराधी यहाँ खुलेआम घूमते हैं. इससे पता लगता है कि पुलिस पूरी तरह निष्क्रिय है. 

 

कई लोगों ने कहा कि इस शहर में मंत्री , विधायक व सांसद के साथ साथ दर्जनों आई ए एस व आई पी एस अधिकारी रहते हैं लेकिन ऐसी घटनाओं पर कोई अंकुश नहीं है और न ही वे लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार 5बोलने को तैयार हैं. जब सामाजिक संगठन इस समस्या को लेकर सामने आते हैं तो पुलिस का दमनकारी चेहरा सामने आता है. अपराध के खिलाफ बोलने वाले आम लोगों की आवाज को दबाया जाता है. और आज जिस तरह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने उनके अधिकारों से वंचित करते हुए गिरफ्तार कर गैरकानूनी तरीके से थाने में बैठा रखा है वह पुलिस का असली चेहरा दिखाने वाला है.

 

आश्चर्यजनक बात तो यह है कि सत्ता पक्ष  के नुमाईंदे भी ऐसी घटनाओं के प्रति बेपरवाह हैं. हिन्दू क्रांति दल के महामंत्री राजीव मित्तल का कहना है कि सभी को 5 साल की बच्ची के साथ हुए बलात्कार और निर्मम हत्या की पूरी जानकारी है, परन्तु सब मौन है. बलात्कारी दरिंदा अब भी खुलेआम  घूम रहा है और पुलिस औपचारिकताओं में व्यस्त है. आम जनता की किसी को फिक्र नहीं है. कुछ साल पहले इसी 16 दिसंबर को दिल्ली में निर्भय कांड हुआ था. तब देश आंदोलित हो गया था और राजनितिक व प्रशासनिक लोगों ने देश को यह आशवासन दिया था कि इसे अब कभी भी दोहराने नहीं दिया जाएगा. लेकिन मानवता को कलंकित करने वाली घटनाएं यहाँ रोज होतीं हैं और पुलिस ऐसे लोगों को सजा दिलाने में नाकाम रहती है.

 

कभी शांत शहर के रूप में जाना जाने वालाशांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार 6 यह शहर गुरुग्राम अब पूरी तरह अपराधियों की शरण स्थली बन गया है. इसलिए आम लोगों व सभी सामाजिक संगठनों को एकजुट होकर इस गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिए और पांच वर्ष की मासूम के साथ अमानवीय कृत्य करने वालों को कठोर सजा दिलवाने का प्रशासन पर दवाव डालना चाहिए. जरूरत है इस असामाजिक कुकृत्य के खिलाफ हल्ला बोलने की और ऐसी विकलांग व्यवस्था के खिलाफ पुरजोर विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरने की.

You cannot copy content of this page