फरीदाबाद। फरीदाबाद में कोरोना संक्रमण का भय इस कदर लोगों को व्याप्त हो चुका है कि पुलिस और प्रशासन दिन में ही बाजारों में दुकानें खोलने से मना करने लगे है। हालांकि हरियाणा सरकार ने इस तरह की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है बल्कि सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि शाम 6:00 बजे तक दुकानें खुल सकती हैं। लेकिन स्थानीय पुलिस अपने अपने इलाके में दुकानदारों को सोमवार को दिन में भी दुकानें खोलने से मना करते रहे। कई दुकानदार परेशान दिखे और पुलिस के सामने बेबस थे।
बात करें फरीदाबाद के व्यस्ततम बीके चौक की तो एनआईटी की ओर जाने वाली सड़क पर पीसी ज्वेलर्स, वोडाफोन के दफ्तर, मान्यवर शोरूम, पीटर इंग्लैंड के शोरूम, रेमंड शॉप, फैबइंडिया अनुपम रेस्टोरेंट, तनिष्क शोरूम जैसे बड़े-बड़े शोरूम भी आज बंद रहे। क्योंकि इलाके की पुलिस ने उन्हें दिन में भी दुकानें नहीं खोलने दी।
युवा दुकानदार का कहना था कि हरियाणा सरकार ने इस प्रकार की कोई गाइडलाइन नहीं जारी की है। बावजूद इसके फरीदाबाद की पुलिस ने उन्हें आज दुकान नहीं खोलने दी। उनका कहना था कि एक तरफ शहर के बड़े बड़े मॉल खुले हुए हैं जहां सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं हो रहा है। वहां कोई देखने वाला नहीं है। मॉल्स में सभी दुकानें खुली हुई हैं। क्योंकि वहां पुलिस का प्रवेश आसानी से नहीं होता जबकि बाजारों में पुलिस मनमानी कर रही है।
इसतरह व्यापत चौपट हो जाएगा, दुकानदारों को अपनी दुकानों का किराया भी निकालना मुश्किल होगा क्योंकि एक तरफ ग्राहक लगभग हजारों में नगण्य हो चुके हैं तो दूसरी तरफ पुलिस की भैंस के सामने दुकानदार दुकान नहीं खोल पा रहे।
उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम और फरीदाबाद हरियाणा की दो ऐसे जिले हैं जहां सर्वाधिक पूर्णा संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं ऐसे में सरकार ने संबंधित जिले के उपायुक्तों को धारा 144 लागू करने का अधिकार दिया है। लेकिन धारा 144 लागू होने पर केबल सार्वजनिक जगह पर 4 से अधिक व्यक्ति एक जगह एकत्र नहीं हो सकते। किसी को खरीदारी करने से किसी प्रकार की मनाही नहीं है। वैसे ही शादियों के इस सीजन में हजारों परिवार परेशान हैं। क्योंकि उन्होंने 6 माह पहले से ही अपने बेटे बेटियों की शादियों की तिथियां अप्रैल और मई माह के दौरान निर्धारित कर रखी हैं। ऐसे में उनके लिए सीमित तरीके से ही शादी करने के लिए खरीदारी आवश्यक है लेकिन दुकाने नहीं खुल रही है।
दुकानदारों का कहना है कि इससे ग्राहक तो परेशान हैं साथ ही व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इसके कारण दुकानों में काम करने वाले हजारों वर्कर भी अब रोजगार के बिना इन शहरों से पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे।